उपराष्ट्रपति-CM में जुबानी जंग तेज:धनखड़ बोले-कोई कितना ही कह दे, मैं राजस्थान आता रहूंगा; गहलोत ने कहा- आप मेरे घर पर आइए, स्वागत करूंगा
उपराष्ट्रपति-CM में जुबानी जंग तेज:धनखड़ बोले-कोई कितना ही कह दे, मैं राजस्थान आता रहूंगा; गहलोत ने कहा- आप मेरे घर पर आइए, स्वागत करूंगा

जोधपुर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लगातार हो रहे राजस्थान दौरे को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने सवाल उठाए थे। धनखड़ ने पलटवार किया और कहा- कोई कितना ही कहे, मैं राजस्थान आता रहूंगा। इसके जवाब में गहलोत ने कहा- आप मेरे घर आइए। मुख्यमंत्री आवास पर आइए, हम स्वागत करेंगे।
10 दिन पहले ही गहलोत ने कहा था- उपराष्ट्रपति अप-डाउन कर रहे हैं। बार-बार राजस्थान आ रहे हैं। इसका कोई तुक नहीं है। इसके बाद धनखड़ और गहलोत के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। शनिवार को धनखड़ जोधपुर और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने सीएम के उठाए गए सवालों का जवाब दिया।
किसान और वैज्ञानिकों के साथ उपराष्ट्रपति का संवाद
जोधपुर के काजरी में शनिवार को किसान और वैज्ञानिकों के साथ उपराष्ट्रपति का संवाद था। इस कार्यक्रम में उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ भी थीं। इसी कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा- मैं इतना ही कहना चाहता हूं, इतने बड़े पद की गरिमा छोटी सोच से खराब मत करो। मुझे समझ में नहीं आता की एक कृषक पुत्र का किसान के प्रति समर्पण कुछ लोगों को रास क्यों नहीं आता? प्रदेश में मेरी यात्राओं को लेकर अनर्गल बातें करना मुझे अच्छा नहीं लगता है। मैं आपको आश्वासन देता हूं आपका कृषक पुत्र हर परिस्थिति में कर्तव्य पथ पर आपके काम के लिए सजग रूप से आगे बढ़ता रहेगा। चाहे कोई बयानबाजी हो। इसमें किसी प्रकार के अवरुद्ध को मंजूर नहीं करेंगे।
बदलाव का केंद्र हैं किसान
उपराष्ट्रपति ने कहा- किसान जन्म से कड़ी मेहनत करता है। किसान बदलाव का केंद्र हैं। अपनी मेहनत से खजूर, अंजीर, जीरा किसानों ने उगाया। यदि इसका निर्यात किसान परिवार के बच्चे करेंगे तो बहुत बड़ा बदलाव आएगा। मैंने जिस बयान को बर्दाश्त किया है, वह सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं एक किसान पुत्र हूं। कोई मेरी आलोचना करे, कोई यह बयान दे, कोई कहे की वह बार-बार क्यों आते हैं तो उनको सोचना चाहिए। आपका कृषक पुत्र संविधान के अनुरूप काम करता है। नियमों के अनुरूप काम करता है, फिर उसके बारे में अनर्गल बातें क्यों? और कहते हैं इससे क्या होगा? इससे बड़ा बदलाव होगा।
कोई कुछ कहे, मैं आता रहूंगा
किसानों को दिए संबोधन के दौरान उन्होंने राजस्थानी में भी बात की। वे बोले- आपके बीच में आकर बहुत खुशी हुई। मैंने मेरे दिल की बात भी कह दी। मैंने तो यहां तक भी कह दिया कि कोई चाहे कितनी भी टोका-टोकी कर दे, कितनी भी बयानबाजी कर दे, कितने ही हथकंडे अपना ले, कितना ही कुछ कह दे, मैं आता रहूंगा। मुझे आपकी ताकत मिलती हैं। इस ताकत के सामने दुनिया की बड़ी से बड़ी बंदूक भी फेल हो जाए। इसलिए मैं कहना चाहता हूं। इतने बड़े पद की गरिमा छोटी सोच से खराब मत करो। इस पद की गरिमा समझो। समझ को छोटे राजनीतिक अखाड़ों में मत फंसाओ। जिन लोगों ने ऐसा किया है, मैं मानकर चलता हूं विवेकपूर्ण सोचेंगे, समझेंगे, सही रास्ते पर चलेंगे। अंत में किसानों को धन्यवाद देते हुए कहा आपका बेटा किसान के हक के लिए किसी भी हद के लिए जाने को तैयार है।
सूर्यकांता व्यास से लिया आशीर्वाद
जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी के साथ मंच पर पहुंचे तो उन्होंने सूरसागर की विधायक सूर्यकांत विकास से आशीर्वाद भी लिया। उनकी पत्नी ने भी विधायक को प्रणाम किया। सूर्यकांता ने धनखड़ के सिर पर हाथ फेर कर उन्हें आशीर्वाद दिया। धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि मैं जब विधायक था, तब सूर्यकांता जी भी विधायक थीं। सभा के अंत में उन्होंने पांडाल में मौजूद किसानों से भी मिले। उन्होंने वहां खड़े किसानों से पूछा- बार-बार आना चाहिए ना, किसी के बयान से नहीं रुकना चाहिए ना। तो किसानों ने कहा आपको बार-बार आना चाहिए। उन्होंने सभी किसानों से राम राम भी किया।
पहले भी आपका स्वागत किया, आगे भी करेंगे
सीएम ने जयपुर में चल रहे जीतो कार्य्रकम में उपराष्ट्रपति के बयान पर कहा- आप घर पर आइए, मुख्यमंत्री निवास पर आपका स्वागत करेंगे। पहले भी आपका स्वागत किया है, आगे भी स्वागत करेंगे। वे राष्ट्र के दूसरे नागरिक हैं। पहले शेखावत साहब और अब धनखड़ साहब राजस्थान से उपराष्ट्रपति बने हैं। उनके प्रति मेरा हाईएस्ट रिगार्ड है। मेरे उनके परिवार के साथ 50 साल से संबंध रहे हैं। आप सब जानते हो। पूरा प्रदेश जानता है।मैंने जो कहा- सोच-समझकर कहा। जो मैंने कहा, उसके मतलब क्या हैं वह भी समझ गए, मैं भी समझ गया हूं। पब्लिक समझ गई है। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना।
सूरतगढ़ में भी बोले- मैं आता रहूंगा
जोधपुर से पहले उपराष्ट्रपति श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ पहुंचे थे। यहां राष्ट्रीय बीज निगम की ओर से एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस सभा में भी उन्होंने सीएम का नाम लिए बिना कहा- यह कृषक पुत्र आपको पूरा आश्वासन देता है कि कृषि के लिए कर्तव्य पथ पर चलता रहूंगा। और बे-रोक टोक चलता रहूंगा। कोई चाहे कुछ भी बयान दे। उसका मेरे पर कोई असर नहीं होगा। किसान से मिलने के लिए, किसान के हालात ठीक करने के लिए मुझे किसी की इजाजत की आवश्यकता नहीं है। सीएम के बयान पर तंज कसते हुए अपने अंदाज में कहा- मेरा राजस्थान आना लोगों को अच्छा नहीं लगता, लेकिन मैं किसान का बेटा हूं और किसान की बात करता रहूंगा। किसान देश की रीढ़ की हड्डी है। किसान आत्मनिर्भर बनेगा, तभी आय बढ़ेगी।