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सिक्किम में शहीद हुआ राजस्थान का जवान:सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार; वंदेमातरम के नारों से गूंजा पैतृक गांव


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सिक्किम में शहीद हुआ राजस्थान का जवान:सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार; वंदेमातरम के नारों से गूंजा पैतृक गांव

सिक्किम में शहीद हुआ राजस्थान का जवान:सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार; वंदेमातरम के नारों से गूंजा पैतृक गांव

बहरोड़ : सिक्किम में शहीद राजस्थान के जवान भवानी सिंह का शनिवार शाम 6.15 बजे उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अलवर जिले में बहरोड़ कस्बे के गांव बर्डोद में भवानी सिंह अमर रहें और वंदेमातरम के नारे गूंजे। शहीद के 6 साल के बेटे चिराग ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान मां नीलम और पत्नी अर्चना का रो-रोकर बुरा हाल रहा। पिता नरेश सिंह ने भी बेटे को हाथ जोड़कर अंतिम विदाई दी तो उनकी रुलाई फूट पड़ी। सेना के जवानों ने उन्हें संभाला।

शहीद का पैतृक गांव बर्डोद में शाम 6.15 बजे अंतिम संस्कार किया गया। - Dainik Bhaskar
शहीद का पैतृक गांव बर्डोद में शाम 6.15 बजे अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार बर्डोद में बाटखानी रोड पर उनके खेत में किया गया। शहीद के अंतिम दर्शन करने बर्डोद में बड़ी संख्या में आस-पास के गावों के लोग जुटे। शाम 6.15 बजे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बेटे को पिता नरेश सिंह ने हाथ जोड़कर अंतिम विदाई दी तो सबकी रुलाई फूट पड़ी। इसके साथ ही बर्डोद गांव वंदेमातरम के नारों गूंज उठा।

शहीद की तिरंगा यात्रा ने जैसे बर्डोद में प्रवेश किया वंदेमातरम के नारों से पूरा गांव गूंज उठा।
शहीद की तिरंगा यात्रा ने जैसे बर्डोद में प्रवेश किया वंदेमातरम के नारों से पूरा गांव गूंज उठा।

जवान की अंतिम विदाई देने भाजपा नेता मोहित यादव, कांग्रेस नेता डॉ आरसी यादव, महिला आयोग सदस्य सुमन, पीसीसी सचिव संजय यादव, कांग्रेस वरिष्ठ नेता बस्तीराम यादव, विधायक बलजीत यादव, बहरोड़ नप सभापति सीताराम यादव, पंचायत समिति उप प्रधान गजराज यादव बर्डोद पहुंचे।

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर शिवराम वर्मा ने बताया- राज्य सरकार के द्वारा शहीद के परिवार को तत्काल 5 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक देर रात को सुपुर्द किया गया है।

बता दें कि 3 अक्टूबर को सिक्किम में बादल फटने के बाद सेना का कैंप भी तबाह हो गया था। तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई थी। इस आपदा में सेना के 23 जवान लापता हो गए थे। इसमें एक जवान राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ का भी था। 4 दिन रेस्क्यू के बाद उसकी पार्थिव देह मिली।

जवान की पार्थिव देह शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची। सड़क मार्ग के जरिए पैतृक गांव बर्डोद पहुंचाने के लिए सेना के जवान दिल्ली से निकले।
जवान की पार्थिव देह शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची। सड़क मार्ग के जरिए पैतृक गांव बर्डोद पहुंचाने के लिए सेना के जवान दिल्ली से निकले।

बहरोड़ के भवानी सिंह (30) की पार्थिव देह दोपहर 1 बजे दिल्ली एयरपोर्ट लाई गई। वहां से सड़क मार्ग से पैतृक गांव बर्डोद (बहरोड़) शाम 4 बजे पहुंची। भवानी सिंह को अंतिम विदाई देने और शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए लोग बहरोड़-अलवर स्टेट हाईवे पर भी जुटे थे। बर्डोद में शहीद के घर से 4 किलोमीटर पहले रुदवाले हनुमान मंदिर के पास से तिरंगा यात्रा की तैयारी की गई। शाम 4 बजे सेना के वाहन को फूलों से सजाया गया। मंदिर से बर्डोद के लिए तिरंगा यात्रा के साथ बाइक रैली रवाना हुई।

शाम 4 बजे बहरोड़ में रुदवाले हनुमान मंदिर के पास से शहीद भवानी सिंह की तिरंगा यात्रा की तैयारी। सेना की गाड़ी को फूलों से सजाया गया।
शाम 4 बजे बहरोड़ में रुदवाले हनुमान मंदिर के पास से शहीद भवानी सिंह की तिरंगा यात्रा की तैयारी। सेना की गाड़ी को फूलों से सजाया गया।

