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CM Bhajan Lal Oath Ceremony : ‘ऐतिहासिक’ पल का साक्षी बन रहा है जयपुर का ‘ऐतिहासिक’ अल्बर्ट हॉल, जानें सबसे पुराने संग्रहालय की ख़ास बातें


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CM Bhajan Lal Oath Ceremony : ‘ऐतिहासिक’ पल का साक्षी बन रहा है जयपुर का ‘ऐतिहासिक’ अल्बर्ट हॉल, जानें सबसे पुराने संग्रहालय की ख़ास बातें

Jaipur Albert Hall top highlights : जयपुर स्थित राम निवास उद्यान के बाहरी ओर और एमआई रोड के न्यू गेट के ठीक सामने स्थित है राजस्थान का सबसे बड़ा और सबसे पुराना संग्रहालय

जयपुर : राजधानी जयपुर का ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल आज खुद एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बन रहा है। इसी हॉल के ठीक सामने एक भव्य समारोह में भजन लाल शर्मा राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ ही दिया कुमारी और प्रेम बैरवा, दोनों उप मुख्यमंत्री पद पर शपथ ग्रहण करेंगे।

ख़ास बात ये भी है कि इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं। इनके अलावा भी विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों और आमजन की मौजूदगी रहेगी।

शपथ ग्रहण का कार्यक्रम महज 19 मिनट का होगा। दोपहर 1 बजे के आसपास पीएम मोदी अल्बर्ट हॉल पहुंचेंगे। इसके बाद 1.04 मिनट पर भजन लाल शर्मा सीएम के रूप में शपथ लेंगे। इसके बाद दिया कुमारी और फिर प्रेमचंद बैरवा उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पीएम के जयपुर आने के चलते जयपुर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है।

अल्बर्ट हॉल की 8 ख़ास बातें —

– जयपुर स्थित राम निवास उद्यान के बाहरी ओर और एमआई रोड के न्यू गेट के ठीक सामने स्थित है राजस्थान का सबसे बड़ा और सबसे पुराना संग्रहालय

– इस संग्रहालय का नाम किंग एडवर्ड 7 ने दिया था, जो 6 फ़रवरी 1876 को यहां आए थे

– “भारत-अरबी शैली” में बनी हुई है संग्रहालय की इमारत

– संग्रहालय की इमारत का डिजाइन ब्रिटेन के आर्किटेक्ट सैमुअल स्विंटन जैकब ने की थी

– आम जनता के लिए ये संग्रहालय पहली बार 1887 में खुला था

– इसे 19वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ संग्रहालयों में से एक माना जाता था। इसे 2008 में पुनर्निर्मित किया गया और भारत के सबसे उन्नत संग्रहालयों में से एक के रूप में फिर से खोला गया

– महाराजा राम सिंह इसे एक टाउन हॉल बनाना चाहते थे, लेकिन माधो सिंह द्वितीय ने इसे जयपुर के लिए एक कला संग्रहालय बनाने का फैसला लिया।

– ये “सरकारी केन्द्रीय संग्रहालय” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कई पुराने चित्र, दरियां, हाथी दाँत, कीमती पत्थर, धातु, मूर्तियाँ, रंगबिरंगी कई वस्तुएँ देखने को मिलती हैं।

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