बेचने के लिए चुराई थी बच्ची; डेढ़ लाख रुपए में हुआ था सौदा,आरोपी महिला गिरफ्तार, पार्षद सहित 3 संदिग्ध हिरासत में
बेचने के लिए चुराई थी बच्ची; डेढ़ लाख रुपए में हुआ था सौदा,आरोपी महिला गिरफ्तार, पार्षद सहित 3 संदिग्ध हिरासत में

नीमकाथाना : राजकीय कपिल अस्पताल से नवजात बालिका के अपहरण के मामले में 15 घंटे बाद ही पुलिस ने बच्ची को भूदोली रोड स्थित वार्ड 14 की रामनगर कॉलोनी से बरामद कर आरोपी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया ।
नीमकाथाना में जिला अस्पताल से एक दिन पहले जन्मी बच्ची के अपहरण का मामला 15 घंटे में किया बरामद, तलाश में 6 टीम लगी थी
प्रथम दृष्टया नगर परिषद के एक पार्षद सहित तीन की भूमिका सामने आई है। इन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मंगलवार को पुलिस ने एक दिन की बच्ची का अपहरण करने वाली आरोपी महिला कोमल उर्फ आरती पत्नी मनोज अग्रवाल को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के लिए पुलिस पूछताछ पर भेजा गया है। पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एसपी अनिल बेनीवाल ने बताया कि मामले में एएसपी शालिनी राज के नेतृत्व में 6 पुलिस टीमें बनाई गई। 15 घंटों तक लगातार पुलिस ने ट्रेडिशनल पुलिसिंग, तकनीकी सहायता एवं सूचनाओं के आधार पर शहर के सभी हिस्सों में जांच शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस आगे बढ़ती गई, लेकिन भूदोली रोड रामनगर कॉलोनी से आगे अपहरणकर्ता महिलाओं के जाने की जानकारी नहीं मिली। इस दौरान करीब 150 स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। उसके बाद पुलिस ने डोर टूडोर तलाशी अभियान चलाया। पूरी कॉलोनी में एक-एक घर में पुलिस जवानों ने संदिग्ध महिलाओं की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तलाश शुरू की। सोशल मीडिया पर भी सीसीटीवी फुटेज में दिखी महिलाओं के फोटो शेयर कर लोगों से मदद मांगी। कॉलोनी के कुछ लोगों ने पुलिस जांच में सहयोग किया। इससे आरोपी महिला कोमल उर्फ आरती की पहचान हो सकी।पूछताछ में आरोपी कोमल ने बच्ची के अपहरण की वारदात कबूली। उसके बाद पुलिस ने उसके घर से नवजात बच्ची को बरामद किया। मामले में पुलिस ने वार्ड 20 के भाजपा के पार्षद लेखराज, रवि चौधरी व सीसीटीवी फुटेज में आरोपी कोमल उर्फ आरती के साथ दिखी एक युवती को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एसपी अनिल बेनीवाल ने कहा कि अस्पताल में काम करने वाली महिला कार्मिकों की भूमिका को लेकर भी जांच कर रहे हैं। मामले में किसी भी आरोपी को छोड़ेंगे नहीं।
पकड़े जाने के डर से घर के बाहर छोड़ा था बच्ची को
अपनी मां से 15 घंटे दूर रही नवजात ठंड में जिंदगी की जंग लड़ रहीथी। इलाज के लिए नवजात को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। उसे वातावरण में बदलाव के कारण ब्लड इन्फेक्शन हो गया था। उसकी तबीयत में सुधार है। आरोपी कोमल उर्फ आरती ने पुलिस से बचने के लिए उसे घर के बाहर छोड़ दिया था। ठंड में नवजात की सांसें फूल गई। गनीमत ही रही कि आरोपी महिला से पूछताछ के तत्काल बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। इससे नवजात सकुशल मिल गई। एसपी अनिल बेनीवाल, एएसपी शालिनी राज, सीओ जोगेन्द्र सिंह, सीआई जयसिंह, सदर सीआई भंवरलाल और डीएसटी टीम नेनवजात को बरामद कर अस्पताल पहुंचाया था।
दिल्ली के युवक ने पार्षद के जरिए तय किया था सौदा, 35 हजार रु. एडवांस दिया था
दिल्ली निवासी रवि चौधरी के संतान नहीं है। वह अपनी पत्नी के साथ भूदोली रोड पर रहता है। पार्षद लेखराज के जरिए उसकी कोमल उर्फ आरती से पहचान हुई। उनके बीच डेढ़ लाख रुपए में बच्चा गोद दिलाने का सौदा हुआ। एडवांस के रूप में रवि चौधरी ने 35 हजार रुपए दिए। उसके बाद आरोपी कोमल उर्फ आरती ने राजकीय कपिल अस्पताल से नवजात के अपहरण की योजना बनाई। नवजात बच्ची का अपहरण करने के बाद आरोपी कोमल ने रवि चौधरी को बच्ची सौंप दी, लेकिन सोशल मीडिया पर अस्पताल से बच्ची चोरी की खबर फैली तो उसके हाथ-पांव फूल गए। उसने बच्ची को वापस लौटा दिया। उसके बाद पुलिसने आरोपी महिला से पूछताछ के बाद नवजात को बरामद कर लिया।

महिला चलाती है कॉस्मेटिक शॉप
बच्ची का अपहरण करने वाली मुख्य आरोपी महिला के पति की इस मामले में भूमिका सामने नहीं आई है। आरोपी महिला कॉलोनी में ही कॉस्मेटिक्स शॉप चलाती है। उसका पति रींगस में श्याम ध्वज बेचता है और शनिवार, रविवार तथा एकादशी को वह वहीं रहता है।आरोपी महिला का साथ देने वाली युवती बालिग है या नाबालिग अभी जांच चल रही है। उम्र का वेरीफिकेशन होने पर संबंधित धारा में उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों का सम्मान
नवजात को सकुशल बरामद करने के मामले में लोगों ने पुलिस का आभार जताया। मंगलवार को अस्पताल में लोगों ने एसपी अनिल बेनीवाल, एएसपी शालिनीराज, सीओ जोगेन्द्र सिंह, सीआई भंवरलाल कुमावत, डीएसटी टीम के हैड कांस्टेबल दिनेश कुमार, संजय, रोहिताश, रामू सैनी, विद्याधर का सम्मान किया। लोगों ने कहा कि पुलिस की तत्परता से नवजात सकुशल मिल सकी। जिले की पुलिस ने नाकाबंदीकर पूरे इलाके में सीसीटीवी फुटेज खंगाले। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, डेरों, होटल-ढाबों को चैक किया। इसी वजह से नवजातबच्ची मिल सकी।
पीएमओ ने जांच टीम बनाई
नवजात के अपहरण के मामले की जहां पुलिस जांच कर ही रही है, वहीं जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. सुमित गर्ग ने अलग से पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इसमें 3 डॉक्टर और दो नर्सिंगकर्मी शामिल हैं। ये जांच कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। ये कमेटी बच्ची के अपहरण मामले में अस्पताल के किसी स्टाफ की संलिप्तता, स्टाफ या किसी स्तर पर लापरवाही और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के सुझाव भी देगी। हालांकि इस मामले में अब तक किसी स्टाफ की संलिप्तता सामने नहीं आई है।