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नवलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर:कांग्रेस विकास के नाम पर तो भाजपा मोदी के चेहरे के दम पर मैदान में


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नवलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर:कांग्रेस विकास के नाम पर तो भाजपा मोदी के चेहरे के दम पर मैदान में

नवलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर:कांग्रेस विकास के नाम पर तो भाजपा मोदी के चेहरे के दम पर मैदान में

​​​​नवलगढ़ : नवलगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर है। यहां अन्य कोई मजबूत दावेदार नहीं है। कांग्रेस विकास के नाम पर तो भाजपा मोदी के चेहरे के दम पर मैदान में है। भाजपा ने नए चेहरे विक्रमसिंह जाखल को मैदान में उतारा है। विक्रम ने 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 39259 वोट लिए थे। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक राजकुमार शर्मा पर फिर से भरोसा जताया है, जो सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। भाजपा ने पहली बार यहां जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

सीट का ट्रेंड : पार्टी से ज्यादा प्रत्याशी को तवज्जो

यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। भाजपा यहां कभी नहीं जीत पाई। हालांकि निर्दलीयों और बागियों ने हमेशा कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी की है। राजकुमार लगातार तीन बार चुनाव जीते हैं। सबसे ज्यादा 5 बार जीत का रिकॉर्ड भंवरसिंह शेखावत के नाम है। वे चार बार कांग्रेस व एक बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। राजकुमार पहले बसपा, फिर निर्दलीय और उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे।

सीट को लेकर रणनीति

  • भाजपा : पीएम मोदी की योजनाओं व उनकी लोकप्रियता को भुनाने का प्रयास कर रही है। हर मीटिंग में मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं। बड़े नेता इस सीट पर पूरी निगरानी रखे हुए हैं।
  • कांग्रेस : कांग्रेस गहलोत सरकार की योजनाओं और नवलगढ़ में करवाए कामों को लेकर जनता के बीच जा रही है। ओपीएस के मुद्दे पर कर्मचारियों को लुभाने का प्रयास कर रही है।

क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा

सीमेंट प्लांट में स्थानीय को रोजगार देने व बदराना जोहड़ को अतिक्रमण मुक्त कर पशु मेला भरवाने का मुद्दा हावी है। भाजपा दोनों मुद्दे प्रमुखता से उठा रही है।

जाट मतदाता सर्वाधिक हैं। दोनों दलों के प्रत्याशी जाट चेहरा नहीं, ऐसे में जाट मतदाता बंटे हुए हैं।

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