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5 नए रीको एरिया के लिए नहीं मिल रही जगह:कांग्रेस सरकार ने तीन साल पहले की थी इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की घोषणा


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5 नए रीको एरिया के लिए नहीं मिल रही जगह:कांग्रेस सरकार ने तीन साल पहले की थी इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की घोषणा

5 नए रीको एरिया के लिए नहीं मिल रही जगह:कांग्रेस सरकार ने तीन साल पहले की थी इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की घोषणा

बारां : बारां जिला में सरकार की घोषणा के तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी पांच जगह इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पाई है। ऐसे में यहां पर रीको की ओर से इंडस्ट्रियल एरिया विकसित नहीं किए जा सके हैं।

रीको अधिकारियों ने बताया कि जिले में तीन साल में सरकार की ओर से साल 2021-22 में मांगरोल, अटरू और किशनगंज उपखंड और इसके एक साल बाद अंता, छीपाबड़ौद उपखंड में औद्योगिक विकास के लिए रीको इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की घोषणा की थी।

बारां में दो चरणों के तहत औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर यहां कुल 362 प्लॉट तैयार किए गए थे। इनमें से 349 प्लॉट उद्यमियों को आवंटित किए जा चुके हैं। यहां अधिकांश प्लॉट पर कूलर तैयार करने, फेब्रिकेशन, इंटरलॉकिंग टाइल्स, ईंट उद्योग, सॉट्रेक्स प्लांट सहित कई उद्योग इकाइयां संचालित की जा रही हैं। जिनसे क्षेत्र के कई लोगों को रोजगार मिल रहा है। कुछ आवंटियों ने आवंटित प्लॉट पर गोदाम भी बना रखे हैं। छबड़ा में रीको एरिया में 44 प्लॉट आवंटित किए थे। जहां कई तरह के उद्योग संचालित हो रहे हैं, जबकि शाहाबाद के गुहाड़ी मजारी में करीब 338 एकड़ जमीन पर रीको एरिया विकसित किया था। जिनमें से 90 एकड़ का ही एक प्लॉट का आवंटन हो सका है, जबकि शाहाबाद के गुहाड़ी मजारी में करीब 338 एकड़ जमीन पर रीको एरिया विकसित किया था। जिनमें से 90 एकड़ का ही एक प्लॉट का आवंटन हो सका है।

इसके तहत राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम (रीको) को यहां जमीन पर प्लॉटिंग और अन्य सुविधाओं को औद्योगिक इकाइयों के लिए एरिया विकसित करना था। ऐसे में रीको की ओर से कई बार जिला प्रशासन को जमीन आवंटित करने के लिए प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन उपयुक्त जगह आवंटित नहीं हो सकी है। इसके चलते इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप नहीं हो सका है।

रीको के असिस्टेंट रीजनल मैनेजर सचिन शर्मा ने बताया कि तीन सालों में दो अलग-अलग चरणों में जिले के पांच जगहों पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की घोषणा हुई थी। इसके तहत मांगरोल, अंता, छीबपाड़ौद, अटरू और किशनगंज में औद्योगिक क्षेत्र तैयार करने हैं, लेकिन योजना के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पा रही हैं। इस मामले में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया जा चुका है।

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