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डिटेन के बाद फौजी की तबियत बिगड़ी, हॉस्पिटल में मौत:डेढ़ करोड़ के इंश्योरेंस के लिए मजदूर का मर्डर कर कार में जलाया था


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डिटेन के बाद फौजी की तबियत बिगड़ी, हॉस्पिटल में मौत:डेढ़ करोड़ के इंश्योरेंस के लिए मजदूर का मर्डर कर कार में जलाया था

होली के दिन झुंझुनूं जिले के बलरिया गांव में खुद की कार को आग लगाकर सेना के एक जवान ने खुद के जिंदा जलकर मौत हो जाने का षड़यंत्र रचा। लेकिन रविवार को फोजी विकास भास्कर पुलिस को जिंदा मिला। पुलिस के पकड़ में आने के बाद सोमवार को अपराध बोध में आकर उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी। अब कार में जिंदा कौन जला था, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

नवलगढ़ (झुंझुनूं) : फौजी ने डेढ़ करोड़ का इंश्योरेंस पाने के लिए खुद की मौत का नाटक किया। इसके लिए उसने खेतिहर मजदूर का मर्डर किया और उसे अपनी कार में डालकर आग लगा दी। सोमवार दोपहर को झुंझुनूं के बीडीके हॉस्पिटल में इलाज के दौरान फौजी की मौत हो गई। वह आज ही पुलिस को अपने मुकुंदगढ़ थाना इलाका में डूंडलोद गांव में अचेत हालत में मिला।

मामला झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ थाना इलाके का है। फौजी विकास भास्कर (25) को पुलिस ने सुबह ही हिरासत में लिया तब उसकी हालत गंभीर थी, माना जा रहा है कि गिरफ्तारी के डर से उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। पुलिस पहले उसे मुकुंदगढ़ राजकीय हॉस्पिटल लेकर पहुंची, जहां से झुंझुनूं के बीडीके हॉस्पिटल लेकर आ गई। विकास श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) में पोस्टेड था।

खेत में काम करने वाले महेश की हत्या कर, शव को कार में जला दिया।
खेत में काम करने वाले महेश की हत्या कर, शव को कार में जला दिया।

24 मार्च की रात साजिश को अंजाम देकर दिल्ली भागा

24 मार्च की रात 10.30 बजे मुकुंदगढ़ थाना इलाके में डूंडलोद-बलरिया अंडरपास में एक कार में आग लग गई। कार विकास भास्कर की थी। ऐसे में कार में फौजी के जिंदा जलने की बात पर हड़कंप मच गया। कार के पास खड़े होकर फौजी के कजिन भाई सोनू चिल्लाने लगा कि विकास गाड़ी में जिंदा जल गया। मुकुंदगढ़ पुलिस के साथ मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड़ ने आग पर काबू पाया। इसके बाद पुलिस ने डीएनए सैंपल लेकर शव विकास भास्कर के परिजनों को सौंप दिया। शव का अंतिम संस्कार भी हो गया।

मुकुंदगढ़ थाना एसएचओ महेंद्र ने बताय़ा- कार में जिंदा जलने वाला युवक फौजी विकास भास्कर नहीं था। बल्कि उसके खेत में काम करने वाला मजदूर डूंडलोद निवासी महेश मेघवाल था। महेश का मर्डर कर उसे कार में जिंदा जलाया गया था। इस मामले का खुलासा विकास फौजी के एक फोन कॉल से हुआ। यह कॉल उसने 24 मार्च की घटना के बाद अपने ममेरे भाई को किया था। विकास ने रुपए मांगे थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वारदात के बाद विकास 24 मार्च को ही दिल्ली चला गया था। चार दिन बाद वह ट्रेन से वापस झुंझुनूं आ रहा था। इस दौरान उसने ट्रेन में सवार मेहरादासी निवासी एक युवक से फोन मांगा और अपने ममेरे भाई को कॉल किया। उसने मोबाइल पर ही रुपए भेजने की बात कही। ममेरे भाई ने रुपए भेजने से मना कर दिया।

फोन देने वाले युवक ने की पहचान

पुलिस की शिकंजा कसा तो ममेरे भाई ने अपने परिजनों को सच्चाई बता दी। यह जानकारी पुलिस को दी गई। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस मेहरादासी निवासी के युवक के पास पहुंची। उसे विकास भास्कर की फोटो पहचान के लिए दिखाई गई, जिसे युवक ने पहचान लिया। अब साफ हो गया कि विकास ने साजिश रची थी।

हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। जब महेश मेघवाल के मर्डर की बात सामने आई तो लोग उसके घर (डूंडलोद) जुटने लगे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार विकास 7 साल पहले फौज में भर्ती हुआ था। वह ऑन लाइन ट्रेडिंग करता था। इसके कारण उसको बड़ा घाटा हो गया था। इसे चुकाने के लिए उसने पिछले महीने डेढ़ करोड़ रुपए का दुर्घटना बीमा कराया था। इसी का क्लेम उठाने के लिए उसने साजिश रची। इस मामले में जल्द ही एसपी राजर्षि राज वर्मा प्रेस वार्ता कर मामले का खुलासा करेंगे।

जांच में खुली मामले की परतें

24 मार्च की रात वारदात के बाद 25 मार्च को पुलिस मौके (जहां कार जली थी) पर एफएसअल टीम के साथ पहुंची। टीम ने शव का डीएनए लिया। इसके बाद विकास के परिवार के सदस्यों का डीएनए लिया। कार की पहचान होने के बाद शव विकास के परिजनों को सौंप दिया गया।

महेश के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई

मुकुंदगढ़ थाना एसएचओ महेंद्र ने बताय़ा- धुलंडी के अगले दिन डूंडलोद निवासी महेश मेघवाल (42) के परिजन थाने आए और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 27 मार्च को महेश मेघवाल के परिजनों ने दावा किया कि कार में जलने वाला विकास नहीं बल्कि महेश था। इस दावे की जांच की गई तो पता चला कि 24 मार्च की शाम 4:48 बजे महेश मेघवाल आखिरी बार विकास की कार में बीदसर शराब ठेके के पास नजर आया था। इससे कुछ मिनट पहले महेश का मोबाइल शाम 4:37 बजे स्विच ऑफ हो गया था।

मुकुंदगढ़ थाना पुलिस ने महेश के पिता नारायणराम और बेटे का डीएनए सैंपल लिया गया। परिजनों को साथ लेकर पुलिस दोबारा मौका स्थल पहुंची। कार की तलाशी ली गई जिसमें महेश के भतीजे सुनील को कार के अंदर जला हुआ मोबाइल मिला। यह सीट के नीचे की जगह था। सुनील ने दावा किया कि मोबाइल महेश का है। इस घटना में विकास का मोबाइल घटनास्थल से 70 मीटर दूर मिला था। महेश के परिजनों ने शव की मांग की। लेकिन शव विकास का बताकर उसके परिजनों को सौंपा जा चुका था और अंतिम संस्कार भी हो गया था।

ऐसे में पुलिस ने विकास व महेश की कॉल डिटेल खंगालनी शुरू की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। वारदात की रात आग लगने की घटना से कुछ मिनट पहले (24 मार्च) रात 10.21 बजे विकास एक दुकान से हाथ धोने का साबुन खरीदता दिखा। इसके बाद कार में जाता नजर आया। इसके कुछ 5 से 10 मिनट में गाड़ी में आग लग जाती है, जिससे गाड़ी में एक व्यक्ति जिंदा जल जाता है।

विकास के खेतों में काम करता था महेश
महेश के पिता नारायणाराम ने बताया कि इन दिनों महेश विकास के साथ ही गाड़ी में घूम रहा था, कुछ दिनों पहले सरसों बेचने के लिए भी दोनों नवलगढ़ गए थे, इसके बाद वे झुंझुनूं भी गए थे। महेश करीब 15 सालों से विकास के पिता रामकुमार के पास ही खेती बाड़ी का काम संभालता था, हालांकि महेश शराब का आदी था।

विकास को अचेत हालत में मुकुंदगढ़ सीएचसी लेकर आए
विकास को अचेत हालत में मुकुंदगढ़ सीएचसी लेकर आए
मामला सामने आने के बाद महेश मेघवाल के घर पर जमा लोग
मामला सामने आने के बाद महेश मेघवाल के घर पर जमा लोग
विकास भास्कर एक महीने से छुट्टी पर आया हुआ था।
विकास भास्कर एक महीने से छुट्टी पर आया हुआ था।
24 मार्च की रात गाड़ी में आग लगी थी।
24 मार्च की रात गाड़ी में आग लगी थी।

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