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रार बरकरार:आरसीए; धनंजय कार्यवाहक अध्यक्ष बने, उपाध्यक्ष बोले- यह प्रक्रिया गलत


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रार बरकरार:आरसीए; धनंजय कार्यवाहक अध्यक्ष बने, उपाध्यक्ष बोले- यह प्रक्रिया गलत

रार बरकरार:आरसीए; धनंजय कार्यवाहक अध्यक्ष बने, उपाध्यक्ष बोले- यह प्रक्रिया गलत

जयपुर : राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) को लेकर चल रही अटकलों को कुछ विराम मिला है। अध्यक्ष पद से वैभव गहलोत की ओर से दिया गया इस्तीफा 13 दिन बाद स्वीकार कर लिया गया है। अब चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पुत्र धनंजय सिंह को आरसीए का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है।

शनिवार को केएल सैनी स्टेडियम में हुई बैठक (ईजीएम) में इसकी घोषणा की गई। हालांकि मौजूदा कार्यकारिणी में कोई बदलाव फिलहाल नहीं हुआ है। दूसरी ओर, ईजीएम में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा चर्चा का विषय रहे। पहले वह वैभव के इस्तीफे के दौरान उनके साथ थे, अब मंच पर धनंजय के साथ बैठे दिखे।

कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालते धनंजय सिंह। साथ में संयम लोढ़ा।

रार बरकरार } वैभव का इस्तीफा 13 दिन बाद स्वीकार

सबसे बड़ी नजर आईपीएल के आयोजन पर, उसका क्या?

आरसीए और राज्य सरकार के बीच जब तक नया एमओयू साइन नहीं हो जाता, तब तक आरसीए को आईपीएल के आयोजन की जिम्मेदारी नहीं मिल सकती। यानी अभी तक की स्थितियों के मुताबिक तय है कि आईपीएल का आयोजन क्रीड़ा परिषद ही करवाएगी।

सबसे बड़ा विवाद एमओयू को लेकर, उसका क्या?

आरसीए का पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ एमओयू 21 फरवरी को पूरा हो चुका है। इसी का हवाला देते हुए क्रीड़ा परिषद ने पिछले दिनों आरसीए से अपनी संपत्तियां खाली करवा ली थीं। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और आरसीए की कमान मंत्री पुत्र को सौंपी गई है तो नए सिरे से एमओयू शीघ्र होने की संभावना है।

विवाद बकाया राशि को लेकर भी है, उसका क्या?

आरसीए में क्रीड़ा परिषद के 35 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसे लेकर आरसीए को सहकारी समिति रजिस्ट्रार के समक्ष 12 मार्च तक जवाब पेश करना है।

बदली स्थितियों में अब नया पावर गेम क्या?

पांच साल तक ठंडे बस्ते में रहे नागौर संघ के सचिव राजेंद्र सिंह नांदू अब फिर से पावर में आ गए हैं। पिछले दिनों क्रीड़ा परिषद ने आरसीए से अपनी बिल्डिंग खाली कराई तब नांदू खेल मंत्री के साथ नजर आए थे।

क्या आरसीए में गुटबाजी की स्थिति अब भी बरकरार है?

फिलहाल तो जारी दिख रही है। क्योंकि पाली, जैसलमेर, कोटा, टोंक, झुंझुनू, जालौर, करौली, दौसा, चित्तौड़गढ़, चूरू और उदयपुर के पदाधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। आरसीए उपाध्यक्ष शक्तिसिंह का कहना है, बैठक को लेकर संयुक्त सचिव ने सोशल मीडिया ग्रुप पर संदेश दिया था। इसमें एजेंडा स्पष्ट नहीं था कि क्या होगा। न ही कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की पूर्व सूचना थी। इधर, चर्चा यह भी है कि इसी मुद्दे को लेकर अब मामला कोर्ट में ले जाने की तैयारी है।

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