International Women’s Day: इंदिरा से मलाला तक…महिलाओं ने कैसे बदली तस्वीर? बताती हैं उनकी बायोपिक
International Women's Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक खास दिन है जब हम महिलाओं के योगदान की सराहना करते हैं। यह दिन महिलाओं के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। आज बात करेंगे उन शक्तिशाली महिलाओं के अद्भुत योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं और उनके जीवन पर बनाई गई बायोपिक हमें उनके संघर्ष को समझने का अवसर देती हैं।
International Women’s Day: हम सब ये तो जानते हैं कि महिलाओं को उनके राइट्स के लिए अवेयर करने के मकसद से महिला दिवस मनाया जा रहा है, जिसके लिए आज तरह-तरह के प्रोग्रामों का आयोजन हो रहा है। इस दिन कई तरह की एक्टिविटी आयोजित की जाती हैं, जैसे कि समारोह, सेमिनार और औरतों के अधिकारों पर चर्चा। आज हम बात करेंगे उन महिलाओं के बारे में जिनके जीवन पर फिल्में बनी हैं।
मलाला युसुफजई
पाकिस्तानी शिक्षा अधिकारी और महिला अधिकार संरक्षिका, जिन्होंने अपने शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ी और नोबेल शांति पुरस्कार भी जीता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई के जीवन पर आधारित फिल्म ‘गुल मकई’ बनाई गई है।
हेलेन केलर
एक अमेरिकी लेखिका, संगीतकार, संगीतकार, और अधिवक्ता, जिन्होंने अपनी अद्वितीय क्षमताओं के बावजूद वहम से निपटकर अपने आपको समर्थ बनाया। हेलेन केलर के ऊपर फिल्म “द मिरेकल वर्कर” बनी है।
मैरी कॉम
मैरी कॉम फिल्म भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम पर आधारित है, जिसमें ओलंपिक पदक विजेता बनने से पहले उनके शुरुआती करियर से लेकर कई कड़ें संघर्ष की कहानी दिखाई गई है।
#MaryKom won the Best Popular Film at 62nd National Film Awards presented by Pranab Mukherjee –http://t.co/ps3DQqbbCW pic.twitter.com/VSbHAOltW8
— #MaryKom (@MaryKomMovie) May 6, 2015
फ्रीडा काहलो
मैक्सिकन चित्रकार जो अपने व्यक्तित्व, विचारों, और कला के माध्यम से महिला और लघुजन समाज के प्रति अपनी भागीदारी के लिए प्रसिद्ध हैं। फ्रीडा (2002 फिल्म) फ्रीडा काहलो पर आधारित है।
आंग सान सू की
म्यांमार की स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ, जिन्होंने अपने जीवन के लिए संघर्ष किया और अपने देश की आजादी के लिए समर्थन दिया। इन्हें म्यांमार की Iron Lady भी कहा जाता है। Lady of No Fear डॉक्यूमेंट्री फिल्म नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की पर आधारित हैं।
इंदिरा गांधी
इन्दिरा प्रियदर्शिनी गांधी (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) साल 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए रिपब्लिक ऑफ भारत की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। Emergency फिल्म इनके जीवन पर आधारित है।