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ऐप पर अपलोड करनी होगी पोषाहार की जानकारी:कितने बच्चों ने खाया पोषाहार, एक क्लिक में निकलेगा डाटा


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ऐप पर अपलोड करनी होगी पोषाहार की जानकारी:कितने बच्चों ने खाया पोषाहार, एक क्लिक में निकलेगा डाटा

ऐप पर अपलोड करनी होगी पोषाहार की जानकारी:कितने बच्चों ने खाया पोषाहार, एक क्लिक में निकलेगा डाटा

झुंझुनूं : सरकारी स्कूल में बच्चों को मिलने वाले पोषाहार को लेकर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। कितने बच्चों ने पोषाहार खाया है, कितनों नहीं इन सब की जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने राज सिम्स नाम से ऐप लॉन्च किया है।

इस पर हर स्कूल के मिड-डे-मील प्रभारी या संस्था प्रधान को रोजाना उपयोग में आए गेहूं व चावल की मात्रा उसमें फीड के साथ स्कूल में शेष बचे खाद्यान्न की जानकारी अपलोड करनी होगी। इस ऐप से पता लगाया जाएगा कि प्रदेश में किस स्कूल में कक्षा 1 से 8वीं तक के कितने विद्यार्थी आए और पोषाहार खाया। स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर संस्था प्रधान से सवाल किया जा सकेगा।

इसके साथ ही किस स्कूल में कितना खाद्यान्न रोजाना उपयोग में लिया जा रहा है। यह भी पता लगाना आसान होगा। यह व्यवस्था एक मार्च से लागू हो चुकी है। इससे पोषाहार में गड़बड़ी भी नहीं कर सकेंगे।

एक क्लिक पर पता चलेगा

मिड-डे-मील में कक्षा एक से पांचवीं तक 100 ग्राम गेहूं व चावल तथा कक्षा छह से आठवीं तक विद्यार्थियों को 150 ग्राम गेहूं या चावल परोसा जाता है। इस मात्रा के आधार पर रोजाना नाप-तोल कर पोषाहार पकाया जाएगा। जैसे किसी स्कूल में कक्षा 1 से पांचवीं तक कुल 10 विद्यार्थी आए, तो पोषाहार में 1000 ग्राम गेहूं या चावल का उपयोग होगा। इसी तरह कक्षा 6 से आठवीं तक 10 विद्यार्थी आने पर 1500 ग्राम गेहूं या चावल का उपयोग होगा।

जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिम मनोज कुमार ढ़ाका ने बताया कि जिले के 1739 विद्यालयों में संस्था का मैप हो गया है। मिड-डे-मील प्रभारी या संस्था प्रधान को रोजाना उपयोग में आए गेहूं व चावल की मात्रा भरने के साथ स्कूल में शेष बचे खाद्यान्न की जानकारी अपलोड करनी होगी। मिड-डे-मील की जानकारी रोजाना राज सिम्स ऐप पर भरनी होगी।

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