किसानो को बताये प्राकृतिक खेती के लाभ
किसानो को बताये प्राकृतिक खेती के लाभ

आबूसर (झुंझुनूं) : कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर झुंझुनूं द्वारा शनिवार को ग्राम हनुमानपुरा में प्राकृतिक खेती पर कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दयानंद ने बताया की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सौजन्य से कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर पर प्राकृतिक खेती परियोजना चलाई जा रही है जिसके तहत यह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। डॉ दयानंद ने बताया कि प्राकृतिक खेती देसी गाय आधारित कृषि है जिसमें गाय के गोबर व गोमूत्र से जमीन में लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु की वृद्धि की जाती है जिससे जमीन का स्वास्थ्य सुधरता है।
डॉ दयानंद़ ने किसानो को प्राकृतिक खेती से बाजरा फसल की खेती करने की सलाह दी। किसानो को बाजरे की ज्यादा से ज्यादा खेती करने को प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ डॉ रशीद खान ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटक जैसे बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत एवं ब्रह्मास्त्र के बारे में विस्तार से बताया तथा इनको फसलों में उपयोग करने का तरीका बताया। डॉ खान ने बताया कि प्राकृतिक खेती से भूमि में पोषण चक्र का संतुलन बना रहता है जिससे फसलों में अनावश्यक उर्वरक का उपयोग नहीं करना पड़ता। कार्यक्रम में कृषि विभाग के कृषि अधिकारी मनमोहन सिंह ने किसानो को विभाग की किसानो के लिए चलाई जा रही योजनाओ की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ प्रदीप कुमार, रमन मीणा, महावीर, प्रहलाद सिंह, महेंद्र सिंह सहित लगभग 80 किसानो एवं किसान महिलाओं ने भाग लिया।