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क्या होती है आदर्श आचार संहिता, जो चुनाव तारीखों की घोषणा होते ही पांचों राज्यों में हुई लागू, क्या हैं इसके मायने ?


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क्या होती है आदर्श आचार संहिता, जो चुनाव तारीखों की घोषणा होते ही पांचों राज्यों में हुई लागू, क्या हैं इसके मायने ?

Code Of Conduct Live Update : देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया गया है। आयोग ने कहा है कि मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। उधर, छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी। एमपी में 17, राजस्थान में 23, तेलंगाना में 30 नवंबर को […]

Code Of Conduct Live Update : देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया गया है। आयोग ने कहा है कि मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। उधर, छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी। एमपी में 17, राजस्थान में 23, तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होगी। देश में आज 9 अक्टूबर से इन पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। अब इन राज्यों के राजनीतिक दलों पर कई तरह के प्रतिबन्ध लग चुके हैं, बता दें कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आचार संहिता लागू की जाती है इसलिए केंद्रीय चुनाव आयोग, सरकार, नेताओं और राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता के नियमों का पालन करना सुनिश्चित करता है।

क्या होती है आदर्श आचार संहिता ?

चुनाव से पहले कुछ आदर्श नियमों को अपनाने के लिए चुनाव आयोग जिन नियमों को लागू करता है, उसे आचार संहिता कहा जाता है। बता दें कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के नियमों का पालन करना सरकार, नेताओं और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है और जब तक चुनाव समाप्त नहीं हो जाते तब तक यह लागू रहती है।

संविधान का अनुच्छेद 324

चुनाव आयोग, संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों के लिए सत्तारूढ़ दलों और उम्मीदवारों द्वारा आचार संहिता के नियमों का पलना करना सुनिश्चित करता है। पांच राज्यों में आचार संहिता लागू होने के बाद कई चीजों पर प्रतिबन्ध लग गए हैं।

1. नई योजनाओं की घोषणा – वित्तीय एवं प्रशासनिक मामलों पर प्रतिबन्ध रहेगा।

2. राजनीतिक विज्ञापनों के लिए सार्वजनिक सम्पत्तियों के उपयोग पर प्रतिबन्ध रहेगा।

3. केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी मंत्री चुनाव कार्य में लगे किसी भी अधिकारी को आधिकारिक चर्चा के लिए नहीं बुला सकेगा।

4. चुनाव के दौरान सांसद-विधायक निधि से योजना के तहत धनराशि जारी नहीं की जाएगी।

5. सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।

6.आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, सरकारी घोषणाओं, उद्घाटनों और शिलान्यासों को रोक दिया जाता है, ऐसे में अब कोई भी नेता चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।

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