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जानलेवा उल्टी, एक महीने में परिवार में 3 मौतें:14 दिन से घर में अचानक लग रही आग, सच जानने के लिए जमीन से निकाली लाश


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जानलेवा उल्टी, एक महीने में परिवार में 3 मौतें:14 दिन से घर में अचानक लग रही आग, सच जानने के लिए जमीन से निकाली लाश

जानलेवा उल्टी, एक महीने में परिवार में 3 मौतें:14 दिन से घर में अचानक लग रही आग, सच जानने के लिए जमीन से निकाली लाश

सादुलपुर : चूरू के सादुलपुर के भेंसली गांव के एक घर में एक महीने से हैरान कर देने वाली डरावनी घटनाएं हो रही हैं। 1 फरवरी को परिवार की 82 साल की महिला की मौत हो गई। सुबह 6 बजे के आसपास उल्टी हुई। घरवाले हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

13 फरवरी को परिवार के 4 साल के बच्चे गर्वित को उल्टी हुई और हॉस्पिटल लेकर गए, तब तक उसकी भी मौत हो गई। 28 फरवरी को गर्वित के भाई 7 साल के अनुराग की मौत हो गई, वजह- उल्टी। तीन मौतों के बाद से 29 फरवरी से घर में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया। कभी दीवार पर टंगे कपड़ों में, कभी बिस्तर में और कभी पशुओं के चारे में आग लग जाती है।

आग कौन लगा रहा है? कैसे लग रही है? इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं। अचानक आग लगने से सिर्फ घरवाले ही नहीं, पूरा गांव दहशत में आ गया है। हालत ये है कि घर का सारा सामान बाहर निकाल लिया गया है। घर के सदस्यों के साथ-साथ गांव वाले भी दिन-रात यहां पहरा दे रहे हैं। हाल ये है कि सच तक पहुंचने के लिए पुलिस को जमीन में दफनाया शव निकालना पड़ा।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

आग लगने के डर से घर का पूरा सामान आंगन में रखा हुआ है।
आग लगने के डर से घर का पूरा सामान आंगन में रखा हुआ है।

इस पूरे मामले के सच को जानने के लिए हमारी मीडिया की टीम भेंसली गांव पहुंची। बस स्टैंड पर पहुंचने के बाद किसी से भी भूपसिंह (33) का घर पूछने पर वह यही कहता है कि वो आग वाला घर। फिर पूछता है कि आप क्या कुछ उपाय करने आए हैं।

रिपोर्टर ने अपना परिचय दिया तो एक युवक भूपसिंह के घर तक ले गया। रास्ते में उसने बताया ….साब, ऐसा तो हमने कभी नहीं देखा। घर में अचानक कहीं भी आग लग जाती है। कभी किसी के कपड़ों में, कभी बिस्तरों में। मैंने अपनी आंखों से देखा है।

फिर बोला – 1 फरवरी से लेकर 28 फरवरी के बीच इस घर में तीन मौतें हो गईं। इनमें दो तो बच्चे शामिल हैं और उनकी दादी।

मौत कैसे हुई? इस सवाल पर उसने बताया कि पता नहीं। तीनों की अलग-अलग दिन मौत हो गई, लेकिन तरीका एक ही था। पहले उल्टी हुई और फिर मौत हो गई।

इसी बीच भूपसिंह का घर आ गया। यहां लोगों की भारी भीड़ जमा थी। घर का सारा सामान घर से बाहर रखा था। गांव वालों ने स्प्रे करने वाली दो मशीनों में पानी भरकर आग बुझाने के लिए रखा हुआ है।

आग बुझाने के लिए पानी स्प्रे करने की मशीन मौके पर रखी गई है।
आग बुझाने के लिए पानी स्प्रे करने की मशीन मौके पर रखी गई है।

पड़ोसियों को भी लग रहा डर

हमारी मुलाकात यहां भूपसिंह के पड़ोसी ओमप्रकाश से हुई। वे बताते हैं कि 60 साल में मैंने इस तरह का मामला नहीं देखा है। 29 फरवरी की बात है। उस दिन सबसे पहले घर में आग लगी थी। तब घर के सदस्यों ने ही उसे बुझा दिया था। किसी ने इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया।

इसके बाद अगले दिन फिर आग लग गई। ऐसा तीन-चार बार हुआ। इसके बाद हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है, लेकिन क्या है, ये किसी को नहीं मालूम। अब तो हमें डर लगने लगा है। चाहे तब किसी भी जगह आग लग जाती है। कभी-कभी तो आग बुझाने के बाद फिर भड़क जाती है।

गांव के होशियार सिंह ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए 2 ट्रैक्टरों पर पानी स्प्रे करने की मशीन मौके पर लगाई गई है। जब भी आग लगती है, हम इसे बुझा देते हैं, लेकिन आग लगने की घटना रुक नहीं रही है।

