[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

सफाई कर्मचारियों की वार्ता विफल, आंदोलन जारी रहेगा:डंडोरिया बोले- हमने बिना लॉटरी के वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों को शामिल करने की मांग की, सरकार ने मना किया


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

सफाई कर्मचारियों की वार्ता विफल, आंदोलन जारी रहेगा:डंडोरिया बोले- हमने बिना लॉटरी के वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों को शामिल करने की मांग की, सरकार ने मना किया

सफाई कर्मचारियों की वार्ता विफल, आंदोलन जारी रहेगा:डंडोरिया बोले- हमने बिना लॉटरी के वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों को शामिल करने की मांग की, सरकार ने मना किया

जयपुर : सफाई कर्मचारियों की भर्ती के मामले में आंदोलन कर रहे नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की वार्ता आज सरकार के साथ विफल रही। स्वायत्त शासन निदेशालय में देर शाम हुई बैठक में सरकार ने संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया।

संगठन ने इस भर्ती में वाल्मीकि समाज के उन अभ्यर्थियों को प्राथमिकता से शामिल करने की मांग की, जिन्होंने पहले नगरीय निकायों में कॉन्ट्रैक्ट या संविदा पर रहकर सफाई का काम किया है। इन अभ्यर्थियों को लॉटरी में शामिल किए बिना ही जॉइनिंग करवाने की मांग को राज्य सरकार ने मानने से मना कर दिया।

संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि सरकार ने हमारी मांगों को मानने से इनकार कर दिया है। अब हमने आगे की रणनीति बनाते हुए आंदोलन को तेज करने का फैसला किया है। इसके लिए अब हम हर एरिया में जाकर लोकल लेवल पर वाल्मीकि समाज से जुड़े लोगों से मिलेंगे, बैठक करेंगे और उनको इस आंदोलन में शामिल होने के लिए कहेंगे।

डंडोरिया ने बताया कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी, तब तक जयपुर शहर समेत तमाम दूसरे शहरों में निकायों के सफाई कर्मचारी आंदोलन पर रहेंगे।

हड़ताल का ज्यादा असर चारदीवारी एरिया में
जयपुर शहर में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का ज्यादा असर जयपुर शहर के चारदीवारी एरिया में रहा। बाहरी इलाकों में आज कचरा कलेक्शन के लिए हूपर वापस घरों पर आने शुरू हो गए। कंपनियों को नगर निगम ग्रेटर की ओर से चेतावनी देने के बाद डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम फिर से शुरू करवाया गया। हालांकि चारदीवारी के अधिकांश एरिया में आज भी हूपर नहीं आए और न ही सड़कों पर झाडू लगी और कचरा उठा।

Related Articles