Rajasthan: चीन में फैल रही बीमारी को लेकर अलर्ट पर राजस्थान, तीन दिन में एक्शन प्लान बनाने के निर्देश जारी
Rajasthan News: चीन में सांस रोग के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के चिकित्सा प्रबंधन को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा, भारत सरकार की ओर से जारी पत्र और उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है।
चीन में श्वसन रोग के मामलों में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के चिकित्सा प्रबंधन को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी पत्र एवं उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन प्रदेश भर में संक्रामक रोगों की सर्विलेंस एवं रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन पूरी सतर्कता के साथ कार्य करे। सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा, उपचार आदि के समुचित इंतजाम सुनिश्चित हों।
शुभ्रा सिंह चीन में पाई गई श्वसन संबंधी बीमारी से बचाव के लिए तैयारियों हेतु मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार, फिलहाल देश में इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियातन चिकित्सा तंत्र को मजबूत रखने की दृष्टि से सजगता बरती जा रही है।
तीन दिन में तैयार करें एक्शन प्लान
सिंह ने निर्देश दिए कि इस बीमारी से बचाव एवं उपचार आदि व्यवस्थाओं के लिए तीन दिन में एक्शन प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने इसके लिए जिला एवं मेडिकल कॉलेज के स्तर पर एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने तथा संभाग एवं जिला स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, जांच, दवा, उपचार, मानव संसाधन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। चूंकि चीन में बच्चों में श्वसन रोग के मामले अधिक सामने आए हैं, इसे देखते हुए शिशु रोग इकाइयों एवं मेडिसिन विभाग में उपचार के पर्याप्त इंतजाम हों। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के संबंध में जिला एवं राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जाएगी।
एसएआरआई रोगियों की रेंडम सैम्पलिंग करें
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य एवं जिला स्तर के बड़े चिकित्सा संस्थानों में भर्ती सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) के रोगियों की रेंडम सैम्पलिंग कर उनके नमूने जयपुर एवं जोधपुर स्थित लैब में भेजे जाएं। उन्होंने कोविड-19 रोगियों की तरह आईएलआई एवं एसएआरआई रोगियों की भी आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रूप से रिपोर्टिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं एवं को-मोरबिड रोगियों में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। अतः बचाव की दृष्टि से आमजन को आवश्यक उपाय अपनाने के लिए जागरुक किया जाए।
बुधवार को चिकित्सा संस्थानों में मॉकड्रिल
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बुधवार को प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता की दृष्टि से मॉकड्रिल का आयोजन करने के निर्देश भी दिए। इस मॉकड्रिल के दौरान बैड, जांच, दवा, एम्बुलेंस, मानव संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। यह मॉकड्रिल मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक होगी। सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस बीमारी से बचाव के संबंध में जारी एडवाइजरी तथा चिकित्सा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि चूंकि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके रोगियों के लिए अलग से एम्बुलेंस चिन्हित की जाए ताकि अन्य रोगियों में संक्रमण नहीं फैले। उन्होंने इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में गाइडलाइन के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में बुधवार को मॉकड्रिल गंभीरता के साथ की जाए।
बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चीन में बच्चों में श्वसन रोग के मामले बढ़ने की जानकारी सामने आई है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह इंफ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मान्यूमोनिया एवं सॉर्सकॉव-2 आदि के कारण होना पाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में श्वसन रोग विशेषकर कोविड-19 एवं म्यूकोरमाइकोसिस के शून्य केस रिकॉर्ड हो रहे हैं। संक्रामक रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है। अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में की जाने वाली तैयारियों से अवगत कराया।
राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अजमेर – फोटो