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ईशा बिजारणियां का भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन:प्रथम प्रयास में सिलेक्ट होने वाली राजस्थान की पहली महिला बनी


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ईशा बिजारणियां का भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन:प्रथम प्रयास में सिलेक्ट होने वाली राजस्थान की पहली महिला बनी

ईशा बिजारणियां का भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन:प्रथम प्रयास में सिलेक्ट होने वाली राजस्थान की पहली महिला बनी

सीकर : शेखावाटी के लोग हमेशा ही अपनी प्रतिभा और पुरुषार्थ के बल पर अपने-अपने क्षेत्रों में अपने कार्यों और उपलब्धियों से देश-विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त करते रहे हैं। यहां के उद्योगपति, खिलाड़ी और भारतीय सेना के सैनिक अपने आप में पूरे देश के लिए एक उदाहरण है।

सच्ची लगन और लगातार प्रयास किए जाएं तो मार्ग में आने वाली बाधाओं को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है, इस कहावत को सत्य चरितार्थ किया है मैट्रिक्स की स्टूडेंट और झुंझुनू जिले की बेटी ईशा बिजारणियां ने।

मैट्रिक्स इंस्टिट्यूट के संचालक ईशा को सम्मानित करते हुए।
मैट्रिक्स इंस्टिट्यूट के संचालक ईशा को सम्मानित करते हुए।

अपनी छोटी सी उम्र में ही ईशा बिजारणियां ने भारतीय नौसेना की टेक्निकल साइड से लेफ्टिनेंट के पद हेतु पहली बार निकली परीक्षा को प्रथम प्रयास में ही पास कर इतिहास रच दिया है। वो ऐसा करने वाली राजस्थान की पहली छात्रा है।

भारतीय सेना में सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से टेक्निकल साइड से 12वीं और जेईई मेंस में पास अभ्यर्थियों के लिए जून में पहली बार महिलाओं के लिए सशस्त्र सेवा के 9 पदों सहित कुल 30 पदों की विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसमें झुंझुनू की बेटी ईशा बिजारणियां ने चयनित होकर इतिहास रच दिया।

16 से 21 सितंबर को विशाखापट्टनम में आयोजित एसएसबी में जिले की बहुमुखी प्रतिभाशाली 19 वर्षीय ईशा ने पहले प्रयास में सफलता हासिल की। मेडिकल, चरित्र सत्यापन व मेरिट इत्यादि सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद रक्षा मंत्रालय मुख्यालय नौसेना द्वारा 1 जनवरी 2024 को चयन सूची को जारी किया गया। ईशा बिजारणिया के चयन होने पर घर, परिवार, गांव, मित्रजनों व मैट्रिक्स कोचिंग और स्टूडेंट्स में खुशी और उल्लास का माहौल बन गया।

ईशा ने सोफिया स्कूल खेतड़ी से दसवीं व केंद्रीय विद्यालय खेतड़ी से 12वीं की परीक्षा पास की थी जिसके बाद ईशा जेईई मेंस और एडवांस की तैयारी करने के लिए सीकर के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान मैट्रिक्स में आ गई और यहां से जेईई मैंस अच्छे अंकों से पास किया।

भारतीय नौसेना ने पहली बार टेक्निकल साइड से लेफ्टिनेंट पदों के लिए कुल 30 पद निकाले जिसमें 9 पद लड़कियों हेतु रिजर्व थे। जिसमें ईशा ने शानदार परफॉर्मेंस देते हुए पहले ही प्रयास में खुद को चयनित कर सभी को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है।

ईशा के दादा दिलीप सिंह जी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, खेतड़ी नगर से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। पिता अजीत सिंह बिजारणियां पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया के लाइफ टाइम सदस्य और वर्तमान में जिला परिषद झुंझुनूं में जिला आईइसी समन्वय के पद पर कार्यरत हैं।

ईशा की माँ राजबाला राजकीय बालिका स्कूल, मांकड़ो में टीचर के पद पर कार्यरत है वहीं भाई स्टेट लेवल बास्केटबाल खिलाड़ी है और वर्तमान में दसवीं की पढ़ाई कर रहा है।

ईशा ने बताया कि उसकी इस सफलता में मैट्रिक्स के कॉम्पिटेटिव माहौल में पढ़ाई और की गई मेहनत बहुत बड़ी सहायक सिद्ध हुई। ईशा की बुआ सुमन ने बताया कि ईशा बचपन से ही बहुत मेहनती और होशियार स्टूडेंट है और इसने इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर परिवार के साथ-साथ हम सब का गौरव बढ़ाया है।

गौरतलब है कि ईशा पहली बार निकली इस प्रकार की भर्ती में चयनित होकर राजस्थान की प्रथम महिला अभ्यर्थी बनी है जिसने सशस्त्र सेना में नौसेना से लेफ्टिनेंट बनकर इतिहास रचा है।

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