[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

Parliament Security: संसद को महफूज रखने का जिम्मा CISF को ही क्यों? जानें इन सुरक्षा बलों की 10 अहम बातें


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़नई दिल्लीराज्य

Parliament Security: संसद को महफूज रखने का जिम्मा CISF को ही क्यों? जानें इन सुरक्षा बलों की 10 अहम बातें

देश के कई हवाईअड्डों, दिल्ली मेट्रो, संग्रहालयों और धरोहरों समेत कई अहम जगहों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है। संसद की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को ही क्यों चुना गया? आइये समझते हैं...

Parliament Security: संसद की सुरक्षा में सेंध का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। लोकसभा में दो लोगों के घुसने और कलर स्मोक का इस्तेमाल करने वाली घटना के बाद सरकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को संसद की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। कई हवाईअड्डों, दिल्ली मेट्रो, संग्रहालयों और धरोहरों समेत देश में कई अहम जगहों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के ही पास है।

सुरक्षाबलों की यह इकाई क्यों खास है?  संसद की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के अलग-अलग अंगों में सीआईएसएफ को ही क्यों चुना गया? आइए समझें…

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल क्यों अहम है

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

CISF – फोटो : Agency (File Photo)
पहले संसद की सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस के पास था। अब गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सीआईएसएफ जवानों के पास यह जिम्मेदारी होगी। 13 दिसंबर की घटना के बाद गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ को संसद की सुरक्षा का जिम्मा सौंपने का फैसला लिया। सीआईएसएफ दिल्ली पुलिस से सुरक्षा का प्रभार ग्रहण करेगी। खबरों के मुताबिक सीआईएसएफ की सुरक्षा और फायर विंग की तैनाती से पहले संसद परिसर में सुरक्षा जरूरतों का जायजा लिया जाएगा।

जस्टिस मुखर्जी आयोग की सिफारिश; 54 साल पहले बनी CISF

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

CISF
रांची में स्थापित हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) के एक प्लांट में 1964 में भयानक आग लगी थी। आग लगने के कारणों की पड़ताल के साथ-साथ सुधार के उपायों पर विचार के लिए सरकार ने न्यायमूर्ति मुखर्जी आयोग का गठन किया। आयोग ने औद्योगिक परिसरों की सुरक्षा के लिए समर्पित बल बनाने की सिफारिश की। हादसे के करीब पांच साल बाद CISF की स्थापना 10 मार्च, 1969 को संसद में पारित अधिनियम के माध्यम से की गई।

सुरक्षाबलों के साथ उद्योग का नाम क्यों जुड़ा ?

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

सांकेतिक तस्वीर
हादसे के बाद अस्तित्व में आई CISF को देश के औद्योगिक उपक्रमों की बेहतर सुरक्षा के मकसद से बनाया गया। गठन के महज आठ महीने बाद ही CISF को पहली तैनाती भी मिल गई और महाराष्ट्र के ट्रॉम्बे में भारतीय उर्वरक निगम के विनिर्माण संयंत्र की सुरक्षा का प्रभार 1 नवंबर, 1969 को सौंपा गया। शुरुआती कई वर्षों तक सीआईएसएफ का दायरा सरकारी उद्योग परिसरों को महफूज रखने तक ही सीमित था। गठन के करीब चार दशक बाद बड़े संशोधन की जरूरत महसूस की गई। साल 2009 में संयुक्त उद्यमों के साथ-साथ और निजी उपक्रमों को भी सुरक्षित रखने की ड्यूटी सीआईएसएफ को सौंपी गई। अब दायरे के विस्तार के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर सीआईएसएफ जवान देश के कई प्रमुख निजी क्षेत्रों को भी सेवाएं देते हैं।

CISF सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में एक

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

cisf
सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में से एक है। छह अन्य सुरक्षाबलों की यूनिट के नाम- सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB), असम राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) हैं।

एक समर्पित फायर विंग है
अग्निशमन विंग वाला एकमात्र सीएपीएफ- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) लगातार अपग्रेड हो रहा है। इसकी मिसाल है गठन के केवल एक साल बाद करीब पांच दशक पहले फायर विंग इकाई का गठन।  53 कर्मियों की क्षमता वाली पहली फायर विंग केरल की घटना के बाद बनी। कोचीन के फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (FACT)  में 16 अप्रैल, 1970 को फायर विंग तैनात की गई। कई साल बाद 1991 में एक और बड़ा बदलाव हुआ। सीआईएसएफ में अग्निशमन सेवा कैडर अलग से बनाया गया। इसे भारत की सबसे बड़ी, अच्छी तरह प्रशिक्षित और सुसज्जित अग्निशमन इकाई माना जाता है।