फरवरी महीने में घर में तीन मौत हो गई थी। उस दौरान परिजनों को सांत्वना देने लगातार लोग पहुंच रहे थे।
फरवरी महीने में घर में तीन मौत हो गई थी। उस दौरान परिजनों को सांत्वना देने लगातार लोग पहुंच रहे थे।

एक महीने में तीन मौत के बाद शुरू हुआ सिलसिला

पड़ोसियों से बात करने के बाद हम घर के सदस्य भूपसिंह से मिले। भूपसिंह ही इस घर के मालिक हैं। उनके पिता की मौत हो चुकी है, लेकिन दादा अभी जिंदा हैं।

भूपसिंह ने बताया कि मेरी दादी किस्तूरी (82) पत्नी हरिसिंह की मौत एक फरवरी को हो गई थी। उन्हें सुबह 6 बजे के आसपास उल्टी हुई थी। हम उन्हें हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उनकी मौत के बाद के सारे कार्य हमने किए।

इसी दौरान 13 फरवरी को मेरे 4 साल के बेटे गर्वित की सुबह 6 बजे तबीयत अचानक बिगड़ी। हम उसे हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हमें कुछ समझ में नहीं आया कि अचानक ये क्या हो गया।

इस सदमे से हम संभल पाते कि 28 फरवरी को मेरे दूसरे बेटे अनुराग (7) की भी इसी तरह मौत हो गई। मेरे दो बेटे थे। दोनों की ही इस तरह से मौत होना हमारे लिए किसी सदमे से कम नहीं था। इसके बाद अगले दिन से ही हमारे घर में अचानक आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया।

कभी मेरे कमरे में, कभी हॉल में तो कभी अन्य कमरों में आग लग रही है। दीवार पर टंगे कपड़ों में अचानक आग लग जाती है। डर के मारे घर का पूरा सामान बाहर निकाल दिया। घर के आंगन में पूरा सामान पड़ा है, लेकिन आग की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।

पशुओं के चारे में भी दो-तीन बार आग लग चुकी है। दहशत के मारे रातों में हम सो नहीं पा रहे हैं।

दीवार पर लगे हैंगर पर टंगे कपड़ों में आग लग गई थी। आग लगने के बाद दीवार पर बने निशान।
दीवार पर लगे हैंगर पर टंगे कपड़ों में आग लग गई थी। आग लगने के बाद दीवार पर बने निशान।

सीसीटीवी कैमरे लगवाए, उसकी डीवीआर जल गई

भूपसिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने कहा कि हो सकता है कि कोई जानबूझकर ऐसी बदमाशी कर रहा हो। उनकी सलाह पर हमने घर में 3 मार्च को सीसीटीवी कैमरे लगाए। जब तक घर में सीसीटीवी कैमरे रहे तब तक घर में आग नहीं लगी, लेकिन इस दौरान घर के पीछे स्थित पशुओं के बाड़े में आग लग गई।

इसी बीच 5 मार्च को सीसीटीवी की डीवीआर जल गई। इसके बाद वापस घर में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद मैंने हमीरवास थाने, तहसीलदार और चूरू एसपी को सूचना दी।

मौके पर हमें भूपसिंह की चाची विद्या देवी मिलीं। वो पास में ही रहती हैं। उन्होंने बताया कि 28 दिन के अंदर उनकी सास और दो बच्चों की मौत हो गई। उसके बाद हमारे घर में आग की घटनाएं शुरू हो गईं। ये आग कैसे लग रही है, हमें पता नहीं। कभी रसोई, कभी कमरे, कभी बिस्तर, कभी चारपाई में आग लग जाती है।

भूपसिंह के घर में अब दादा हरसिंह (82), मां संतोष (50), पत्नी मेनका (29) ही हैं।

सूटकेस में रखी नगदी और सर्टिफिकेट भी जल गए।
सूटकेस में रखी नगदी और सर्टिफिकेट भी जल गए।

तांत्रिक भी बुलाए, तीन को पुलिस ने पकड़ा

आगजनी का डर परिवार वालों में ऐसा बैठा कि उन्होंने तांत्रिकों को भी बुला लिया। ये तांत्रिक 9 मार्च को आए। जिन्होंने घर में पूजा की। इसी बीच इसकी सूचना पुलिस को मिली। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने 10 मार्च को तीन तांत्रिकों को शांति भंग और आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया।

एसआई फरमान खान ने बताया कि हिसार के सेक्टर 17 निवासी वीरेंद्र, हरियाणा के जींद निवासी सुमित पुत्र सुभाष जाट और हिसार की डीसी कॉलोनी निवासी सतवीर पुत्र फतेह सिंह ने शनिवार 9 मार्च को भूप सिंह से दावा किया था कि वे इस मामले को खत्म कर सकते हैं।

