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Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक से मिले राहुल गांधी, पुलवामा हमले से लेकर जातिगत जनगणना तक पूछे सवाल; पढ़ें जवाब


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Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक से मिले राहुल गांधी, पुलवामा हमले से लेकर जातिगत जनगणना तक पूछे सवाल; पढ़ें जवाब

Satyapal Malik:सत्यपाल मलिक ने कहा, पुलवामा हमले को लेकर मैं ये तो नहीं कहूंगा कि इन्होंने कराया, लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि इन्होंने इसे नजरअंदाज किया और उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया है। इनके बयान हैं कि जब वोट देने जाओ, तो पुलवामा की शहादत याद रखना है।

Satyapal Malik: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इंटरव्यू लिया है। इसका वीडियो उन्होंने अपने यूट्यूब अकाउंट पर पोस्ट किया है। करीब आधे घंटे के इस इंटरव्यू में उन्होंने पुलवामा हमला, किसान आंदोलन, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), अनुच्छेद 370, जातिगत जनगणना, मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर सवाल किए। बातचीत के दौरान मलिक ने यह भी कहा कि वह लिखकर देते हैं कि केंद्र में दोबारा मोदी सरकार सत्ता में नहीं आएगी।

अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्ज को लेकर क्या कहा
जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर मलिक ने कहा, मेरी राय है कि वहां के लोगों को जबरदस्ती या सेना से ठीक नहीं कर सकते। वहां के लोगों को जीतकर आप कुछ भी कर सकते हैं। मैंने उन लोगों को भरोसे में लिया। पूर्व राज्यपाल ने कहा, मुझे लगता है कि उनके राज्य के दर्ज को वापस करना चाहिए। इन्होंने अनुच्छेद 370 वापस लेकर केंद्र शासित राज्य बनाया। इन्हें डर था कि कहीं राज्य की पुलिस विद्रोह न कर दे। हालांकि, जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने हमेशा केंद्र सरकार का साथ दिया।

उन्होंने कहा, (केंद्रीय गृहमंत्री) अमित शाह का वादा है कि वे राज्य का दर्जा वापस करेंगे। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए और वहां चुनाव कराने चाहिए। मलिक ने कहा, पता नहीं क्यों ये लोग राज्य का दर्जा वापस नहीं कर रहे। मेरी बात हुई थी। मैंने कहा था कि राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए। मुझसे कहा गया क कह तो दिया है, करने की क्या जरूरत है। चल तो रहा है सब ठीक। लेकिन कहां सब ठीक चल रहा है। आतंकी घटनाएं  बढ़ गई हैं। आतंकी सक्रिय हो गए हैं। राजौरी में रोज कुछ न कुछ होता है।

पुलवामा हमले को लेकर कही यह बात
पुलवामा हमले को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा, पुलवामा हमले को लेकर मैं ये तो नहीं कहूंगा कि इन्होंने कराया, लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि इन्होंने इसे नजरअंदाज किया और उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया है। इनके बयान हैं कि जब वोट देने जाओ, तो पुलवामा की शहादत याद रखना है। वहीं, राहुल गांधी ने कहा, जब हवाई अड्डे पर शहीदों के पार्थिव शरीर लाए गए, तो मुझे कमरे में बंद कर दिया गया। मैं लड़कर वहां से निकला।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्य ने कहा, प्रधानमंत्री को श्रीनगर जाना चाहिए था। (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह वहां आए थे। मैं वहां था। हमने श्रद्धांजलि दी। जिस दिन ये हुआ , ये (पीएम मोदी) नेशनल कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे ते। तो मैंने इनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन बता नहीं हुई। पांच-छह बजे उनका फोन कॉल आया, क्या हुआ? मैंने घटना के बारे में बताया। मैंने कहा, हमारी गलती से इतने लोग मर गए हैं। तो उन्होंने मुझसे कहा, आपको कुछ नहीं बोलना है। इसके बाद मेरे पास (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत) डोभाल का फोन आया, उन्होंने कहा कि आपको कुछ नहीं बोलना है। मैंने कहा ठीक है। मलिक ने कहा, इस मामले की जांच करानी होगी, शायद उस पर कुछ असर होगा। उसमें कुछ भी नहीं हुआ, न ही होना है।

