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अम्बेडकर चौक कुरूक्षेत्र पर प्रदशर्न-पत्रकारों के घरों पर छापेमारी करके डिजिटल उपकरणों को जब्त कर यूएपीए जैसे काले कानून में हिरासत में लेने के खिलाफ प्रदशर्न


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अम्बेडकर चौक कुरूक्षेत्र पर प्रदशर्न-पत्रकारों के घरों पर छापेमारी करके डिजिटल उपकरणों को जब्त कर यूएपीए जैसे काले कानून में हिरासत में लेने के खिलाफ प्रदशर्न

दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़ पोर्टल न्यूजकलिक की फंडिंग की आड में न्यूजकलिक से जुड़े अनेक स्वतंत्र पत्रकारों के घरों पर छापेमारी करके लैपटॉप, मोबाइल, हार्ड डिस्क आदि डिजिटल उपकरणों, किताबों व अन्य सामान जब्त करने, यूएपीए जैसे काले कानून में हिरासत में लेकर पूछताछ करने व गिरफ्तार करने की घटना के खिलाफ जन संघर्ष मंच हरियाणा की ओर से आज अम्बेडकर चौक कुरूक्षेत्र पर किया प्रदशर्न

कुरुक्षेत्र : मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़ पोर्टल न्यूजकलिक की फंडिंग की आड में न्यूजकलिक से जुड़े अनेक स्वतंत्र पत्रकारों के घरों पर छापेमारी करके लैपटॉप, मोबाइल, हार्ड डिस्क आदि डिजिटल उपकरणों, किताबों व अन्य सामान जब्त करने, यूएपीए जैसे काले कानून में हिरासत में लेकर पूछताछ करने व गिरफ्तार करने की घटना के खिलाफ जन संघर्ष मंच हरियाणा की ओर से आज अम्बेडकर चौक कुरूक्षेत्र पर प्रदशर्न किया गया। मंच नेता फूल सिंह सुदेश कुमारी सतवीर सिंह जोगिंदर सिंह फकीरचंद मेवाराम वअन्य ने प्रैस की आजादी पर मोदी सरकार द्वारा किये गये इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।

मंच की प्रान्तीय महासचिव सुदेश कुमारी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई पूरी तरह तानाशाही पूर्ण है। दिल्ली पुलिस ने न्यूज़ क्लिक के संस्थापक संपादक प्रवीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को झूठे आरोप में आतंकवाद निरोधक अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। इसके अलावा भाषा सिंह, अभिसार शर्मा, उर्मिलेश समेत कई पत्रकारों से थाने में कई घण्टे पूछताछ की गई। ‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम’ के तहत करीब 50 पत्रकारों से पूछताछ की गई, छापे मारे गये और उनके विभिन्न डिजिटल उपकरणों (लैपटॉप, मोबाइल,हार्ड डिस्क) और किताबों, दस्तावेजों को जांच के नाम पर ले गई ।

दिल्ली पुलिस पत्रकारों से पूछताछ में यह सवाल पूछे कि क्या उन्होंने किसान आंदोलन,छात्र, कर्मचारी आन्दोलन, पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करने वाले आन्दोलन, एनआरसी- सीएए विरोधी प्रदर्शन की कवरेज की, और क्या उन्होंने केंद्र के कोविड-19 प्रबंधन के बारे में रिपोर्टिंग की, क्या उन्होंने मणिपुर की घटनाओं पर रिपोर्टिंग की आदि आदि। उन्होंने कहा कि इस तरह के सवाल पूछ कर मोदी सरकार उसकी जन विरोधी गलत नीतियों के विरोध में खड़े किए जा रहे आन्दोलनों की कवरेज रोकने के लिए डराने के लिए आतंकी कानूनों का सहारा ले रही है और यह तमाम स्वतंत्र पत्रकारो को धमकाने की डराने की साजिश है।यानी मोदी सरकार यह दिखाना चाहती है कि यदि कोई भी पत्रकार मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएगा तो उसे आतंकवाद विरोधी कानून जैसे खतरनाक यूएपीए में गिरफ्तार किया जाएगा उसके तमाम रिकॉर्ड मोबाइल आदि जब्त करके उसे निहत्था करके जेल में बन्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन से पैसा पीएम केयर फंड में भी आता है तब क्या कोई अपराध नहीं होता। उन्होंने कहा कि न्यूज क्लिक पर फंडिंग के साथ साथ पीएम केयर फंड में चीन से आए पैसे की भी जांच होनी चाहिए।

देशद्रोह जैसे झूठे आरोप लगाकर स्वतन्त्र प्रैस पर हमला
लोकतंत्र पर हमला है, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आने के बाद मदर आफ डैमोक्रेसी भारत प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 20 पायदान और नीचे खिसक कर 180 देशों की लिस्ट में 161 वें स्थान पर है जो बांग्लादेश भूटान पाकिस्तान आदि देशों से भी नीचे है जो बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है। जन संघर्ष मंच हरियाणा के अध्यक्ष फूल सिंह जी ने कहा की न्यूज़ क्लिक एक वेबसाइट है जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की जन विरोधी तानाशाही नीति की कड़ी आलोचना करती रही है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी इसी तरह हमले हुए हैं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हुए है उन्होंने कहा कि गरीबी के गर्त में फंसी जनता का अपनी समस्याओं से ध्यान हटाने उनकी कवरेज रोकने व 2024 चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार प्रैस को डराने के लिये हमले कर रही है।

जन संघर्ष मंच हरियाणा सरकार की इस तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई का कड़ा विरोध करने के साथ साथ मीडिया की स्वतंत्रता का पक्षधर है। मंच मीडिया के खिलाफ हर तरह की दमनात्मक कार्रवाई का विरोध करता है और पत्रकारों के न्यायपूर्ण संघर्ष के प्रति एकजुटता व्यक्त करता है। और सरकार से मांग करता है कि प्रेस की आजादी पर हमला बंद किया जाए और पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे रद्द किये जाएं और पत्रकारों के घरों में दफ्तरों पर रेड डालकर उनके मोबाइल लैपटॉप जरूरी सामान जब्त करना बंद किया जाए और उनका सारा रिकॉर्ड वापस लौटाया जाए । उन्होंने आम जनता का आह्वान किया कि वे प्रेस की आजादी को बरकरार रखने के लिए मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिए आगे आएं, स्वतंत्र आवाजों की और अन्याय के खिलाफ उठी हर आवाज की सुरक्षा करें।

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