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गिरोह बनाकर रिश्वत लेता था IAS अधिकारी:टेंडर की 10 प्रतिशत राशि खुद के लिए तय थी, बैन जाल से मछली पकड़ने की परमीशन दी


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गिरोह बनाकर रिश्वत लेता था IAS अधिकारी:टेंडर की 10 प्रतिशत राशि खुद के लिए तय थी, बैन जाल से मछली पकड़ने की परमीशन दी

गिरोह बनाकर रिश्वत लेता था IAS अधिकारी:टेंडर की 10 प्रतिशत राशि खुद के लिए तय थी, बैन जाल से मछली पकड़ने की परमीशन दी

जयपुर : जयपुर में मत्स्य विभाग के निदेशक आईएएस प्रेमसुख बिश्नोई के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। मछली पकड़ने वाले एक ठेकेदार ने 8 फरवरी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने का दूसरा मामला दर्ज करवाया है। बिश्नोई ने परिवादी से कहा कि पूरे बांध के टेंडर का 10 प्रतिशत यानी 2.50 लाख कैश दे दो, फिर छूट है, चट्टी जाल से क्या किसी भी जाल से मछली निकालो, कोई नहीं रोकेगा। कैश नहीं दिया तो काम बंद कर देना। जांच में सामने आया कि आईएएस प्रेमसुख बिश्नोई ने 2.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी लेकिन परिवादी द्वारा 50 हजार रुपए ही देने के लिए राजी होने पर टोंक व बूंदी जिले के बांधों में मछली पकड़ने का काम बंद कर देने के लिए कह दिया था।

जांच में यह भी सामने आया कि बिश्नोई ने कर्मचारियों का ही गिरोह बनाकर मछली पालन से जुड़े व्यापारियों से रिश्वत लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने कुल टेंडर की 10 प्रतिशत की राशि रिश्वत के तौर पर खुद के लिए तय कर रखी थी। यह राशि कर्मचारियों के द्वारा दी जाती थी।

प्रेमसुख बिश्नोई और राकेश फिलहाल जेल में बंद हैं।
प्रेमसुख बिश्नोई और राकेश फिलहाल जेल में बंद हैं।

राजस्थान में प्रतिबंधित चही जाल से मछली पकड़ने की अनुमति दी

ग्रेटर नोएडा निवासी सूरज कुमार ने टोंक के श्योदानपुरा व बूंदी के अभयपुरा बांध में मछली पकड़ने का टेंडर लिया था। प्रदेश में बांधों से मछली पकड़ने के लिए चट्टी जाल के उपयोग पर प्रतिबंध है लेकिन चट्टी जाल से मछली पकड़ने के लिए ही बिश्नोई ने 2.50 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। पहली किश्त 50 हजार रुपए ले लिया। यह राशि राजस्थान में प्रतिबंधित चट्टी जाल से मछली पकड़ने अनुमति देने के एवज में सहायक निदेशक राकेश देव के माध्यम से ली गई थी।

रिश्वत राकेश देव के जरिए ली गई।
रिश्वत राकेश देव के जरिए ली गई।

सहायक निदेशक राकेश देव रिश्वत लेने के लिए परिवादियों को फोन कर बुलाता था, एसीबी ने फोन पर की गई वार्ता की रिकॉर्डिंग भी की है। इसके कुछ अंश…

राकेश देवः आप आने वाले थे, आए नहीं। परिवादीः मैं ऑफिस पहुंचने वाला हूं।

राकेश देव: आ जाओ

परिवादी: बॉस मिल जाएंगे क्या ?

राकेश देव: हां, मिल जाएंगे, आप कितने बजे तक पहुंचेंगे ?

परिवादी : आधा पौने घंटे में पहुंच जाऊंगा

राकेश देव: मै इंतजार कर रहा हूं, तय माल लेकर आए हो ना?

परिवादी : हां, आते ही कॉल करता हूं, मुझ से मेरे काम के एवज में 2.50 लाख रुपए की राशि की मांग की गई है, जिनके लिए मैं अभी 50 हजार साथ लेकर आया हूं।

राकेश देव: अच्छा, चलो आ जाओ

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