बिहार के बाद राजस्थान में होगा जाति आधारित सर्वे, सरकार ने जारी किए आदेश
Rajasthan Caste Based Survey: राज्य सरकार अपने संसाधनों से सर्वेक्षण करवाएगी। इसमें सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर की जानकारी जुटाई जाएगी।

Rajasthan Caste Based Survey: बिहार के बाद राजस्थान में जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste Based Survey) होगा। राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए। जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार अपने संसाधनों से सर्वेक्षण करवाएगी। इसमें सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर की जानकारी जुटाई जाएगी।
विकास की योजनाएं बनाई जा सकेंगी
सरकार का कहना है कि प्राप्त सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर विभिन्न वर्गों के लिए विकास की योजनाएं बनाई जा सकेंगी। इसके लिए आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) को नोडल विभाग बनाया गया है। इसके साथ ही सभी जिला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएं ले सकेंगे।
इस काम के लिए नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी। इसमें उन समस्त विषयों का उल्लेख होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
राजस्थान में होगा जाति आधारित सर्वेक्षण
राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जारी किया आदेश
राज्य सरकार अपने संसाधनों से करवाएगी सर्वेक्षण
सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर की जानकारी होगी एकत्रित
प्राप्त सूचनाओं और आंकड़ों के…
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) October 7, 2023
आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा वर्गों के पिछडे़पन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएंगी। इससे सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस सम्बंध में आदेश जारी किया है।
ऑनलाइन होंगी सूचनाएं
सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएं एवं आंकड़ें ऑनलाइन फीड किए जाएंगे। इसके लिए सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा अलग से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल एप बनाया जाएगा। सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गई सूचनाएं विभाग सुरक्षित रखेगा। बता दें कि एक दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका ऐलान किया था। एक दिन बाद शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर मुहर लगा दी।
राजनीति से लेकर नौकरियों में पिछड़ी जातियों की हिस्सेदारी बढ़ेगी
- जातिगत जनगणना से राजनीति से लेकर नौकरियों-तमाम संसाधनों में पिछड़ी जातियों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है। नीतियां बनाने में इसका खास ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश में OBC आरक्षण 21 प्रतिशत है। इसे बढ़ाने को लेकर लगातार मांग उठ रही है।
- प्रदेश में 1931 की जातिगत जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक जाट, ब्राह्मण, राजपूत, मीणा, गुर्जर, माली और कुम्हार ज्यादा जनसंख्या वाली टॉप-10 जातियों में थे। राजपूताना एजेंसी और अजमेर-मेरवाड़ा को मिलाकर जाट 10.72 लाख, ब्राह्मण 8.81 लाख, चर्मकार 7.82 लाख, भील 6.64 लाख, राजपूत 6.60 लाख, मीणा 6.12 लाख, गुर्जर 5.61 लाख, माली 3.83 लाख और कुम्हार 3.73 लाख थे।
- उदयपुर महामंथन में तय हुआ था कि पिछड़ी जातियों की गणना कराई जाए।
- ओडिशा ने एक मई को 208 पिछड़ी जातियों और कर्नाटक में 2013 में कांग्रेस सरकार ने भी सर्वे कराया था। फिलहाल, रिपोर्ट जारी नहीं हुई है।
सीएम ने कहा- सर्वे होगा, जनगणना तो केंद्र सरकार करवा सकती है
सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा था- हम सर्वे करवाएंगे, इसके आदेश तत्काल हो जाएंगे। गहलोत ने कहा- सर्वे होगा, जनगणना तो भारत सरकार करवा सकती है, वह राज्य सरकार नहीं करवा सकती। यह खाली सर्वे हो रहा है, परिवारों का सर्वे हो रहा है, जिससे आर्थिक स्थिति मालूम चल जाएगी। यह हमारी पार्टी का कमिटमेंट है कि हम इसको आगे बढ़ाएंगे।