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Rajasthan Deputy CM: डिप्टी सीएम दीया-प्रेमचंद को गंवाना पड़ेगा पद? कोर्ट में याचिका दायर, अब क्या हो सकता है?


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Rajasthan Deputy CM: डिप्टी सीएम दीया-प्रेमचंद को गंवाना पड़ेगा पद? कोर्ट में याचिका दायर, अब क्या हो सकता है?

Rajasthan Deputy CM: राजस्थान के डिप्टी सीएम की शपथ को संविधान के विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें डिप्टी सीएम दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है।

Rajasthan Deputy CM: राजस्थान में भाजपा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ ही दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है। दोनों डिप्टी सीएम की शपथ को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें दोनों  डिप्टी सीएम की शपथ को अवैध बताते हुए नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है। अब हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा।

कौन है याचिकाकर्ता, क्या दिया तर्क?
हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट ओमप्रकाश सोलंकी हैं। उनका कहना है कि डॉ. प्रेमचंद बैरवा  और दीया कुमारी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। लेकिन, संविधान में इस पद का कोई प्रावधान नहीं है। डिप्टी सीएम सिर्फ राजनीति पद है, वह मंत्री ही होता है। लेकिन, दीया और प्रेमचंद ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है जो कानूनी तौर पर गलत है। इसलिए, इन दोनों नियुक्ति को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है।

पहली बार नेताओं ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ
भाजपा ने राजस्थान में ही नहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी दो-दो डिप्टी सीएम बनाए हैं। तीनों ही राज्यों में नेताओं ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। लेकिन, इससे पहले 2018 में कांग्रेस राज में सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे। इस दौरान उन्होंने उपमुख्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। इससे पहले भी राजस्थान में बनाए गए डिप्टी सीएम ने मंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन, इस बार भाजपा ने एक नई शुरुआत की है।

सु्प्रीम कोर्ट ने नहीं माना था कानून का उल्लंघन
इससे पहले भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में डिप्टी सीएम की शपथ पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की जा चुकीं हैं, जिन्हें खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि डिप्टी सीएम का शपथ लेना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है। आर्टिकल 164 (3) के तहत शपथ दिलाई जाती है।

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