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निर्मला सीतारमण v/s तमिलनाडु सरकार: बाढ़ को लेकर वित्त मंत्री ने घेरा, तो DMK बोली- वह राज्य का अपमान कर रहीं


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निर्मला सीतारमण v/s तमिलनाडु सरकार: बाढ़ को लेकर वित्त मंत्री ने घेरा, तो DMK बोली- वह राज्य का अपमान कर रहीं

डीएमके के प्रवक्ता ए सर्वानन ने तंज कसते हुए कहा कि 'अगर निर्मला सीतारमण भाजपा नेता के तौर पर बोल रही हैं तो उन्होंने वाट्सएप यूनिवर्सिटी से जानकारी ली होगी।'

तमिलनाडु : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और तमिलनाडु सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल गुरुवार को वित्त मंत्री ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में आई बाढ़ के लिए डीएमके सरकार पर कथित अक्षमता का आरोप लगाया और बताया कि केंद्र सरकार ने बचाव और राहत कार्यों के लिए तुरंत सहायता पेश की थी। अब वित्त मंत्री के आरोप पर तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने भी पलटवार किया है। डीएमके ने कहा है कि वित्त मंत्री वाट्सएप यूनिवर्सिटी से ज्ञान ले रही हैं।

डीएमके का वित्त मंत्री पर पलटवार
वित्त मंत्री के आरोपों पर डीएमके के प्रवक्ता ए सर्वानन ने तंज कसते हुए कहा कि अगर निर्मला सीतारमण भाजपा नेता के तौर पर बोल रही हैं तो उन्होंने वाट्सएप यूनिवर्सिटी से जानकारी ली होगी, लेकिन अगर वह बतौर मंत्री बोल रही हैं तो फिर उनकी तथ्यों पर बिल्कुल भी पकड़ नहीं हैं।

वित्त मंत्री के उस बयान पर भी डीएमके ने नाराजगी जाहिर की, जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में बाढ़ से राहत और बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की थी। इस पर डीएमके ने कहा है कि ‘ऐसा करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है। सरकार ऐसे जता रही है कि जैसे उसने किसी अन्य देश पर अहसान किया है।’ तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा कि ‘निर्मला सीतारमण तमिलनाडु का अपमान कर रही हैं, उनकी भाषा ऐसी है जैसे वह युद्ध में किसी दुश्मन देश के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।’

वित्त मंत्री ने लगाए थे तमिलनाडु सरकार पर आरोप
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बीते दिनों कहा था कि उन्हें मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश का अलर्ट उसी दिन मिला, जिस दिन बारिश शुरू हुई। इस पर वित्त मंत्री ने तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मौसम विभाग ने 12 दिसंबर को ही भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। साथ ही राज्य के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने तुरंत बाद सेना और एनडीआरएफ की टीमें तमिलनाडु भेज दी थीं। साथ ही 20 दिसंबर को नुकसान का आकलन करने  के लिए भी एक टीम भेज दी गई थी। सीतारमण ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार ने भारी बारिश से लोगों को बचाने के लिए कोई तैयारी नहीं की थी। सरकार ने 2015 की बाढ़ से कोई सबक नहीं लिया और नालों के निर्माण में खर्च की गई राशि विरोधाभासी आंकड़े दे रही है। सीतारमण ने कहा कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।

बता दें कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने राज्य में आ रही बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है और 12 हजार करोड़ रुपये चेन्नई और उसके करीबी जिलों में आई बाढ़ के लिए मांगे हैं और साथ ही दक्षिणी जिलों में आई बाढ़ के लिए अतिरिक्त 2000 करोड़ रुपये की मांग की गई है। सीएम स्टालिन ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी।

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