चुनौतियों के साथ बदल रही भूमिका; सुरक्षा सेवा के बदले भुगतान

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

सीआईएसएफ
समय के साथ कड़ी हो रही चुनौतियों को देखते हिए सीआईएसएफ की ताकत लगातार बढ़ रही है। पिछले कुछ साल में सीआईएसएफ की ताकत बढ़ी है। कारखानों और औद्योगिक परिसरों की सुरक्षा के अलावा सीआईएसएफ देश भर में 350 से अधिक जगहों को महफूज रखती है। इसमें परमाणु ऊर्जा संयंत्र, अंतरिक्ष प्रतिष्ठान, बंदरगाह, इस्पात संयंत्र, कोयला क्षेत्र, जल-विद्युत और ताप विद्युत संयंत्र जैसी चुनौतीपूर्ण जगह भी शामिल हैं।

खाद और केमिकल से जुड़े FACT के अलावा रक्षा उत्पादन इकाइयों की सुरक्षा का जिम्मा भी सीआईएसएफ को सौंपा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नोटों की छपाई करने वाले टकसाल और ताज महल जैसे वैश्विक विरासतों को भी सीआईएसएफ महफूज रखती है। 60 से अधिक हवाई अड्डों और महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा में भी सीआईएसएफ जवान तैनात हैं। CISF को सेवाओं के बदले भुगतान किया जाता है। यानी इसे प्रतिपूरक लागत बल (compensatory cost force) भी कहा जाता है।

CISF जवान सबसे बड़ी तादाद में जनता के सामने होते हैं

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

सीआईएसएफ (सांकेतिक तस्वीर)। – फोटो : सोशल मीडिया
सीएपीएफ में शामिल अन्य सुरक्षाबलों की तुलना में सीआईएसएफ का सार्वजनिक इंटरफ़ेस यानी जनता के सामने रहने की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील परिस्थितियों को देखते हुए सीआईएसएफ कर्मियों को बेहद कठिन प्रशिक्षण से गुजरना होता है। उन्हें जनता के साथ-साथ अक्सर लोगों की भारी भीड़ से निपटने का कौशल भी सिखाया जाता है।

वीआईपी सुरक्षा में मुस्तैद सीआईएसएफ
दायरा बढ़ने का एक प्रमाण सीआईएसएफ को सौंपी गई वीआईपी सिक्योरिटी को भी माना जा सकता है। पहले सुरक्षा समीक्षा के आधार पर वीआईपी सुरक्षा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के जवान तैनात किए जाते थे। हालांकि, करीब पांच साल पहले संसदीय समिति की सिफारिश के बाद सीआईएसएफ को भी वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया। इसका मकसद सीआरपीएफ-आईटीबीपी और एनएसजी का बोझ कम करना है। साल 2020 में, सरकार ने एनएसजी को सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह अलग कर दिया। अब यह आतंकवाद और अपहरण-विरोधी कर्तव्यों के लिए समर्पित है।

देशभर में सीआईएसएफ के पास कितने सुरक्षाबल ?

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

स्थापना दिवस समारोह के दौरान CISF जवान (फाइल)
सीआईएसएफ के पास 1.80 लाख सुरक्षाबल हैं। स्थापना के बाद कई बार सीआईएसएफ की क्षमता बढ़ाई गई। लगभग 3,000 कर्मियों के साथ शुरू हुआ सीआईएसएफ पांच दशक बाद कई गुना अधिक ताकतवर हो चुका है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। सीआईएसएफ के प्रमुख महानिदेशक स्तर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी (आईपीएस)  होते हैं। सीआईएसएफ का ऑपरेशन प्रभावी बनाने के मकसद से इसे अग्निशमन सेवा विंग के अलावा नौ सेक्टरों- (हवाई अड्डा, उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, प्रशिक्षण, दक्षिण-पूर्व, मध्य) में बांटा गया है।

11 साल पहले दायरा समुद्र तक फैला; इतालवी नौसैनिक विवाद के बाद फैसला वापस
2012 में सीआईएसएफ ने गहरे समुद्र में व्यापारिक जहाजों को समुद्री डकैती से बचाने के लिए समुद्री कमांडो का गठन किया। इस योजना को 2016 में विवादास्पद एनरिका लेक्सी मामले के बाद बंद करना पड़ा था। इस घटना में दो इतालवी नौसैनिकों ने 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कानूनी उलझनें उजागर होने के बाद फैसले को वापस ले लिया गया।

नारी शक्ति को सबसे अधिक तरजीह

Parliament Security CISF know about Indian Security Force key features

सीआईएसएफ में नारी शक्ति को सबसे अधिक तरजीह (सांकेतिक तस्वीर)
सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक अन्य सभी सीएपीएफ की तुलना में सीआईएसएफ में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक है। सीआईएसएप में महिला कॉन्स्टेबलों का पहला बैच करीब 46 साल पहले 1987 में शामिल किया गया था। पहली महिला अधिकारी सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्त हुई थीं। गठन के पांच दशक बाद तरक्की कितनी हुई है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में सीआईएसएफ का नेतृत्व विशेष महानिदेशक नीना सिंह कर रही हैं। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं।

Related Articles