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वैज्ञानिकों की टीम ने गेहूं खेतों का जायजा लेकर तैयार की रिपोर्ट


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वैज्ञानिकों की टीम ने गेहूं खेतों का जायजा लेकर तैयार की रिपोर्ट

वैज्ञानिकों की टीम ने गेहूं खेतों का जायजा लेकर तैयार की रिपोर्ट -जिले में चालू रबी सीजन में गेहूं उत्पादन का लगाया अनुमान -भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल, एसकेएनयू तथा आईसीएआर दुर्गापुरा के वैज्ञानिकों ने खेतों का किया सर्वेक्षण

हनुमानगढ़ : हनुमानगढ़ जिले में गेहूं फसल की स्थिति अभी ठीक है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने जिले के गेहूं खेतों का जायजा लेकर इसकी रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा एसकेएनयू तथा आईसीएआर दुर्गापुरा के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से निरीक्षण करके गेहूं फसल की वर्तमान स्थिति को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाई है। जिले मेें गेहूं खेतों का निरीक्षण करके अनुमानित उत्पादन का आंकड़ा भी तैयार किया गया है। अभी गेहूं फसल में किसी तरह का संक्रमण या अन्य बीमारी नामात्र ही नजर आया है। तापमान में गिरावट से बहुत हद तक गेहूं को लाभ मिला है। गेहूं में गुलाबी तना छेदक का प्रकोप नजर आने पर फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत सहित अन्य का छिडक़ाव करने की सिफारिश की गई है।
वैज्ञानिकों की टीम ने हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले में जौ फसल की विभिन्न किस्मों को अपनाने की सलाह दी। साथ ही जौ की बिजाई का क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर काफी संभावना जताई। वैज्ञानिकों के अनुसार दोनों जिलों में जौ की डीडब्ल्यूआरबी 137 किस्म के बीजों की अच्छी मांग है। जौ की नई किस्मों को अपनाने पर पैदावार बढऩे की संभावना जताई गई। जिले में चालू रबी सीजन में दो लाख से अधिक क्षेत्र में गेहूं की बिजाई की गई है। बढ़ रही सर्दी से फसल को फायदा है। लेकिन ओस पडऩा भी जरूरी है। भविष्य में सूखी सर्दी पडऩे पर रब फसलों पर विपरीत असर पड़ सकता है। उक्त वैज्ञानिकों की टीम ने कृषि विभाग हनुमानगढ़ के सहायक निदेशक बीआर बाकोलिया से मिलकर गेहूं की बिजाई व इसके संभावित उत्पादन को लेकर जानकारी प्राप्त की।
सर्वेक्षण टीम में यह रहे शामिल
गेहूं खेतों के सर्वेक्षण को लेकर गठित टीम में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने जिले के गेहूं खेतों का जायजा लेकर इसकी रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा एसकेएनयू तथा आईसीएआर दुर्गापुरा के वैज्ञानिक शामिल रहे। इसमें आईसीएआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अमित शर्मा, डॉ. जोगिंदर सिंह, डॉ. बीएन शर्मा, डॉ.एसएस राजपूत आदि मौजूद रहे। टीम ने गेहूं फसल की अभी अच्छी स्थिति बताई है। मौसम ने आगे भी साथ निभाया तो अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है।
तभी अच्छा उत्पादन
वर्तमान मौसम में धूप निकलना भी जरूरी है। अभी न्यूनतम तापमान से नौ से दस डिग्री के बीच है। यदि यह चार से नीचे जाता है तब नुकसान की आशंका रहती है। इसलिए किसानों को विभागीय सलाह मानकर फसलों की देखभाल करनी चाहिए। वर्तमान में किसान खेतों की संभाल करेंगे तभी भविष्य में अनुमान के मुताबिक उत्पादन हो सकेगा। वर्तमान में जिले के किसानों को खेतों में खरपतवारों का नियंत्रण करने की सलाह दी गई है।
जिले में खूब खरीद
हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिले में गेहूं की सरकारी खरीद बड़े पैमाने पर की जाती है। इसलिए यहां पर एफसीआई अधिकारियों की नजर भी टिकी रहती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित की जाने वाली गेहंू में सर्वाधिक खरीद इन दोनों जिलों से की जाती है। ऐसे में दोनों जिले खेती के लिहाज से काफी अहमियत रखते हैं।

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