Rajasthan Assembly Election 2023 : हवामहल सीट पर गहलोत ने APP उम्मीदवार को मनाया; कांग्रेस के 49 और भाजपा के 25 बागी बढ़ा रहे टेंशन
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए 40 और कांग्रेस के लिए 49 बागी नेता बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इसी के चलते दोनों ही पार्टियों में मान-मनौव्वल का दौर जारी है।
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनैतिक पार्टियों को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही में शह-मात का खेल चल रहा है। एक ओर 40 नेताओं को भाजपा तो 50 को कांग्रेस बाहर का रास्ता दिखा चुकी है, वहीं अब चुनौती खड़ी कर रहे बागियों की मान-मनौव्वल का क्रम भी जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को बिठाकर जो जादूगरी दिखाई है, उसने जयपुर की हवामहल सीट का सारा जोड़-तोड़ ही बदल दिया। अब इसके अलावा भी बहुत सी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में रूठों को मनाने का सिलसिला जारी है।
2018 में 29 सीटों पर जीत-हार में था 1000 वोटों का अंतर
इस बात में कोई दो राय नहीं कि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी जब बागी नेता मैदान में डटे रहे तो समझा जाने लगा कि दोनों ही पार्टियों की रणनीति में बदलाव के आसार नजर आने लगे थे। अब जबकि ज्यादातर बागी प्रत्याशियों के राजनैतिक दम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब इन्हें मैदान से हटाने के लिए मिन्नतों का दौर शुरू हो चुका है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 29 सीटों पर भी जब ऐसे ही समीकरण बने थे तो जीत-हार का अंतर लगभग 1000 वोटों का ही रह गया था। इस बार के बागी अगर बागी ही बने रहे और 4 से 5 हजार वोट भी हासिल कर गए तो जीत-हार का गणित पूरी तरह खराब कर सकते हैं। कई पूर्व मंत्रियों, टिकट कटने से नाराज सिटिंग एमएलए, पूर्व विधायकों और दूसरे दिग्गज नेताओं के परिजनों समेत ज्यादातर बागी वो हैं, जो की लम्बे समय से राजनीति में मजबूत पकड बना चुके हैं।
बागी हुए पप्पू कुरैशी को मनाया गहलोत ने, 49 अभी भी खड़े
मान-मनौव्वल की इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र हवामहल से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पप्पू कुरैशी के घर पहुंचे। पिछले चुनाव में 12 हजार वोट हासिल करने वाले पप्पू कुरैशी को गहलोत ने इस बार बीजेपी के हिन्दू फायर ब्रान्ड नेता बाल मुकुंदाचार्य के सामने लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी आरआर तिवारी के समर्थन में नामांकन वापस लेने के लिए राजी करके उनकी राह आसान कर दी। दूसरी ओर बसेड़ी से सिटिंग विधायक खिलाडी लाल बैरवा, नागौर विधानसभा सीट से हबीब उर रहमान, छबड़ा से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा, सवाई माधोपुर से अजीजुद्दीन आजाद, सादुलशहर से ओम बिश्नोई, नागौर से पूर्व मंत्री हबीबुर रहमान, संगरिया से पूर्व विधायक परम नवदीप, विक्रम सिंह गुर्जर और वाजिद खान अभी भी पार्टी के गणित को खराब करते नजर आ रहे हैं। इनके अलावा अशोक गहलोत गुट के जौहरी लाल मीणा, आलोक बेनीवाल, वीरेंद्र बेनीवाल, रामचंद्र सराधना, महेश मोरदिया, गोपाल बाहेती तो सचिन पायलट गुट के राकेश बोयत, कैलाश मीणा, श्रीगंगानगर से पूर्व प्रत्याशी की पत्नी करीना अशोक चांडक और फतेह खान के नाम भी उन 49 नेताओं में से हैं, जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
भाजपा की राह में भी 25 से अधिक विद्रोही रोड़ा
उधर, बीजेपी की ओर से भी कुछ इसी तरह की कवायद नजर आई। केन्द्रीय नेतृत्व की पहल पर झोटवाड़ा सीट पर मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के वफादार राजपाल सिंह शेखावत ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सामने और सुमेरपुर से मदन राठौड़ ने अपना पर्चा वापस ले लिया। अब तक 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार कर चुकी वसुंधरा राजे राजस्थान में अपने प्रतिद्वंद्वी नेताओं या उनके समर्थकों की सीटों पर जाने से अभी बच रही हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फोन कॉल और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की तमाम कोशिशों के बावजूद 25 से अधिक विद्रोही अभी भी राज्य चुनाव में आधिकारिक भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े हैं। वसुंधरा राजे के समर्थक बागी नेताओं में भीलवाड़ा से कैलाश मेघवाल, युनुस खान, राजेन्द्र भाम्भू, बंशीधर बाजिया, आशा मीणा, अशोक सिंह रावत, भवानी सिंह राजावत, जीवाराम चौधरी के नाम शामिल हैं। दूसरी ओर आरएसएस से जुड़े चन्द्रभान सिंह आक्या और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के नजदीकी रविन्द्र सिंह भाटी भी इसी फेहरिस्त में हैं।
#WATCH | Jaipur, Rajasthan: On being asked if the Assam-like decision on Madrasas would be implemented in Rajasthan if BJP comes to power, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "All madrasas that get money and salary from the government should be closed. If a community runs it… pic.twitter.com/6inIArqIZJ
— ANI (@ANI) November 17, 2023
11 सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला
बहरहाल जिस तरह से बागी मैदान में डेट हुए हैं, उसके चलते दो दलों में सीधी टक्कर वाले के राजस्थान में इस बार मसुदा, अजमेर उत्तर, कोटपुतली, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, बाढ़मेर, बायतु, भीलवाडा की शाहपुरा, श्रीगंगानगर, जयपुर की झोटवाड़ा, सांचौर, उदयपुरवाटी, हनुमानगढ़, नोखा, खींवसर, मेड़ता, जालौर, करौली, सपौतारा, सीकर जैसे 68 सीटों पर और बस्सी, चौमु, फतेहपुर, सूरतगढ़, विराटनगर, कपासन ब्यवर और पुष्कर जैसी 11 सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। यही कारण है कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही बागियों को आखिरी वक्त तक भी मनाने में जुटी हैं। स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार करके मॉनिटरिंग में जुटे हैं, वहीं प्रदेश के नेता इस टास्क को पूरा करने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।