[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

राजस्थान में नकली नोटों की हो रही होम डिलीवरी:यूपी का रैकेट सोशल मीडिया के जरिए फैला रहा जाल, प्रिंटर पर छाप रहे जाली करेंसी


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़ब्रेकिंग न्यूज़राजस्थानराज्य

राजस्थान में नकली नोटों की हो रही होम डिलीवरी:यूपी का रैकेट सोशल मीडिया के जरिए फैला रहा जाल, प्रिंटर पर छाप रहे जाली करेंसी

राजस्थान में नकली नोटों की हो रही होम डिलीवरी:यूपी का रैकेट सोशल मीडिया के जरिए फैला रहा जाल, प्रिंटर पर छाप रहे जाली करेंसी

सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को रातों रात अमीर बनने के सपने दिखाकर नकली नोटों की खेप सप्लाई की जा रही है। गिरोह से जुड़े बदमाश इन नोटों को मार्केट में खपाने का तरीका भी बता रहे हैं।

जयपुर पुलिस ने बोगस ग्राहक बनकर गैंग से नकली नोट की सप्लाई लेने वाले 2 युवकों को दबोचा तो ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश की एक गैंग महज तीन हजार रुपए एडवांस देकर 40 हजार में 2 लाख रुपए के नकली नोट की डील करती है।

एडवांस देने के बाद नोट होम डिलीवरी कर दिए जाते हैं, बाकी की रकम पूरे नोट खपाने के बाद वसूलते हैं। डील का ये पूरा खेल सोशल मीडिया के जरिए होता है। जहां खुलेआम नकली करंसी के बंडलों की बोली लगाई जाती है।

पढ़िए- कैसे राजस्थान के बाजार में नकली नोट खपाए जा रहे हैं

बैंक से पुलिस को लगा सुराग

जयपुर के कई बैंकों से पुलिस को शिकायत मिली कि शहर में नकली नोट का कोई गिरोह एक्टिव है, जो एटीएम के जरिए नकली नोट डिपॉजिट कर रहा है। इसकी एक शिकायत मालवीय नगर थने में दर्ज हुई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने ऐसे गिरोह पर नजर रखना शुरू कर दिया। खातों की पड़ताल की गई तो पुलिस को गिरोह से जुड़े दो लोगों हिमांशु और अमित का सुराग लगा।

पुलिस नकली नोट की बोगस ग्राहक बनकर पहुंची

जयपुर पुलिस ने जयपुर में महल योजना जगतपुरा में किराये पर कमरा लेकर साथ रह रहे अलवर निवासी हिमांशु और अमित उर्फ अज्जू पर नजर रखना शुरू कर दिया। मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी कि दोनों आरोपी प्रताप नगर इलाके में जाली नोट सप्लाई करने जा रहे हैं। मौके का फायदा उठाते हुए पुलिस ने बोगस ग्राहक बनकर हिमांशु और अमित से मॉडल टाउन बस स्टैंड पर 40 हजार रुपए में दो लाख रुपए के जाली नोट की डिमांड की।

पुलिस जाली नोट की खरीदार बनकर मॉडल टाउन बस स्टैंड पर पहुंच गई। दोनों आरोपी भी 1.12 लाख रुपए के जाली नोट बैग में भरकर पहुंच गए। उन्हें अंदाजा भी नहीं था पुलिस कोई जाल बिछा रही है। इससे पहले कि आरोपी कुछ समझ पाते पुलिस ने जाली नोटों के साथ आरोपियों को दबोच लिया।

कॉल पर बोला- पिलर नंबर 182 के पास मिलेंगे, जाली नोट

जयपुर डीएसटी टीम ने हिमांशु से पूछताछ की तो सामने आया कि नकली नोट की खेप कहां से आई? आरोपियों ने बताया कि टेलीग्राम के एक ग्रुप के जरिए आरोपी रैकेट के संपर्क में थे। डिलीवरी करने वाले युवक खुद को बीकानेर का निवासी बताते थे। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि हकीकत में गैंग उत्तर प्रदेश की है। गैंग के गुर्गे केवल वॉट्सऐप कॉल से संपर्क करते हैं।

यूपी में बैठे गिरोह इस तरह से नकली नोट खरीदने के लिए प्रचार कर रहे हैं।
यूपी में बैठे गिरोह इस तरह से नकली नोट खरीदने के लिए प्रचार कर रहे हैं।

आरोपियों ने 2 लाख की नकली करेंसी खरीदने के लिए एडवांस के तौर पर 3 हजार असली नोट पेमेंट की थी। इसके बाद उन्हें वॉटसऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने आरोपियों को सिंधी कैंप पर मेट्रो पिलर नंबर 182 के पास जाली नोट डिलीवर करने की बात कही।

जब आरोपी सिंधी कैंप पहुंचे तो उन्हें कोई व्यक्ति नहीं मिला। इस दौरान दोबारा उन्हें कॉल आया और पिलर के पास बैग में रखे 1.25 लाख रुपए के जाली नोट ले जाने को कहा।

प्रिंटर पर छापे गए नोट

पुलिस ने आरोपियों से बरामद जाली नोट की पड़ताल की। सामने आया है कि जाली नोट स्कैन कर साधारण प्रिंटर पर छापे गए हैं। इसके अलावा चमकीले थ्रेड वाली जगह पर बाहर से थ्रेड चिपकाया हुआ है। दूर से दिखने में ये नोट हूबहू असली जैसे लगते हैं। लेकिन हाथ में लेते ही इनके नकली होने का पता पड़ जाता है।

बजाज नगर पुलिस ने आरोपियों की रिमांड लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि नोट को असली जैसा दिखाने के लिए अच्छी क्वालिटी के कागज का इस्तेमाल तो किया है लेकिन, इस पर असली नोट के सिक्योरिटी फीचर्स नहीं हैं।

आरोपियों के कब्जे से बरामद नकली रुपए और मोबाइल फोन।
आरोपियों के कब्जे से बरामद नकली रुपए और मोबाइल फोन।

500 नकली नोट के बदले 450 रुपए में चलाए असली नोट

अज्जू और हिमांशु ने पूछताछ में बताया कि नकली नोटों की खपत एटीएम की डिपॉजिट मशीन में जमा करवाकर भी कर चुके हैं। इसके अलावा शॉपिंग, पेट्रोल पंप से लेकर अन्य जगह पर जाली नोट चलाए हैं। कुछ जगह लोगों को विश्वास में लेकर पांच सौ रुपए के जाली नोट के बदले 450 रुपए के असली नोट ले लिए।

होम डिलीवरी का काम, आराम से सप्लाई करते थे नोट

आरोपी अमित और हिमांशु एक निजी कंपनी में फूड की होम डिलीवरी के काम से जुड़े हैं। पुलिस की पकड़ में आने से पहले आरोपियों ने मार्केट में 13 हजार से अधिक के जाली नोट चला दिए। बचे हुए 1 लाख 12 हजार भी मार्केट में चलाने की फिराक में थे।

मालवीय नगर थानाधिकारी कमल नयन ने बताया कि नकली नोट चलाने वाले आरोपी सोशल मीडिया के जरिए उत्तर प्रदेश के रैकेट के संपर्क में थे। जिला विशेष टीम और मालवीय नगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में मॉडल टाउन बस स्टैंड से आरोपियों को गिरफ्तार कर 1.12 लाख के जाली नोट बरामद किए हैं। आरोपियों ने एडवांस रुपए यूपी के खाते में जमा किए थे। मामले की जांच बजाज नगर थाना पुलिस को सौंप दी गई है।

Related Articles