YS Sharmila: वाईएस शर्मिला आज कांग्रेस में हो सकती हैं शामिल, देर रात दिल्ली पहुंचने पर कही यह बात
हैदराबाद में मंगलवार को वाईएसआरटीपी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद शर्मिला ने कहा था कि वह और अन्य नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और दिल्ली में एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे।
तेलंगाना/नई दिल्ली : वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) की संस्थापक वाईएस शर्मिला आज सुबह कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि वह दिल्ली में एक कार्यक्रम में अपनी पार्टी का भी कांग्रेस में विलय करेंगी। वहीं, कांग्रेस ने जानकारी दी है कि गुरुवार सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक बहुत प्रतिष्ठित नेता पार्टी में शामिल होंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला बुधवार रात दिल्ली पहुंच चुकी हैं। एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारों के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर शर्मिला ने कहा कि हां, कुछ ऐसा ही है। कांग्रेस में उनकी क्या भूमिका होगी, इस पर उन्होंने कहा कि हमें गुरुवार को पता चल जाएगा।
#WATCH | Delhi: On joining Congress, YSR Telangana Party (YSRTP) president, YS Sharmila says, "Yes looks like it. We will know tomorrow…" pic.twitter.com/k6kZlJOJLX
— ANI (@ANI) January 3, 2024
हैदराबाद में मंगलवार को वाईएसआरटीपी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद शर्मिला ने कहा था कि वह और अन्य नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और दिल्ली में एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे।
शर्मिला को कांग्रेस में मिल सकती है राष्ट्रीय स्तर की भूमिका
शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाईएसआरटीपी के कांग्रेस में विलय के बाद शर्मिला को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दिया समर्थन
शर्मिला ने हाल में संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाले बीआरएस के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन को समाप्त करने का आह्वान किया था। विधानसभा चुनाव में बीआरएस को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में तेलंगाना में पहली बार सरकार बनाई।