[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

CBUD ऐप बताएगा कहां-कौन सी लाइन बिछी है:अंडरग्राउंड केबल-पाइपलाइन नुकसान से बचेंगी; विभागों में एसेट्स मैपिंग प्रोसेस शुरू


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

CBUD ऐप बताएगा कहां-कौन सी लाइन बिछी है:अंडरग्राउंड केबल-पाइपलाइन नुकसान से बचेंगी; विभागों में एसेट्स मैपिंग प्रोसेस शुरू

CBUD ऐप बताएगा कहां-कौन सी लाइन बिछी है:अंडरग्राउंड केबल-पाइपलाइन नुकसान से बचेंगी; विभागों में एसेट्स मैपिंग प्रोसेस शुरू

झुंझुनूं : केंद्र सरकार ने विभिन्न विभागों में बेहतर तालमेल के लिए सीबीयूडी एप तैयार करवाया है। इस एप पर भूमिगत पाइपलाइन व केबल्स कहां-कहां हैं, कितनी गहराई में और कितनी लंबी केबल-पाइपलाइन किस सड़क के नीचे से गुजर रही है आदि की सटीक जानकारी संबंधित विभाग को एप में फीड करनी होगी।

यह एक तरह से अंडरग्राउंड की मैपिंग होगी। इससे प्रत्येक विभाग को यह पता रहेगा कि किस सड़क के नीचे किस विभाग की एसेट्स है। जैसे जलदाय विभाग की लाइनें कहां-कहां हैं, विद्युत निगम की केवल अंडरग्राउंड कहां-कहां बिछाई गई हैं। टेलीफोन की लाइनें कहां हैं और सीवरेज लाइनें कहां हैं।

इससे पहले बिछी हुई लाइनों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। इस मोबाइल एप पर सभी संबंधित विभागों को अपनी एसेट्स की मैपिंग करनी है। इनमें बीएसएनएल, बिजली निगम, पीएचईडी में एप पर एसेट्स मैपिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि केबल पाइपलाइन बिछाने व अन्य कार्यों के लिए संबंधित विभाग द्वारा खुदाई करने के दौरान पहले से बिछाई गई लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे आमजन को तो परेशानी होती ही है, उस विभाग को भी, जिसकी लाइन क्षतिग्रस्त हुई है, लाखों रुपयों का नुकसान होता था। लाइनों को दुरुस्त करने में समय भी खराब होता है। सीबीयूडी ऐप आमजन व विभागों को इन सब परेशानियों से निजात दिलाएगा।

बिजली विभाग के एससी रामप्रताप ढ़ाका ने बताया कि सीबीयूडी एप एक मोबाइल एप्लीकेशन है। अंडर ग्राउंड लाइनों की मैपिंग होगी। प्रक्रिया शुरू कर दी है। झुंझुनूं शहर में 35 किलोमीटर तक बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड की जाएगी। 10 किलोमीटर तक बिछा दी गई है। इनकी मैपिंग की जा रही है। इस एप के जरिए खुदाई से पहले जमीन के नीचे मौजूद केवल तार या पाइपलाइन के बारे में पता लगाया जा सकता है।

Related Articles