सरकारी ऑफिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने की कवायद:जिला कलेक्टर बोलीं-समय पर दफ्तर पहुंचने के साथ समय पर काम पूरा करने के लिए किया पाबंद
सरकारी ऑफिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने की कवायद:जिला कलेक्टर बोलीं-समय पर दफ्तर पहुंचने के साथ समय पर काम पूरा करने के लिए किया पाबंद

नीमकाथाना : सरकारी और स्वायत्तशासी संस्थाओं, बोर्ड, निकायों, निगमों और सरकारी सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं को कार्यशैली का ढर्रा बदलने और इन आफिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की है।
नीमकाथाना जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज ने बताया कि कार्यालयों के एचओडी को भिजवाई है। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। मैं खुद इनकी पालना कर रही हूं। मैंने लोगों से दफ्तर में मिलने का समय तय किया है और सभी एसडीएम से भी मिलने का समय तय कर दफ्तर के सामने चस्पा करवा दिया है। समय पर दफ्तर पहुंचने और समय पर काम निबटाने के लिए पाबंद किया जा चुका है।
पब्लिक फ्रेंडली बनने के लिए ये गाइडलाइन
- सभी सरकारी कार्याललों में समय की पाबंदी हो। कार्यालयों में सफाई व्यवस्था का ध्यान रखा जाए। अनुउपयोगी सामान, पत्रावलियों का निस्तारण कराया जाए।
- आफिस में आगंतुकों के लिए स्वच्छ जल और बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए।
- कार्यालयों में पत्रावलियों, पत्रों, सूचना का अधिकार के तहत आए आवेदनों, संपर्क पोर्टल पर परिवेदना का समयबद्ध निस्तारण किया जाए।
- महत्वपूर्ण कार्य निबटाने की समय सीमा निर्धारित की जाए और तय समय सीमा में कार्य पूरे हों यह सुनिश्चित किया जाए।
- आम जनता की समस्याओं को जल्दी निबटाने के लिए नियमित जनसुनवाई की जाए।
- हर विभाग अपने उद्देश्यों लक्ष्य को लेकर की परफॉर्मेंस इंडिकेटर (केपीआई) तय करे और नियमित समीक्षा करे।
- अधीनस्थ कार्यालयों की महत्वपूर्ण कार्य योजना, परियोजनाओं का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण किया जाए।
- चल रही योजनाओं-परियोजनाओं, जनता के कार्यों को लेकर नवाचार को प्राथमिकता दी जाए।
- दफ्तर में काम से आनेवाले लोगों के साथ विनम्र व्यवहार किया जाए। शिष्टाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- राजकीय कार्यों को निबटाने के लिए आधुनिक संचार तकनीकी अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।
- जो अधिकारी-कर्मचारी राजकार्य संवेदनशीलता, पारदर्शिता के साथ समय पर करें उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाए।
- राज कार्य और बेहतर ढंग से हों, इसके लिए आम जनता की भी राय ली जानी चाहिए। वहीं योजनाओं, परियोजनाओं के बेहतर संचालन के लिए संबंधित लाभांवितों से भी नियमित संवाद किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारी अपना मुख्यालय बिना सक्षम स्वीकृति के नहीं छोड़े।
- कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों की लिस्ट और सिटीज़नशिप चार्टर स्पष्ट रूप प्रदर्शित किया जाए।
- जनता से जुड़ी योजनाओं, परियोजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो रहा है या नहीं, सभी कलेक्टर जिला स्तर पर एक औचक निरीक्षण दल का गठन करें और खुद भी सप्ताह में एक कार्यालय का निरीक्षण करें।
- निरीक्षण दल प्रतिदिन अपने क्षेत्राधिकार के कार्यालयों का औचक निरिक्षण करे और इस गाइडलाइन के सभी बिन्दुओं पर निरीक्षण में ध्यान दें।