उन्होंने आगे कहा, सीआरपीएफ ने गृहमंत्रालय से पांच विमान मांगे थे। चार महीने तक आवेदन गृह मंत्रालय के पास रहा। बाद उन्होंने इसे खारिज कर दिया। ये चार महीने तक लटकाए रहे। अगर मेरे पस आता, तो मैं कुछ करता। ये इनपुट था कि हमला हो सकता है। जो विस्फोटक से भरी गाड़ी टकराई थी, वह दस दिन से घूम रही थी।

मिलजुल कर रहेंगे तभी चल पाएगा देश
बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा, भारत की राजनीति में दो विचारधाराओं की लड़ाई है, एक गांधीवादी और दूसरी आरएसएस की। दोनों हिंदुत्व के दृष्टिकोण हैं। एक अहिंसा और भाईचारे की विचारधारा है। दूसरी नफरत और हिंसा की। इस बारे में आपका क्या कहना है? इस पर मलिक ने कहा, मेरा सोचना है कि हिंदुस्तान देश के दौर पर तभी चलेगा, जब उदार हिंदुत्व के रास्ते पर चलेगा। यह गांधी का दृष्टिकोण था। वे गांव-गांव गए थे। तब इस दृष्टिकोण पर पहुंचे थे। अगर इसी विचारधारा पर देश चलेगा, तभी चल पाएगा, नहीं तो टुकड़े हो जाएगा। हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई-झगड़े के रहना होगा।

उन्होंने आगे कहा, मेरी राय है कि अपने लोगों में (महात्मा) गांधी और का कांग्रेस का दृष्टिकोण प्रसारित हो। लोगों को पता चले कि उनसे कितना अलग हैं। भारत में कोई भी व्यक्ति राजनीति में सक्रि है, वह अपने तक सक्रिय है, वह देश के बारे में नहीं सोचता। देश के बारे में राय नहीं बनाता। उसको प्रसारित नहीं करता। मलिक ने कहा, एक अच्छी बात यह है कि लोगों ने टीवी देखना बंद कर दिया है। हमारे पास अब सोशल मीडिया है। लेकिन ये लोग उस पर भी लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, मेरे यूट्यूब को अकाउंट को दबा रखा है।

इस दौरान राहुल गांधी कहते हैं, जब भी सरकार पर कोई दबाव आता है, ये कुछ न कुछ (नया मुद्दा) निकाल देते हैं। जब मैंने (कारोबारी) गौतम अदाणी पर चर्चा की, तो पहले टीवी बंद कर दी, फिर मुझे संसद से निकाल दिया। फिर विशेष सत्र की बात हुई, उसमें भारत और इंडिया पर चर्चा की बात हुई है। आखिर में ये लोग महिला आरक्षण विधेयक लाए। वह भी अभी नहीं, दस साल बाद आएगा। चाहे पुलवामा हो, महिलाओं का मुद्दा हो, इनके पास चर्चा को भटकाने का अच्छा तरीका है।

महिला आरक्षण विधेयक पर दी यह प्रतिक्रिया
सत्यपाल मलिक ने कहा, ये किसी भी चीज को इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में लाभ उठाते हैं। महिला आरक्षण विधेयक का भी यही किया। महिलाओं को कुछ मिलना नहीं है, लेकिन इस तरह से दिखाया कि न जाने कितना बड़ा काम करा दिया। उन्होंने कहा, नई इमारत (संसद) की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन इन्हें (पीएम मोदी) अपना पत्थर लगाना था कि इन्होंने बनवाई है। वो पुरानी इमारत तो अभी भी कई साल चलती।

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