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SMS अस्पताल में मरीज को चढ़ाया गलत ग्रुप का ब्लड:दोनों किडनियां खराब हुईं, आईसीयू में भर्ती; पेट और कमर में दर्द हुआ तो पता चला


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SMS अस्पताल में मरीज को चढ़ाया गलत ग्रुप का ब्लड:दोनों किडनियां खराब हुईं, आईसीयू में भर्ती; पेट और कमर में दर्द हुआ तो पता चला

SMS Hospital: राजस्थान के सबसे बड़ी अस्पताल एसएमएस से बड़ी लापरवाही की घटना सामने आई है। जहां चिकित्सकों द्वारा मरीज को गलत ब्लड चढ़ाने के कारण उसकी शुक्रवार को मौत हो गई। दरअसल, कोटपूतली निवासी सचिन शर्मा नामक युवक का 11 फरवरी को एक्सीडेंट हो गया था। जिसके बाद लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।

जयपुर : सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) में भर्ती एक युवक के गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया गया। इसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है और उसकी दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया है। मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

जानकारी के अनुसार 12 फरवरी को बांदीकुई निवासी सचिन शर्मा का कोटपूतली के पास एक्सीडेंट हो गया। उसे वहां से ट्रॉमा अस्पताल जयपुर के लिए रेफर किया गया। यहां उसे भर्ती कर लिया गया और ब्लड की जरूरत बताई गई।

सचिन के ताऊ महादेव और भाई लवकुश ने बताया कि इमरजेंसी केस को देखते हुए उसका सैंपल ले लिया गया और परिजनों के आते ही उन्हें पर्ची देकर ब्लड मंगाया गया। पर्ची में लिखे गए ब्लड ग्रुप के अनुसार ही ट्रॉमा ब्लड बैंक से एबी पॉजिटिव ब्लड और प्लाज्मा दे दिया गया। 12 फरवरी को ही सचिन को प्लाज्मा चढ़ा दिया गया। यहां ऑपरेशन के बाद उसे SMS के आर्थो वार्ड में भर्ती कर दिया गया और एबी पॉजिटिव ब्लड भी चढ़ा दिया गया।

नर्सिंग स्टाफ ने नहीं, वार्ड बॉय ने लिया सैंपल
सामने आया है कि ट्रॉमा सेंटर में मरीज का सैंपल और सभी काम नर्सिंग स्टाफ को करने थे, लेकिन वहां के वार्ड बॉय ने यह काम किया और बड़ी गलती हुई। ट्रॉमा सेंटर के ब्लड बैंक को जो पर्ची मिली, उन्होंने उसी के अनुसार ब्लड और प्लाज्मा दिया।

ऐसे में सवाल यह है कि यदि युवक की जान को कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। क्या मामले में अस्पताल प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। वहीं सामने यह भी आया है कि डॉक्टर्स और स्टाफ को पहले ही इस गलती का पता चल गया था, लेकिन वे भी मामले को दबाते रहे।

पेट और कमर में दर्द हुआ तो पता चला
13 फरवरी को ही सचिन के पेट और कमर में दर्द हुआ तो उसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट आने के साथ ही उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। परिजनों की ओर से बार-बार पूछने पर भी उन्हें कुछ नहीं बताया गया। इसके बाद 14 फरवरी को फिर से जांच कराई गई तो परिजनों को ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव (O+) होने का पता चला। इसके बाद उन्हें पता चला कि उसके पहले एबी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया है और इसी वजह से उसकी तबीयत खराब हुई। हर दिन उसकी तबीयत खराब होती गई और अब तक 3 बार डायलिसिस हो चुका है। सचिन आईसीयू में भर्ती है और गंभीर हालत से गुजर रहा है।

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