इसके बाद रात 3 बजे तक पूजा की। पूजा के तुरंत बाद एक बार फिर आग लग गई। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो इन्होंने पुलिस और परिवार जनों पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

बार-बार आग लगने से ग्रामीणों में दहशत है।
बार-बार आग लगने से ग्रामीणों में दहशत है।

समाधान नहीं होने पर पुलिस से झड़प

इस पूरे मामले में कोई समाधान नहीं निकलने पर आखिरकार बुधवार को ग्रामीणों का सब्र टूट गया। मामले की जांच करने आए पुलिस वालों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। पुलिस की एक गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। सूचना मिलते ही पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौका निरीक्षण किया। इस दौरान आईपीएस अधिकारी प्रशांत किरण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल ने ग्रामीणों से बातचीत की और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। घटना को लेकर जगत सिंह, महेंद्र कालीरावना, सुरेश लुहार आदि लोगों ने थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झाझड़िया को ज्ञापन सौंपकर भैंसली गांव से हिरासत में लिए गए युवकों को तुरन्त रिहा करने की मांग की।

एएसपी किशोरी लाल ने बताया कि जिस हिसाब से आग लग रही है, उसके बारे में अभी हमारे पास कोई विशेष इनपुट नहीं है। हम गोपनीय रूप से भी पता कर रहे हैं कि ये पूरा मामला क्या है? आग लगने का क्या कारण है? ये जांच का विषय है। मौके पर दो पुलिसकर्मी भी पिछले तीन-चार दिन से तैनात किए हुए हैं। जांच होने के बाद ही ये पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

पोस्टमार्टम के लिए शव वापस निकाला
मामले में अब तक कोई खुलासा नहीं होने के बाद अब पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। भूपसिंह के दो बच्चों की मौत के बाद बड़े बेटे का दाह संस्कार किया गया था, जबकि छोटे बच्चे को दफनाया गया था। पुलिस ने गुरुवार को चार साल के गर्वित का शव वापस बाहर निकाला और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया। इस दौरान चूरू से एफएसएल टीम भी पहुंची। थानाधिकारी मदलाल बिश्नोई ने बताया कि मामले का खुलासा करने के लिए हमने कलेक्टर से अनुमति लेकर शव को वापस बाहर निकाला है। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

ग्रामीणों से झड़प में पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।
ग्रामीणों से झड़प में पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौका निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रकार अज्ञात कारणों के चलते आग लग रही है। अगर यही स्थिति रही तो गांव में बड़ा हादसा हो सकता है। इस दौरान आईपीएस अधिकारी प्रशांत किरण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल ने ग्रामीणों से बातचीत की है। अज्ञात कारणों के चलते लग रही आग के संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं पुलिस लाइन चूरू से भी अतिरिक्त जाप्ता मंगवा लिया है।

ग्रामीणों ने डीएसपी को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने डीएसपी को सौंपा ज्ञापन

ग्रामीणों ने मौके पर ही फायर ब्रिगेड को रखने का निर्णय लिया ताकि दोबारा आग लगने पर आग पर काबू पाया जा सके, लेकिन फायर ब्रिगेड चालक पानी लाने के लिए चला गया और वापस नहीं आया। इसी वजह से पुलिस को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा।

ग्रामीणों ने डीएसपी के नाम सौंपा ज्ञापन
वहीं घटना को लेकर जगत सिंह, महेंद्र कालीरावना, सुरेश लुहार आदि लोगों ने थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झाझड़िया को डीएसपी के नाम ज्ञापन सौंपकर भैंसली गांव से हिरासत में लिए गए युवकों को तुरन्त रिहा करने की मांग की।

साइंस का दावा : केमिकल के कारण ऐसा संभव

ग्रामीणों और भूप सिंह से बातचीत करने के बाद हम राजगढ़ में रहने वाले विज्ञान के प्रोफेसर राजकुमार पूनिया के पास पहुंचे। हमने जब उनसे घर में इस तरह आग लगने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि घर के अंदर अपने आप आग लगना असंभव है। यह किसी की शरारत हो सकती है। कुछ केमिकल की मदद से ये आग लगाई जा सकती है। कुछ केमिकल होते हैं, जिनके कारण हवा में आग लगने की संभावना होती है। खुली हवा में या पानी के संपर्क में सोडियम आएगा तो उसमें आग लग जाएगी। फॉस्फोरस को अगर हम कपड़े में डाल देंगे। जैसे ही वह हवा के संपर्क में आएगा तो उसमें आग लग जाएगी। पोटैशियम भी बहुत ज्वलनशील और क्रियाशील है। उससे भी आग लगने की संभावना रहती है।

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