झुंझुनूं : कट, कॉपी व पेस्ट से उठा लिए लाखों रुपए
लेकिन इसमें दो साल की इन्टर्नशिप करना अनिवार्य कर दिया गया। इसमें बेरोजगारों को सरकारी कार्यालयों में प्रतिदिन चार घंटे काम करना होता है। हर माह विभाग/कार्यालय के मुखिया से हाजिरी का सत्यापन करवाना होता है। लेकिन 69 युवाओं ने फर्जी तरीके से हाजिरी भरकर भत्ता उठा लिया।
झुंझुनूं : बेरोजगारी भत्ता उठाने के लिए फर्जीवाड़े का बड़ा खेल चल रहा है। झुंझुनूं जिले में ही केवल फर्जी दस्तावेजों के जरिए ही 9 लाख 36 हजार 898 रुपए उठा लिए गए। जबकि गलत दस्तावेजों के जरिए भी लाखों रुपए का भत्ता उठाए जाने का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा होने पर विभाग अब वसूली में जुटा है। जिला रोजगार कार्यालय ने जनवरी 2022 से लेकर अब तक फर्जी हाजिरी के 69 मामले पकड़े हैं। वहीं फरवरी 2019 से अब तक 208 आवेदक ऐसे हैं जिन्होंने गलत दस्तावेज लगाकर भत्ता उठा लिया। विभाग ने उनसे ब्याज सहित 35 लाख 46 हजार 549 रुपए वसूले हैं।
दरअसल पहले आवेदन करने पर घर बैठे ही भत्ता मिल जाता था। एक जनवरी 2022 से मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना की राशि बढ़ाकर युवकों के लिए 4000 व युवतियों के लिए 4500 रुपए मासिक कर दी गई। लेकिन इसमें दो साल की इन्टर्नशिप करना अनिवार्य कर दिया गया। इसमें बेरोजगारों को सरकारी कार्यालयों में प्रतिदिन चार घंटे काम करना होता है। हर माह विभाग/कार्यालय के मुखिया से हाजिरी का सत्यापन करवाना होता है। लेकिन 69 युवाओं ने फर्जी तरीके से हाजिरी भरकर भत्ता उठा लिया। उन्होंने कट, कॉपी व पेस्ट से कूटरचित दस्तावेज को पोर्टल पर अपलोड कर दिया। लेकिन हाजिरी की क्रोस जांच की तो पूरी गड़बड़ी पकड़ी गई।
पहले गलती की, फिर जमा भी करवाए
पौंख क्षेत्र के योगेन्द्र ने फर्जी तरीके से बेरोजगारी भत्ता उठा लिया। जांच के बाद उसने 35 हजार 117 रुपए वापस भी जमा करवा दिए हैं।
टमकोर क्षेत्र के अशोक ने भी फर्जी तरीके से हाजिरी भेज दी। जांच में गडबड़ी सामने आई। उसे बुलाया। गलती मानते हुए उसने विभाग को वापस 22920 रुपए जमा करवा दिए।
ढाणा क्षेत्र के सुनील ने भी भत्ते के लिए गलत तरीके से हाजिरी भेज दी। बाद में उसने गलती स्वीकार कर ली। ब्याज सहित 19200 रुपए जमा करवा दिए।
नयासर क्षेत्र के मंजीत ने ऑनलाइन फर्जीवाडा किया। फर्जी हाजिरी भेजी। अब जांच में खुलासा होने के बाद उसने 19100 रुपए वापस जमा करवा दिए हैं।
वार्षिक आय दो लाख से ज्यादा होने के बावजूद भत्ता लिया।
नियमित अध्ययनरत होने के बावजूद भत्ता लिया।
स्वयं का रोजगार व स्वरोजगार होने के बावजूद भत्ता उठाया।
केन्द्र या राज्य सरकार की योजना में छात्रवृति, सहायता या लाभ प्राप्त किया फिर भी भत्ता ले लिया।
एक परिवार में दो ही व्यक्ति भत्ते के लिए पात्र हैं, लेकिन तीसरे ने भी भत्ता ले लिया।
विवाह के बाद पति व सास-ससुर की आय दो लाख रुपए से ज्यादा होने के बावजूद भत्ता उठा लिया।
माता-पिता की सरकारी नौकरी के बावजूद भत्ता उठा लिया।
नवम्बर 2018 से अब तक जिले में कुल 29 हजार 779 युवा बेरोजगारी भत्ता उठा चुके। इसमें 86 करोड़, 61 लाख, 61 हजार 691 रुपए सीधे खातों में जमा भी हो चुके। अकेले अगस्त माह में चार करोड़ सत्रह लाख 90 हजार 958 रुपए बेरोजगार युवाओं के खातों में डाले गए।
ब्याज सहित वसूली कर रहे हैं
योजना युवाओं के लिए बहुत अच्छी है। नवम्बर 2018 से अब तक 29779 युवा 86 करोड़ से ज्यादा राशि का बेरोजगारी भत्ता उठा चुके हैं। लेकिन कुछ युवा गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं। उनसे अब ब्याज सहित वसूली कर रहे हैं। युवाओं को फर्जीवाड़ा करने से बचना चाहिए। इसमें एफआइआर दर्ज करवाने का भी प्रावधान है।
-दयानंद यादव, जिला रोजगार अधिकारी, झुंझुनूं