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गहलोत बोले- कर्नल केसरीसिंह को RPSC मेंबर बनाना दुर्भाग्यपूर्ण घटना:उनको वापस बुलाकर बातचीत का प्रयास किया, लेकिन वो आ नहीं रहे


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गहलोत बोले- कर्नल केसरीसिंह को RPSC मेंबर बनाना दुर्भाग्यपूर्ण घटना:उनको वापस बुलाकर बातचीत का प्रयास किया, लेकिन वो आ नहीं रहे

गहलोत बोले- कर्नल केसरीसिंह को RPSC मेंबर बनाना दुर्भाग्यपूर्ण घटना:उनको वापस बुलाकर बातचीत का प्रयास किया, लेकिन वो आ नहीं रहे

जयपुर : आचार संहिता लगने से ठीक पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) मेंबर बनाए गए कर्नल केसरी सिंह के पुराने बयानों पर जारी ​विवाद के बाद अब सीएम अशोक गहलोत के बयान ने नई चर्चा छेड़ दी।

गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में कहा- हमने तो आर्मी का बैकग्राउंड देखकर कर्नल केसरी सिंह को आरपीएएस मेंबर बनाया था। लेकिन उनके पुराने बयान देखकर मुझे बहुत दुख हुआ। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई और मेरे से हो गई। मैंने ही आर्मी के बैकग्राउंड को देखते हुए बनाया। हमारा लालच भी था कि हमारी मकराना की सीट खराब क्यों हो?

उन्होंने कहा- आरपीएससी मेंबर बन गए, उसके बाद मुझसे शिष्टाचार के नाते मिले भी नहीं है। हमने प्रयास किया, उन्हें वापस बुलाकर बातचीत करें, वह अभी आ नहीं रहे हैं। 22 साल की आर्मी की सर्विस को देखकर हमने नाम की सिफारिश कर दी और वह घोषित हो गया। उसका मुझे बहुत दुख है, आज भी बहुत दुख है।

सीएम ने कहा- सरकार ने राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड( RSSB) के अध्यक्ष के रूप में मेजर जनरल आलोक राज और RPSC में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की सिफारिश की थी। इन दोनों ने न तो अप्लाई किया और न ही इनकी कोई सिफारिश आई। इनकी 37 साल और 20 साल की सैन्य सेवाओं को देखते हुए इनको नियुक्त किया गया।

केसरी सिंह की टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण
गहलोत ने कहा- सेना में रहे किसी भी व्यक्ति से जाति, धर्म, वर्ग से ऊपर उठकर देश सेवा की उम्मीद की जाती है। सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर देते हैं। इसलिए उनका समाज में सम्मान होता है। कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए हैं। जो जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए हैं। जो निंदनीय, पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बेहद दुख पहुंचा है।

केसरी सिंह मकराना से टिकट मांगने आए थे
गहलोत ने कहा- केसरी सिंह को मैं ज्यादा नहीं जानता था। वे एक बार मकराना से टिकट की मांग करने आए थे, तो उनकी बात सुन ली थी, इतना सा हमारा परिचय था। हमने देखा कि चुनाव में युवाओं के दो महीने क्यों खराब किए जाएं? हमने आरपीएएसी मेंबर बनाने की सिफारिश कर दी, ताकि युवाओं का समय खराब नहीं हो और नाैकरियों की प्र​क्रिया आगे बढ़े। उनके नाम को राज्यपाल ने अप्रूव कर दिया और वह आरपीएससी मेंबर बना दिए गए। बाद में मालूम पड़ा कि उनके ट्वीट थे और जो वीडियो वायरल हुआ, मुझे बहुत दुख हुआ, बहुत धक्का लगा, मैं भी आहत हूं ।

सीएम ने कहा-आर्मी का कोई भी व्यक्ति होता है, वह देश प्रेम की भावना रखता है। देश के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं, उसके लिए जाति, धर्म, वर्ग सब पीछे हो जाते हैं। आर्मी से रिटायरमेंट के बाद में कोई किसी जाति के खिलाफ बयान दे तो कतई स्वीकार नहीं हो सकता, इसलिए मैंने खुद निंदा की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुखद भी है ऐसा होना नहीं चाहिए।

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