सीकर : प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए प्राइवेट स्कूलों के नियमित निरीक्षण के आदेश वापस लेने की मांग को लेकर सीकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। इससे पहले सैंकड़ों प्राइवेट स्कूल संचालकों और टीचरों ने शिक्षा विभाग के विरोध में पैदल मार्च निकाला।
निजी शिक्षण संस्थान संघ, सीकर के जिला अध्यक्ष बीएल रणवा ने कहा कि प्रदेश में सरकार कोई भी हो हमेशा प्राइवेट स्कूल संचालकों के हितों पर हथौड़ा चलाने का काम करती है। अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बीकानेर ने सभी विभागों के अधिकारियों को प्राइवेट स्कूलों के 21 बिंदुओं के नियमित निरीक्षण के आदेश जारी किए हैं।
रणवा ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मचारी अवैध वसूली करने के लिए स्कूलों के कामों से जुड़े आदेश जारी करते रहते हैं। सरकार एवं विभाग की गरिमा को भी ठेस पहुंचती है और ऐसे आदेशों से कोर्ट में भी सरकार को हार का सामना करना पड़ता है। सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में टकराव की स्थिति बन जाती है। प्राइवेट स्कूल संचालक और टीचर मुख्यमंत्री के इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान एवं शिक्षा मंत्री के इंस्पेक्टर राज सिस्टम से परेशान हैं और खिलाफ हैं।
रणवा ने कहा कि प्रदेश में संचालित प्राइवेट स्कूल विभिन्न शिक्षा बोर्डों से मान्यता प्राप्त हैं और राज्य में निर्धारित मापदंडों का पालन करते हैं।आरटीआई अधिनियम के तहत सभी 21 बिंदुओं का सत्यापन प्रति वर्ष स्कूलों में किया जाता है तो फिर ऐसी स्थिति में प्राइवेट संस्थाओं का निरीक्षण करना उचित नहीं है।
स्कूल संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार ने अपने आदेश वापस नहीं लिए तो प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल संचालक उग्र आंदोलन करेंगे। जिसके संपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग में राज्य सरकार की होगी। इस मौके पर सैंकड़ों स्कूल संचालकों ने कलेक्ट्रेट के बाहर शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया।