जयपुर : कोर्ट में चुप रहती तो कोई मदद नहीं कर पाता
हाईकोर्ट में सोमवार को रोचक मामला सामने आया। जस्टिस पंकज भंडारी व भुवन गोयल की खंडपीठ में स.माधोपुर की एक युवती पेश हुई और राजकोट के ट्रांसमैन (युवती से पुरुष बने) से शादी करने की इच्छा जताई। शादी से नाराज परिजनों ने युवती को पिछले चार माह से घर में कैद कर रखा था। हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण का केस फाइल हुआ तो पेश करना पड़ा। खंडपीठ ने फैसले में कहा कि युवती बालिग, अपने फैसले खुद ले सकती है और शादी कर सकती है। अधिवक्ता आलिंद चोपड़ा व नमन माहेश्वरी ने बताया कि फैसले में हाईकोर्ट ने एएजी को आदेश की पालना करवाने के निर्देश दिए।
मैं जयपुर में एमजेएमसी कर रही थी। अप्रैल 2023 में सोशल मीडिया पर आदित्य (बदला नाम) से मिली। उसने बताया वह ट्रांसमैन है। राजकोट में बिजनेस करता है। धीरे-धीरे एक-दूसरे को पसंद करने लगे। सितंबर में शादी का निर्णय लिया। घर वालों को आदित्य से शादी के लिए बताया। माता-पिता तैयार नहीं हुए और कैद कर लिया। हमेशा निगाह रखते। न फोन देते, न बाहर जाने देते। ट्रांसमैन को मारने की धमकी देते थे। नवंबर में परिजनों ने कहा कि मोबाइल चाहिए तो शादी करनी होगी। सगाई कर ली पर मोबाइल नहीं मिला। पापा का फोन मिला तो ट्रांसमैन को सारी बात बता दी। उसने हाईकोर्ट में केस फाइल किया। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर हुई तो कोर्ट लाया गया। जज के सामने पहुंची तो लगा चुप रही तो कोई मदद नहीं करेगा, इसलिए सब बता दिया।
-जैसा निधि (बदला नाम) ने मीडिया कर्मी को बताया