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नबी से सच्ची मोहब्बत ही मोमिन की पहचान है : मौलाना जरीफ अहमद


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इस्लामपुरझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

नबी से सच्ची मोहब्बत ही मोमिन की पहचान है : मौलाना जरीफ अहमद

गरीब को गले लगाना और भूखे को खाना खिलाने का नाम ही इस्लाम है

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

इस्लामपुर : ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मदरसा फैजाने रजा में ईशा की नमाज के बाद एक रोजा अजीमुश्शान इजलास मुनक्किद किया गया। इजलास के मेहमाने खुशुसी जयपुर से मौलाना जरीफ अहमद बरकाती थे वहीं चूरू से मौलाना अनीश रजा भी तशरीफ लाए। इजलास का आगाज कारी मुनीर आलम ने तिलावते कुरआन से किया। इसके बाद मदरसा फैजाने रजा के तलबाओं की ओर से नबी की शान में एक से बढ़कर एक बेहतरीन नात शरीफ पेश की गई।

मौलाना जरीफ अहमद बरकाती (जयपुर) ने अपनी तकरीर में कहा कि नबी से सच्ची मोहब्बत ही मोमिन की पहचान और ईमान की बुनियाद है। नबी से मोहब्बत नहीं तो रब की बारगाह में कोई भी सजदा काबिले कुबूल नहीं। रब को राजी करना चाहते हो तो नबी से मोहब्बत और उनकी ताजीम करो।

चूरू से तशरीफ लाए मौलाना अनीश रजा ने अपने बयान में बताया कि नबी ना होते तो कायनात का वजूद भी ना होता। असल में मिलाद मनाना नबी व सहाबा की सुन्नत है। हुजूर की आमद ओर अल्लाह की रहमत पर खुशियां मनाओ। कामयाबी चाहते हो तो नबी के किरदार को अपनी जिंदगी में अपनाओ। आखिर में सलातो-सलाम पढ़कर तबर्रूक तकसीम किया गया और वतन में अमनों-चैन के लिए दुआ की गई।

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