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नेता प्रतिपक्ष बनते ही जूली ने पत्नी को किया फोन:मां बोलीं- ‘घर आता है तो बच्चों की तरह मेरे पास सो जाता है’


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नेता प्रतिपक्ष बनते ही जूली ने पत्नी को किया फोन:मां बोलीं- ‘घर आता है तो बच्चों की तरह मेरे पास सो जाता है’

नेता प्रतिपक्ष बनते ही जूली ने पत्नी को किया फोन:मां बोलीं- 'घर आता है तो बच्चों की तरह मेरे पास सो जाता है'

अलवर : अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक टीकाराम जूली को कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष बनाया है। घरवालों को अंदाजा तक नहीं था कि जूली को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। जिस समय AICC ने जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाने की घोषणा की, तब जूली जयपुर में थे। उनका परिवार अलवर की सिलीसेढ़ झील में मछलियों को चुग्गा डालने गया था।

टीकाराम जूली की पत्नी गीता देवी ने बताया कि शाम करीब 4 बजे उन्होंंने कॉल किया और कहा कि अब बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है। अब जनता के लिए खूब काम करना है।

हमारी मीडिया टीम जब जूली के अलवर में मोती डूंगरी के पास ऑर्किड रेजिडेंसी स्थित घर (फ्लैट) में पहुंची तो उनकी मां चलती देवी मोबाइल फोन पर बेटे से ठहाके लगाते हुए बात कर रही थीं। हमने उनसे पूछा, पता है कि टीकाराम जी अब क्या हो गए तो वे बोलीं- ‘मुझे नहीं पता क्या बन गया, लेकिन मैंने आशीर्वाद दिया था। मैं बहुत खुश हूं।’

मां ने बताया कि बेटा 44 साल का हो गया है, लेकिन जब भी घर आता है तो बच्चा बन जाता है। मेरे पास आकर सो जाता है और खूब बात करता है।

जब टीकाराम जूली के नेता प्रतिपक्ष बनने की घोषणा हुई। उससे ठीक पहले जूली की पत्नी अपनी ननद के साथ दाना डालने सिलीसेढ़ गई थीं।
जब टीकाराम जूली के नेता प्रतिपक्ष बनने की घोषणा हुई। उससे ठीक पहले जूली की पत्नी अपनी ननद के साथ दाना डालने सिलीसेढ़ गई थीं।

मां बोलीं- बेटे को घी बहुत पसंद है
जूली की मां घर में आराम कर रही थीं। परिवार के लोग उनके बेड के आसपास खुशी से मोबाइल फोन पर बात करने में लगे थे। मां ने बताया- एक दिन पहले ही बेटे को खूब आशीर्वाद दिया था। वह मुझसे मिलकर सोमवार को जयपुर गया था। हम बहुत खुश हैं। मेरे बेटे को खूब आशीर्वाद है। वह मेरे पास रहता है। मुझसे मिलकर गया था।

मां ने बताया- ऐसे बेटे नहीं मिल सकते। मेरे पास बैठता है। बच्चे की तरह एक ही बेड पर सो जाता है। खूब सेवा करता है। बेटे को घी खाना बहुत पसंद है। उसके लिए दो-दो भैंस रखती थी। मलाई और घी तुरंत कटोरी में भरकर खा जाता था। बेटी भी खूब खाती थी। मैंने कभी खाने-पीने की चीजों पर ताला नहीं लगाया। पड़ोसी भी खा जाते थे।

पत्नी बोलीं- किसी को नाराज नहीं करते
शाम करीब 6 बजे टीकाराम जूली की पत्नी घर के परिसर में दीपक जलाते हुए मिलीं। गीता देवी ने बताया- मुझे शाम 4 बजे पता चला। खुद पति ने फोन कर सूचना दी थी। बहुत अच्छा हुआ है। अब जनता के काम खूब कर सकेंगे। पत्नी बोलीं- उनका स्वभाव अच्छा है। बच्चे और बड़ों को बराबर महत्व देते हैं। किसी का काम नहीं कर पाते हैं तो भी उनको नाराज नहीं करते हैं।

उन्होंने बताया- विधानसभा चुनाव-2023 में टिकट मिलने के बाद पहले 10 दिन तक हमें चुनाव में टक्कर लग रही थी। लेकिन, बाद में चुनाव हमारे पक्ष में होता चला गया।

टीकाराम जूली की मां बहुत खुश हैं। कैमरे से फोटो लेने के बाद बोलीं- दिखाओ कैसी फोटो आई है।
टीकाराम जूली की मां बहुत खुश हैं। कैमरे से फोटो लेने के बाद बोलीं- दिखाओ कैसी फोटो आई है।

पत्नी ने बताया कि हम दोपहर बाद में सिलीसेढ़ में मछलियों को चुग्गा डालने गए थे। वहां से आते ही फोन पर बताया कि वे नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं। इसके बाद घर में हर मंगलवार की तरह पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाए। बाद में परिवार के और लोग भी आ गए। घर के बाहर और कार्यालय पर समर्थकों की भीड़ जुट गई।

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