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गहलोत के आखिरी 6 महीनों की समीक्षा करेगी भाजपा सरकार:पहली कैबिनेट बैठक में हो सकता है 22 जनवरी को सरकारी छुट्‌टी का फैसला


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गहलोत के आखिरी 6 महीनों की समीक्षा करेगी भाजपा सरकार:पहली कैबिनेट बैठक में हो सकता है 22 जनवरी को सरकारी छुट्‌टी का फैसला

गहलोत के आखिरी 6 महीनों की समीक्षा करेगी भाजपा सरकार:पहली कैबिनेट बैठक में हो सकता है 22 जनवरी को सरकारी छुट्‌टी का फैसला

जयपुर : सीएम भजनलाल शर्मा की कैबिनेट की पहली बैठक 18 जनवरी को होगी। सरकार के गठन के 34 दिन बाद कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को सरकारी अवकाश घोषित करने सहित गहलोत सरकार के अंतिम 6 महीनों में लिए गए निर्णयों के रिव्यू के लिए कमेटी का गठन किया जा सकता है।

बैठक सुबह 11 बजे सीएमओ में प्रस्तावित है। 19 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की तैयारियों, विकसित भारत संकल्प यात्रा को अधिक सशक्त व प्रभावी बनाने पर भी मंथन होगा।

संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाने का निर्णय
सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने अपना जन घोषणा पत्र जारी किया था। इसे ‘संकल्प पत्र’ नाम दिया गया था। इस संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज (सरकारी दस्तावेज) बनाने का निर्णय भी कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है।

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र को कैबिनेट की पहली बैठक में रखवाकर उसे सरकारी दस्तावेज घोषित करवाया था। इसी तरह से भजनलाल शर्मा की कैबिनेट भी संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज घोषित करेगी।

कैबिनेट की पहली बैठक में देरी होने पर लगातार भजनलाल सरकार सवाल उठ रहे हैं।
कैबिनेट की पहली बैठक में देरी होने पर लगातार भजनलाल सरकार सवाल उठ रहे हैं।

निवेश प्रस्तावों पर भी लग सकती है मुहर
कैबिनेट की पहली बैठक में कई निवेश प्रस्तावों पर भी मुहर लग सकती है। आचार संहिता लगने के कारण प्रदेश में कई निवेश प्रस्ताव अटके हुए हैं। कुछ दिन पहले आयोजित हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट में प्रदेश के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शिरकत की थी। दोनों की कई निवेशकों से प्रदेश में ऊर्जा व अलग-अलग सेक्टर में निवेश को लेकर चर्चा हुई है। ऐसे में कुछ नए निवेश प्रस्तावों पर भी कैबिनेट में मुहर लगने की संभावना है।

गहलोत सरकार के निर्णयों के रिव्यू के लिए कमेटी का गठन
सत्ता में आने से पहले लगातार बीजेपी गहलोत सरकार के अंतिम समय में लिए गए निर्णयों पर सवाल उठाती आई हैं। ऐसे में अब गहलोत सरकार के अंतिम 6 महीनों में लिए गए नीतिगत फैसलों के रिव्यू के लिए भी कैबिनेट की बैठक में कमेटी गठन करने का फैसला लिया जा सकता हैं।

किसी वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया जा सकता हैं। यह कमेटी गहलोत सरकार के फैसलों का रिव्यू करेगी। सूबे में सरकार बदलने के बाद पूर्ववर्ती सरकारों के अंतिम 6 महीनों में लिए गए निर्णयों के रिव्यू के लिए कमेटी का गठन होता आया है।

देरी पर उठ रहे थे सवाल
सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ 15 दिसम्बर को शपथ ली थी। उसी दिन से उनकी कैबिनेट का गठन माना जाएगा। 29 दिसम्बर को भजनलाल के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ। इसमें 22 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 12 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री (5 स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं।

कैबिनेट की पहली बैठक में देरी होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। जानकारी है कि कई मंत्रियों ने भी इस बारे में सीएम भजनलाल शर्मा से बात की थी। इसके बाद कैबिनेट की पहली बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया है।

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