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भारतीय सेनाओं का युद्धाभ्यास भारत शक्ति 12 मार्च को, प्रधानमंत्री के आने की संभावना


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भारतीय सेनाओं का युद्धाभ्यास भारत शक्ति 12 मार्च को, प्रधानमंत्री के आने की संभावना

एशिया की सबसे बड़ी पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारत की तीनों सेनाएं 12 मार्च को भारत शक्ति नाम से युद्धाभ्यास करेंगी। सेना की ताकत देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के पोकरण आने की संभावना है।

जैसलमेर : जैसलमेर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में भारत की तीनों सेनाएं सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही हैं। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में 12 मार्च को भारत-शक्ति नाम से होने वाले इस युद्धाभ्यास में तीनों भारतीय सेनाएं देश में निर्मित हथियारों की ताकत का प्रदर्शन करेंगी। भारतीय सेना की इस ताकत को देखने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 मार्च को पोकरण आ सकते हैं।

इस युद्धाभ्यास में सिर्फ स्वदेशी तरीके से विकसित किए गए वेपन प्लेटफॉर्म और सिस्टम को शामिल किया जाएगा। पोकरण में 12 मार्च को होने जा रहे युद्धाभ्यास में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस युद्धाभ्यास के दौरान आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा देखने को मिलेगी।

‘भारत-शक्ति’ में सेना दिखाएगी हथियारों की ताकत

सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैन्य नेतृत्व से सैन्य मामलों में रणनीति आधारित क्रांति विकसित करने के लिए कह सकते हैं। जिसमें भारत, भारतीय भूगोल एवं इसके सुरक्षा खतरों से निपटने की रणनीति शामिल हो।

ऐसा कहा जा रहा है कि ‘भारत शक्ति’ नाम के इस युद्धाभ्यास में भारत में तैयार डिफेंस प्लेटफॉर्म और नेटवर्क आधारित सिस्टम को टेस्ट किया जाएगा। इस युद्धाभ्यास से स्वदेशी हथियारों की ताकत के बारे में भी पता चलेगा।

युद्धाभ्यास में दिखाई देंगे ये हथियार

पोकरण में होने वाले युद्धाभ्यास में तेजस लड़ाकू विमान के अलावा के-9 आर्टिलरी गन, स्वदेशी ड्रोन, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर्स और शॉर्ट रेंज की मिसाइलें देखने को मिलेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के बाद से ही देश की तीनों सेनाएं भारतीय सेना के जरिए विकसित सुरक्षित मोबाइल टेलीफोनी जैसी टेक्नोलॉजी के विकास पर केंद्रित हो गई हैं।

खास होगा ये युद्धाभ्यास

इस भारत-शक्ति युद्धाभ्यास में स्वदेशी कम्युनिकेशन और नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा, जिससे इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या दुश्मन देश युद्ध के हालात में उन्हें हैक कर सकता है, या नहीं। इसके साथ ही ‘भारत शक्ति’ युद्धाभ्यास में तीनों सेनाओं को एक साथ काम करने का मौका मिलेगा। आमतौर पर तीनों सेनाएं अलग-अलग तरीके से काम करती हैं।

गौरतलब है कि भारतीय सेना सौ फीसदी स्वदेशी बन चुकी है। भारत सरकार अब भारतीय नौसेना और वायुसेना को भी स्वदेशी बनाने पर जोर दे रही है। केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि पनडुब्बी निर्माण और एयरक्राफ्ट इंजन मेन्युफेक्चरिंग में भी स्वदेशी तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए।

वर्तमान में सरकार को एयरक्राफ्ट इंजन या फिर सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन आने वाले सालों में देश इस दिशा में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है।

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