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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले- सेवा विस्तार वाले आज से ही सेवाएं समाप्त समझे


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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले- सेवा विस्तार वाले आज से ही सेवाएं समाप्त समझे

राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर शैक्षिक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए जोधपुर पहुंचे. इस दौरान पहली बार मंत्री दिलावर के आगमन पर सर्किट हाउस में उनका स्वागत किया गया.

जोधपुर : राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर शैक्षिक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए जोधपुर पहुंचे. इस दौरान पहली बार मंत्री दिलावर के आगमन पर सर्किट हाउस में उनका स्वागत किया गया. इस दौरान मंत्री दिलावर ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि देखने में आया है कि शिक्षा विभाग में पिछली सरकार में रिटायर्डमेंट के बाद भी कुछ लोगो को सेवा विस्तार करते हुए संविदा पर नियुक्तियां दी गई है ऐसे लोग अपनी सेवा विस्तार को निरस्त समझे.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर शिक्षाविद अधिकारियों व निजी बड़ी संस्थाओं से भी चर्चा करेंगे एवं नई शिक्षा नीति को धीरे धीरे लागू करेंगे. शिक्षा में संस्कारों का समावेश कैसे हो इसको लेकर भी चर्चा होगी. उन्होने कहा कि प्रदेश भर में दो दिन तक शैक्षिक सम्मेलन हो रहे है जिसका उदेश्य शिक्षा,शिक्षक व राष्ट्रहित में कैसे आगे बढ़े इसमें सरकार का मार्गदर्शन होना चाहिए. उन्होने कहा कि देखने में आया है कि शैक्षिक सम्मेलन में शिक्षकों की उपस्थिति काफी कम है. ऐसे में हम अगली बार सभी शैक्षिक सम्मेलनों की विडियों रिकॉर्डिंग करवाएंगे और जहा संख्या कम होगी उसके बाद चर्चा कर कोई निर्णय लेंगे.

उन्होने पंचायत राज विभाग को लेकर कहा कि पंचायत के विकास कार्यो एवं निर्माण कार्यो के लिए प्रपत्र 5 में कुछ संशोधन किया है किसी प्रकार का भ्रष्टाचार ना हो एवं उचित कार्यो को समय पर पूरा करने के साथ विवाद की स्थिति से बचने के लिए प्रपत्र 5 पर सभी सक्षम अधिकारियों के हस्ताक्षर होंगे तो ही मान्य होगा. उन्होने कहा कि इसके अलावा पंचायत की बैठकों के कार्यवाही रजिस्ट्रर में पहले साइड में हस्ताक्षर होते थे लेकिन अब कार्यवाही लिखने के बाद नीचे की ओर हस्ताक्षर होंगे ताकि बाद में उसमें कुछ लिखा ना जा सके. उन्होने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकार ने जो अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोले है हम अंग्रेजी के खिलाफ नही है लेकिन हिन्दी मातृभाषा है ऐसे में स्कूलों में संसाधनों को देखते हुए कार्य किया जाएगा. हमारे सामने आया कि आज 22 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है एवं सरकार उस पर काम कर रही है.

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