Rajasthan Election: कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शांति धारीवाल के नाम पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उम्मीदवारी से उनको खारिज कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पिछले वर्ष 25 सितंबर की उस घटना को अभी तक नहीं भूली है, जिसमें राजस्थान में पार्टी विधायकों के एक गुट की बगावत के कारण पार्टी के पर्यवेक्षकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक किए बिना राष्ट्रीय राजधानी लौटना पड़ा था।
पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई थी। बैठक में करीब 140 नामों पर चर्चा की गई। इनमें 103 से 105 नामों पर सहमति भी बन चुकी है और शेष 40 सीटों पर फिर से चर्चा होगी। इस दौरान जैसे ही शांति धारीवाल का नाम लिया गया तो सोनिया गांधी ने विरोध जताते हुए पूछा कि उनका नाम सूची में कैसे है। तभी अशोक गहलोत ने शांति धारीवाल की तरफदारी में बोलना चाहा तो राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री की बात टाल दी और कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान शांति धारीवाल के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। इस दौरान गांधी परिवार के साथ-साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
बता दें कि पिछले साल 25 सितंबर को शांति धालीवाल ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। सोनिया गांधी उस समय पार्टी की अंतरिम प्रमुख थीं। उन्होंने खरगे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के रूप में राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा था। पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो पाने के बाद पर्यवेक्षक दिल्ली लौट गए थे।