Rajasthan: सीएमओ के 4 अफसर एपीओ, लेकिन जिस मुख्य सचिव हटाने के लिए भाजपा चुनाव आयोग तक गई वह अब तक पद पर
राजस्थान में नए सीएम भजनलाल शर्मा के शपथ लेने के साथ ही ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अब मुख्य सचिव को लेकर फैसला होना है। चुनाव के बीच भाजपा ने मुख्य सचिव उषा शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस दौरान आयोग से उन्हें तुरंत कार्यमुक्त करने की मांग भी की गई थी।
प्रदेश में राज बदलने के साथ ही ब्यूरोक्रेसी के चेहरे बदलने की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पिछली सरकार के समय से सीएमओ में तैनात 4 आईएएस अफसरों को एपीओ कर दिया गया।
इनमें गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के अलावा आईएएस आरती डोगरा, गोरव गोयल और राजन विशाल को अगले आदेशों तक एपीओ करने का आदेश जारी कर दिए गए। लेकिन, जिस मुख्य सचिव उषा शर्मा को हटाने के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग में जाकर एडी-चोटी का जोर लगा दिया था वह अब तक अपने पद पर काम कर रही हैं।
अब तक का चलन यही रहा है कि नई सरकार सत्ता में आने के साथ ही मुख्य सचिव या तो छुट्टी पर चले गए या फिर उन्हें किसी बोर्ड-आयोग में लगा दिया गया। लेकिन, उषा शर्मा अब तक न तो छुट्टी पर गईं और न ही सरकार उनका तबादला कर सकी। हालांकि, भाजपा के नेता उनके खासे नाराज जरूर हैं। इसकी 2 बड़ी वजह है।
भाजपा ने लगाए थे गंभीर आरोप
पहली वजह यह कि विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी ने मुख्य सचिव उषा शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और चुनाव आयोग से उषा शर्मा को तुरंत कार्यमुक्त करने की मांग की थी। इसके लिए राजस्थान विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था। राठौड़ ने कहा था कि मुख्य सचिव उषा शर्मा सेवाकाल बढ़ाए जाने के कारण सरकार से उपकृत अधिकारी है, इसलिए चुनाव में निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर सकतीं।
शपथ ग्रहण समारोह में गड़बड़ियों को लेकर भी नाराज बीजेपी
दूसरी वजह मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में अव्यवस्थाएं हुईं हैं। इसमें उद्घोषक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बोल दिया जिस पर पीएम काफी नाराज भी नजर आए। वहीं मंच से राष्ट्रगान के समय भी काफी गड़बड़ी हुई जिसे लेकर भाजपा नेता काफी नाराज हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उषा शर्मा का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार उन्हें रवाना कर सकती है। हालांकि, सेवा काल के विस्तार के बाद ही उषा शर्मा की सेवानिवृत्ति इसी साल 31 दिसंबर को ही है। लेकिन, भाजपा सरकार इससे पहले ही उन्हें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर सकती है।
मैथ्यू को भेजा गया था रोडवेज, डीबी गुप्ता को भी छोड़ना पड़ा था चार्ज
राजस्थान में राज बदलने के साथ ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलने का रिवाज हमेशा से ही रहा है। जब भी यहां सत्ता परिविर्तन हुआ मुख्य सचिव का चेहरा हाथों-हाथ बदला गया। जब 2013 में भाजपा सरकार सत्ता में आई तब तत्कालीन मुख्य सचिव सीके मैथ्यू छुट्टी पर चले गए और सरकार ने काम संभालते ही उन्हें मुख्य सचिव के पद से हटाकर रोजडवेज चेयरमैन बना दिया। इसी तरह भाजपा के राज में मुख्य सचिव रहे डीबी गुप्ता को भी शपथ लेने के कुछ समय बाद ही गहलोत सरकार ने मुख्य सचिव के पद से हटा दिया था।
सरकार फैसला लेगी
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा- हां चुनाव के दौरान हमने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को हटाने के लिए ज्ञापन दिया था। अब सरकार भाजपा की आ गई है, जो इस पर फैसला लेगी।