Vasundhara Raje: इन तीन कारणों से राजस्थान में खत्म हुआ ‘राजे राज’, जानें, अब क्या होगी वसुंधरा की भूमिका?
Vasundhara Raje: राजस्थान में मुख्यमंत्री के एलान के साथ ही नौ दिन से चली आ रही सियासी हलचल खत्म हो गई। सीएम की रेस में आगे चल रहे नाम पीछे छूट गए और भाजपा ने एक फिर चौंका दिया। वसुंधरा राजे भी सीएम नहीं बनाईं गईं। जानिए, इसके पीछे के तीन बड़े कारण?

Vasundhara Raje: राजस्थान में नौ दिन चल रही सियासी उथल-पथुल मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम के नामों के एलान के साथ ही खत्म हो गई। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे। वहीं, डिप्टी सीएम की कुर्सी पर दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा बैठेंगे। यानी, राजस्थान में 2003 से शुरू हुआ वसुंधरा राजे का राज 20 साल बाद खत्म हो गया। इस दौरान राजे दो बार 2003 और 2013 में प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। लेकिन, 2023 के चुनाव में भाजपा की जीत के बाद वे प्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं बन पाईं। आइए, तीन कारणों से समझते हैं भाजपा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया और अब वे किस भूमिका में नजर आ सकती हैं…?
वो तीन कारण जिससे राजे ने गंवाई सीएम की कुर्सी
भाजपा में बने कई गुट, पार्टी की छवि को हो रहा था नुकसान
राजस्थान में भाजपा की एकजुटता पर लंबे समय से सवाल उठते आ रहे थे। पार्टी में कई गुट बन गए थे, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा था। वसुंधरा राजे और पार्टी आलाकमान के बीच मनमुटाव की खबरें भी विधानसभा चुनाव से पहले सामने आईं थी। भाजपा की गुटबाजी पर कांग्रेस नेता भी हमलावर रहते थे। ऐसे में इस गुटबाजी को खत्म करने के लिए भी यह बदलाव किया गया है।