झुंझुनूं : जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की ओर से जाखल गांव के नेत्रहीन उपभोक्ता को गलत मीटर नंबर की बकाया राशि जोड़कर बिल भेजने के मामले में फैसला सुनाया गया है। आयोग अध्यक्ष मनोज मील व सदस्य नीतू सैनी ने रामस्वरूप के हक में फैसला देते हुए एवीवीएनएल के दोषी कर्मचारी को 25 हजार रुपए और 7,500 रुपए परिवाद अपने वेतन से उपभोक्ता को चुकाने के आदेश दिए हैं।
आयोग की कड़ी टिप्पणी
आयोग ने एवीवीएनएल गुढ़ागौड़जी के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा- यह कार्यालय जिला आयोग में लंबित मामलों के जवाब में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर एवं विरोधाभाषी कथनों के साथ जवाब पेश करने का आदी है। उसके द्वारा पीड़ित की प्रार्थना का निस्तारण करने की बजाए बिजली नीति से विपरीत जाकर मामलों को उलझाने का प्रयास बार-बार किया गया है। इसलिए मामले के सम्बन्ध में अनुचित व्यापार-व्यवहार व सेवा दोष के कार्य के चलते एवीवीएनएल को होने वाले नुकसान की भरपाई करनी होगी।
दूसरे के मीटर का थमा दिया बिल
परिवादी ने पड़ताल की तो पता चला कि जिस पुराने मीटर का हवाला दिया गया है, वह मीटर नम्बर परिवादी के नहीं बल्कि किसी अन्य उपभोक्ता के हैं। परिवादी ने अधिकारियों को बताया तो उन्होंने कहा गया कि बिल जमा नहीं करवाने की स्थिति में कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाएगा।
यह है मामला
जाखल के रामस्वरूप खेदड़ ने आयोग में परिवाद दिया था कि उसके भाई केशर देव के नाम से बिजली कनेक्शन है। केशरदेव पश्चिम बंगाल में रहता है। ऐसे में रामस्वरूप और उसकी माता ही विद्युत उपभोग कर रहे हैं और नियमित रूप से बिल भरा जा रहा है। विद्युत मीटर खराब होने पर मार्च 2022 में उसने नया मीटर लगवाया था। तब बिल 1146 रुपए आया, जिसे वह समय पर जमा नहीं करवा पाया। इससे पेनल्टी सहित 1186 रुपए हो गए। लेकिन इसके बाद का बिल मई 2022 का 12699 रुपए का आया जबकि मई माह में उपभोग की गई यूनिट की संख्या शून्य अंकित थी।