क्या दिव्या मदेरणा कांग्रेस छोड़ रहीं हैं?:हनुमान बेनीवाल को भी दिया चैलेंज; जानें- सभाओं में धमकी के आरोप पर क्या कहा
क्या दिव्या मदेरणा कांग्रेस छोड़ रहीं हैं?:हनुमान बेनीवाल को भी दिया चैलेंज; जानें- सभाओं में धमकी के आरोप पर क्या कहा

जोधपुर : गहलोत सरकार को बीते पांच साल से लगतार घेरती रहीं कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा को लेकर कहा जा रहा है कि वे प्रदेश पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। ऐसे और भी कई विषयों को लेकर मीडिया ने दिव्या से बात की है।
पढ़िए- कांग्रेस को लेकर विधायक ने क्या कहा…
Q.कहा जा रहा है आप कांग्रेस छोड़ भाजपा में जा रही हैं?
A.मेरे दल यानी कांग्रेस के प्रति मेरी निष्ठा सुप्रीम है। ये हमारे लिए कभी भी संभव नहीं है। जैसे मेरे दादा ने 1998 के बाद अंतिम इंटरव्यू में कहा था पथ पर पांव नहीं, विश्वास चलता है। मैं इस बयान पर दृढ़ हूं। मेरे पिता 2011 में जेल गए, पर 2013 के चुनाव में मेरी मां ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा।
इससे पहले 1998 चुनाव में जीत के बाद मेरे दादा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, फिर भी परिवार ने दल नहीं बदला, 2003 चुनाव मेरे पिता ने कांग्रेस से लड़ा। परिवार ने विपरीत हालात में पार्टी नहीं छोड़ी तो मैं क्यों बदलूंगी? मेरे परिवार से मैं एक ही चिह्न पर 16वां विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हूं। उत्तर भारत में ऐसा कोई परिवार नहीं। ये अपने आप में निष्ठा है।
Q.आप सभाओं में बार-बार जले कारतूस किसे कहती हैं?
A.सामने चुनौती क्या होगी, अभी पता नहीं। लेकिन ये जले कारतूस (पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़) जमघट करते हैं, वे खुद ओसियां-भोपालगढ़ में 50-50 हजार से चुनाव हारते हैं। फिर भी चुनौती दे रहे हैं। ऐसे जले कारतूस से मुझे कोई चुनौती नहीं है। भाजपा-आरएलपी से कोई आ जाए। मैंने 5 साल में ओसियां को करप्शन मुक्त किया है।
Q.सभाओं में ऐसा लगता है कि आप धमका रही हैं?
A.ऐसा इसलिए कि एक ही गांव, ढाणी, परिवार के वोट में बिखराव न हो। मेरी शैली बेबाक है, बाकी मैं किसी को धमकाती नहीं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अब कहा कि वे सिर्फ चाय पिलाकर चुनाव लड़ेंगे। हमारा परिवार 75 साल से यहीं कर रहा है। हमारे कोर वोटर्स के लिए कुछ और करने की जरूरत नहीं है।
Q.हाल ही में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने आपके क्षेत्र में सभा की थी, आप नागौर जाएंगी ?
A.मेरे एरिया में उनका कोई इफैक्ट नहीं है। मैं चुनौती देती हूं कि वे अपना प्रत्याशी मेरे सामने उतारें। वे अपना प्रत्याशी उतारेंगे नहीं, फिर कहेंगे मां-बेटियां मेरे पास रोने आई थीं। मैं व मेरी मां कभी इनसे मिलने नहीं गए। मैं कहीं भी चुनौती को तैयार हूं। खींवसर व नागौर में मेरे परिवार की जड़ें हैं। वहां 25 गांवों में मेरी रिश्तेदारी है। जाकर कहूंगी कि आपकी बेटी चुनाव लड़ रही है ओसियां से।