बीजेपी से निष्कासित नेताओं की घर वापसी खटाई में, प्रदेश मुख्यालय पर बुला कर भी ज्वॉइन नहीं करवाया, निराश नेता देर रात बैरंग वापस लौटे
बीजेपी से निष्कासित नेताओं की घर वापसी खटाई में, प्रदेश मुख्यालय पर बुला कर भी ज्वॉइन नहीं करवाया, निराश नेता देर रात बैरंग वापस लौटे

झुंझुनूं/जयपुर : जयपुर बीजेपी ऑफिस में आज अलग नजारा दिखा। बीजेपी जॉइन करने पहुंचे बागी नेता घंटों ऑफिस में बैठे रहे। किसी ने इनकी सुध तक नहीं ली। करीब 4 घंटे इंतजार करने के बाद किसी ने भी पार्टी जॉइन नहीं करवाई। इसके बाद बिना पार्टी जॉइन किए वापस लौट गए।
इनमें फतेहपुर से पूर्व विधायक नंद किशोर महरिया, बीजेपी के झुंझुनूं से विधानसभा प्रत्याशी रहे नेता राजेन्द्र भामूं, कैलाश मेघवाल, मधुसूदन भिंडा सहित 24 से ज्यादा नेता शामिल थे। जिस समय ये लोग बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे। कार्यालय में प्रदेश चुनाव प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे मौजूद थे। वे कार्यालय में ही चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक ले रहे थे। घंटों इंतजार के बाद भी जॉइनिंग नहीं होने पर इन नेताओं ने कार्यालय में मौजूद नेताओं को खरी खोटी भी सुनाई।

विधानसभा चुनावों में की थी पार्टी से बगावत
दरअसल, आज बीजेपी कार्यालय पहुंचे नेताओं में पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया भी शामिल थे। महरिया 2003 और 2008 में फतेहपुर विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। 2013 में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने। आज बीजेपी कार्यालय पहुंचने पर उन्होंने कहा- हमेशा भाजपा से मेरी पृष्ठभूमि रही है। बड़े भाई बीजेपी से सांसद रहे हैं। हम हमेशा भाजपा से जुड़े रहे हैं। कुछ दिनों के लिए अलग रहे। 2013 में विधायक बनने के बाद भी बीजेपी के साथ रहा।
घर वापसी के लिए प्रदेश कार्यालय में इंतजार करते कैलाश मेघवाल व राजेंद्र भाम्बू
वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी से बागी होकर झुंझुनूं विधानसभा सीट से लड़ने वाले राजेन्द्र भामूं ने कहा- मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता रहा हूं। 2023 में किन्हीं परिस्थितियों की वजह से मजबूरन मुझे चुनाव लड़ना पड़ा। मेरी गलती का मुझे अहसास भी है।
वहीं, फतेहपुर से ही पिछला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ने वाले मधुसूदन भिंडा, पिलानी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले कैलाश मेघवाल, झुंझुनूं के पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष शर्मा, पिलानी प्रधान बिरमा देवी सहित बीजेपी से निष्कासित कई नेता आज बीजेपी कार्यालय फिर से पार्टी जॉइन करने पहुंचे थे।

जॉइनिंग नहीं होने का कारण, स्थानीय नेताओं की नाराज़गी
झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र के इन नेताओं की जॉइनिंग नहीं होने के पीछे स्थानीय नेताओं की नाराजगी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो इन नेताओं के बीजेपी कार्यालय पहुंचने पर झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र के कई स्थानीय नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को फोन करके अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी।
प्रदेश कार्यालय पहुंचे कैलाश मेघवाल मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए।
फतेहपुर विधानसभा से 2023 में बीजेपी प्रत्याशी रहे श्रवण चौधरी ने खुलकर इन नेताओं की जॉइनिंग का विरोध किया है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने पिछले 5 चुनाव बीजेपी को हराए हैं। उन लोगों को पार्टी जॉइन नहीं करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नंदकिशोर महरिया और मधुसूदन भिंडा ने हमेशा पार्टी को हराने का काम किया है। जब इनके जॉइनिंग की खब़र कार्यकर्ताओं को लगी तो कार्यकर्ताओं में निराशा छा गई। हमारी पार्टी से अपील है कि इन लोगों को पार्टी जॉइन नहीं कराई जाए।

बीजेपी से निष्कासित नेताओं की घर वापसी खटाई में, प्रदेश मुख्यालय पर बुला कर भी ज्वॉइन नहीं करवाया, निराश नेता देर रात बैरंग वापस लौटे pic.twitter.com/XiJgClp7gg
— जनमानस शेखावाटी (@Jan_Shekhawati) March 27, 2024
अरूण चतुर्वेदी- ये लोग बिना सूचना के आए
बीजेपी की प्रदेश स्तरीय जॉइनिंग कमेटी के चेयरमैन अरूण चतुर्वेदी ने कहा- ये लोग बिना सूचना के आए थे। इनके आने की मुझे भी कोई जानकारी नहीं थी। हमारे यहां एक प्रक्रिया के तहत जॉइनिंग होती है। जिनके भी नाम आते है। उनके नाम पर विचार विमर्श किया जाता है। एक पूरी प्रक्रिया के तहत उनकी जॉइनिंग होती है।
जॉइनिंग नहीं होने के मामले में झुंझुनूं से 2018 में बीजेपी के प्रत्याशी रहे राजेन्द्र भामूं ने कहा- हम हमारे जिले के जॉइनिंग कमेटी के इंचार्ज ओमेन्द्र चारण के कहने पर जयपुर आए थे। जयपुर में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी नहीं थे। इसलिए जॉइनिंग नहीं हो सकी।