बर्डोद में बाजार बंद रहे और लोग तिरंगा यात्रा के रास्ते में सड़क के दोनों तरफ जुट गए।तिरंगा यात्रा शाम 5 बजे बर्डोद पहुंची तो पूरा गांव शहीद भवानी सिंह अमर रहें, वंदेमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा भवानी तेरा नाम रहेगा के नारे लगते रहे।

तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल युवा।
तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल युवा।

साथी बोले- हंसमुख थे भवानी सिंह

नायक भवानी सिंह की पार्थिव देह लेकर आए साथी नायक कुलदीप सिंह व नायक विक्की ने बताया- भवानी सिंह हमसे करीब 4 साल सीनियर थे। वे हंसमुख और मिलनसार थे। यूनिट में उनका व्यवहार सबसे अलग और दोस्ताना रहता था। उनके चेहरे पर कभी तनाव नहीं देखा।

कुलदीप सिंह ने बताया- 20 दिन पहले वे मुझसे मिले थे। तब कहा था कि मैंने बहरोड़ में फ्लैट लिया है। अब की बार छुट्टी पर जाऊंगा तो रजिस्ट्री करवानी है। नायक भवानी सिंह सेना में मोटर ट्रांसपोर्ट (MT) विभाग में थे। दस साल पहले 23 मार्च 2013 में उन्होंने आर्मी जॉइन की थी।

बहरोड़ के बर्डोद कस्बे में शनिवार को बाजार बंद रहे। बड़ी संख्या में लोग शहीद जवान के गांव पहुंचे हैं।
बहरोड़ के बर्डोद कस्बे में शनिवार को बाजार बंद रहे। बड़ी संख्या में लोग शहीद जवान के गांव पहुंचे हैं।

दिनभर बाजार रहे बंद

भवानी सिंह की शहादत की सूचना मिलने के बाद बहरोड़ और बर्डोद में बाजार बंद हो गए। हालांकि भवानी सिंह की पत्नी अर्चना और मां नीलम को शहादत की सूचना नहीं दी गई थी। परिवार के अन्य लोग अंतिम संस्कार की तैयारियां कर रहे थे। सूचना मिलने के बाद बर्डोद में सैनिक के घर के बाहर रिश्तेदारों, परिजनों, परिचितों व ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया।

चार दिन से घर में नहीं जला चूल्हा
पिछले 4 दिनों से घर में चूल्हा नहीं जला है। 3 अक्टूबर को भवानी सिंह की अर्चना (पत्नी) से बात हुई थी। हादसे के बाद से पत्नी और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था। घर के बाहर मेडिकल टीम तैनात रही। घर के अंदर आंगन में महिलाएं शहीद की मां नीलम और पत्नी अर्चना को सांत्वना देती रहीं। महिलाओं को उसके शहीद होने की भनक न लगे, इसके लिए घर के बाहर पेड़ों के नीचे रिश्तेदार, परिवार और गांव के लोग बैठे रहे।

तीस्ता नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया था।
तीस्ता नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया था।

15 फीट तक आया पानी, बह गए 41 वाहन

सेना से मिली जानकारी के अनुसार- तीस्ता नदी से लगे इलाके में आर्मी कैंप बाढ़ की चपेट में आ गया था। बाढ़ में कैंप के 41 वाहन बह गए थे। सिक्किम राज्य को देश से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे NH-10 भी बह गया। इसकी वजह से आवागमन बंद हो गया। डिफेंस PRO के मुताबिक- ल्होनक झील के ऊपर मंगलवार 3 अक्टूबर की देर रात करीब 1.30 बजे बादल फटा। इसके बाद लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया। इसके बाद नदी से लगे आसपास के इलाकों में पानी भर गया। कई घरों में भी नदी का पानी घुस आया। लोग घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में चले गए।

भवानी सिंह 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। वे 16 ग्रेनेडियर यूनिट में सिक्किम में तैनात थे।
भवानी सिंह 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। वे 16 ग्रेनेडियर यूनिट में सिक्किम में तैनात थे।

डेढ़ महीने पहले छुट्‌टी बिताकर गया था जवान
परिजनों ने बताया- सोनू (भवानी सिंह) डेढ़ महीने पहले ही छुट्टी मनाकर गया था। वह 16 ग्रेनेडियर यूनिट में सिक्किम में तैनात था। करीब 7 साल पहले ही दौसा जिले के बसवा के पास अर्चना उर्फ अन्नू से उसकी शादी हुई थी। सोनू के 6 साल का बेटा है, जो सैनिक स्कूल में पढ़ता है। पत्नी अर्चना अलवर में रहकर बीएड की तैयारी कर रही है। जवान के पिता नरेश सिंह पेशे से ड्राइवर हैं।

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