जुआरी समझ किसान को पीटकर मार डाला: फड़ लूटकर दिवाली मनाना चाहती थी पुलिस, जुआरियों से महीना वसूलती थी ‘खाकी’
बरेली के भमोरा के गांव आलमपुर जाफराबाद में किसान संतोष शर्मा की पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि नहर किनारे होने वाले जुए का चौकी पर महीना आता था। रात में जुआ होने पर पुलिस नये जुआरियों की तलाश में दबिश देने पहुंच गई।

बरेली : बरेली के जुआरियों को पकड़ने गई पुलिस टीम की पिटाई से घायल भमोरा थानाक्षेत्र के आलमपुर जाफराबाद गांव निवासी संतोष शर्मा (48) की शुक्रवार को मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने मौके से भागे जुआरियों के नाम पूछने के लिए संतोष को बुरी तरह पीटा था।
एसएसपी ने अफसरों को बिना बताए जुआरियों को पकड़ने गई टीम में शामिल सरदार नगर चौकी के दरोगा समेत सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। संतोष के भाई की तहरीर पर छह पुलिसकर्मी, एक एंबुलेंस चालक को नामजद करते हुए दस के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अस्पताल में संतोष की मौत के बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से ग्रामीणों की नोकझोंक भी हुई।
एसएसपी दफ्तर पहुंचे कृष्ण कुमार ने बताया कि बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे उनके भाई संतोष शर्मा खेत से घर लौट रहे थे। इसी दौरान चौकी पर खड़ी रहने वाली एंबुलेंस के ड्राइवर विजय के साथ सरदार नगर चौकी की पुलिस गांव में पहुंची। बिना वर्दी के तीन लोग टीम के साथ थे। पुलिस वहां जुआ पकड़ने पहुंची थी, लेकिन टीम को देखकर जुआरी भाग गए।
इस बीच पुलिस ने खेत से वहां पहुंचे संतोष शर्मा को पकड़ लिया और जुआरियों के नाम पूछे। संतोष ने गांव में भलाई-बुराई के डर से किसी का भी नाम बताने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों और उनके साथ आए तीन अन्य लोगों ने संतोष को लात-घूंसों व राइफल की बट से पीटना शुरू कर दिया। इससे संतोष की हालत बिगड़ गई।
कृष्ण कुमार के अनुसार भाई की चीख-पुकार सुनकर वह मौके पर पहुंचे तो पुलिसवाले भाग गए। वह रात में ही भाई को लेकर रामपुर गार्डन के निजी अस्पताल पहुंचे, जहां उनकी शुक्रवार को मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों से ग्रामीणों की नोकझोंक हुई। कृष्ण कुमार ने एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान से आरोपियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने और कार्रवाई की मांग की है। शुक्रवार शाम शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।