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खेतड़ी में कोन दिखाएगा कमाल क्या कमल खिलेगा, या हाथ पकड़ मजबूत करेगा या हाथी अपना कमाल दिखाएगा


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खेतड़ी में कोन दिखाएगा कमाल क्या कमल खिलेगा, या हाथ पकड़ मजबूत करेगा या हाथी अपना कमाल दिखाएगा

खेतड़ी में कोन दिखाएगा कमाल क्या कमल खिलेगा, या हाथ पकड़ मजबूत करेगा या हाथी अपना कमाल दिखाएगा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रामानन्द शर्मा पत्रकार शिमला

खेतड़ी : राजस्थान में विधान सभा चुनाव की रण भेरी बज चुकी है शतरंज के प्यादे चुनावी समर में कूद गये है। राजस्थान में 25 नवम्बर को मतदान कि तारीखों की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने धर्मपाल गुर्जर को तथा कांग्रेस पार्टी ने अबकी बार कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार डॉक्टर जितेंद्र सिंह की टिकट को काटकर भाजपा की बागी मनीषा गुर्जर को कांग्रेस का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस टिकट का एक मात्र प्रबल दावेदार डॉ. जितेन्द्र सिंह था तथा उसकी टिकट सुनिश्चित थी वो पांच बार के विजेता थे वह पूर्व में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं तथा वर्तमान में वो मुख्यमंत्री के सलाहकार भी थे।

ऐसे में उनकी टिकट पक्की मानी जा रही थी लेकिन ऐन वक्त पर उनकी टिकट को काट दिया गया तथा भाजपा टिकट की प्रबल दावेदार मनीषा गुर्जर को भाजपा पार्टी ने टिकट नहीं दी जिसके कारण उन्होंने पार्टी को छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली तथा कांग्रेस पार्टी ने उनको टिकट देकर कांग्रेस प्रत्याशी बना दिया। वर्तमान कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में विकास कार्य करवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जिसके बल बूते पर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पुनः रिपीट होने जा रही है मनीषा गुर्जर वर्तमान में प्रधान के पद पर काबिज हैं तथा वह पूर्व में भी प्रधान रह चुकी हैं प्रधान के कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने में कोई कमी नहीं रखी तथा क्षेत्र में अमन चैन कायम करने में भी अपनी भूमिका निभाई है वो मिलनसार व ईमानदार की छवि की महिला है तथा क्षेत्र में उनकी अच्छी ख्याति है जिनके नाम पर ही वह सभी मतदाताओं को लुभा रही है उनके दादाजी मालाराम भी खेतड़ी से तीन बार विधायक रह चुके हैं तथा उनके पिताजी दाताराम गुर्जर भी एक बार विधायक रह चुके हैं क्षेत्र में उनकी अच्छी ख्याति थी जिसके बलबूते पर तथा विकास के नाम पर वोट मांग रही है।

अब देखना यह है की प्रथम बार में ही क्या मनीषा गुर्जर खेतड़ी से विधायक का चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंच पाएगी। दूसरी तरफ भाजपा पार्टी ने अपने पूर्व प्रत्याशी धर्मपाल गुर्जर को ही पुनः प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है वह गत बार मात्र 957 वोट से पराजित हुए थे उनकी गुर्जर मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है तथा क्षेत्र में भी उनका काफी दबदबा बना हुआ है। लोगों के मुंह पर अबकी बार एक ही जुबान है कि अबकी बार डॉक्टर जितेंद्र सिंह मैदान में नहीं है इस कारण धर्मपाल गुर्जर आसानी से निर्वाचित हो जाएंगे। तथा उनको जन समर्थन भी मिल रहा है इस विधानसभा में तीसरे प्रत्याशी ब स पा पार्टी के प्रत्याशी मनोज घुमरिया भी है जिन्होंने भी इस मुकाबले को त्रिकोणात्मक बना दिया है तथा वो भी दिन प्रतिदिन लोगों में अपना वर्चस्व कायम कर रहे हैं खेतड़ी में अबकी बार त्रिकोणात्मक मुकाबला होने जा रहा है अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठेगा क्या भाजपा अपना कमल खिला पाएगी या कांग्रेस अपना दबदबा कायम रख पाएगी तथा अपनी सीट को दोबारा रिपीट कर पाएगी या हाथी अपना कमाल दिखाएगा यह सब अभी गर्त में है।

आम मतदाता का रूझान अबकी बार कांग्रेस के पक्ष में जरूर दिखाई दे रहा है क्योंकि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी परिवारों को प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली फ्री किसानों को कृषि कनेक्शन पर 1000 यूनिट फ्री₹500 में गैस सिलेंडर सभी की पात्र व्यक्तियों की ₹1000 पेंशन फूड सप्लाई पैकेट 25 लख रुपए तक कि मेडिकल सुविधा सहित अनेक महत्वपूर्ण लाभ दिए हैं तथा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान कर महत्वपूर्ण तोहफा दिया है इसी के बलबूते पर कांग्रेस सरकार पुनः रिपीट होती है दिखाई दे रही है ।लेकिन इस बार का मुकाबला रोचक होगा तथा गेन्द किस उम्मीदवार के पाले में जाएगी यह तो अभी बताना मुश्किल है यह तो आने वाला समय ही बताएगा जब 3 दिसंबर को मत पेटियां खुलेंगी उसी दिन लोगों के सामने नतीजा आएगा लेकिन इतना तय है कि अबकी बार में खेतड़ी में महा मुकाबला होगा।

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