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मुफलिसी में कटा बचपन, अब बच्चों के लिए 6 दिन में जुटाए 6 करोड़ रुपए, जानिए कैसे?


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मुफलिसी में कटा बचपन, अब बच्चों के लिए 6 दिन में जुटाए 6 करोड़ रुपए, जानिए कैसे?

पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में स्थित पथ भवन स्कूल के एक पूर्व छात्र ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में विश्व भारती विश्वविद्यालय को छह करोड़ रुपये की जमीन और एक इमारत उपहार में दी है।

Wali Rahmani Collected 6 Crore For Child Education In Bengal: पश्चिम बंगाल के रहने वाले 25 वर्षीय वली रहमानी इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। वजह है गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए जुटाए 6 करोड़ रुपए फंड। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के वली रहमानी ने गरीब बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनाने के लिए 6 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। उन्होंने 10 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। जिसमें से 6 दिनों में ही उन्होंने 6 करोड़ रुपए क्राउड फंडिग के जरिए जुटा लिए हैं।

कौन है दान करने वाला इंसान?

पथ भवन स्कूल के पूर्व छात्र और भौतिक विज्ञान में कई पेटेंट रखने वाले वैज्ञानिक अरबिंद मुखर्जी और उनकी पत्नी नीता मुखर्जी, जोकि एक रिटायर्ड शिक्षक हैं, ने सिमंता पल्ली इलाके में विश्व भारती विश्वविद्यालय के नाम 72 डेसीमल की जमीन और 5,000 वर्ग फुट की ‘पाथेर शेष’ नाम की एक इमारत की है। अरबिंद मुखर्जी ने 1951-1957 के बीच पथ भवन स्कूल में पढ़ाई की।

विश्व भारती के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि दान की गई संपत्ति उनकी (अरबिंद मुखर्जी) स्वामित्व वाली संपत्ति है। दंपति और उनके बच्चे इस संपत्ति को बिना शर्त दान करने के लिए सहमत हैं। संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 6 करोड़ रुपये है। गुरुवार को औपचारिक तौर पर हैंडओवर की गई संपत्ति।

मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने यहां न सिर्फ अलग-अलग विषयों को सीखा, बल्कि इस स्कूल ने उनका आधार बनाया था। उन्होंने कहा, “विश्व भारती ने मेरे जीवन को ढाला। मुझे यहां कुछ भी बदसूरत नहीं लगता, मेरे लिए यहां सब कुछ सुंदर है। अब आश्रम अधिक अनुशासित है। मुझे अच्छा लगता है।”

रहमानी गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए पिछले 3 साल से भव्य अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का ख्वाब देख रहे थे। उन्होंने स्कूल को नाम दिया ’उम्मीद एकेडमी’। फिलहाल उनकी ‘उम्मीद एकेडमी’ का निर्माण कार्य चल रहा है। एक किराए के कमरे में उनकी ‘उम्मीद एकेडमी’ चल रही है। जिसमें 300 बच्चे पढ़ते हैं। करीब 1500 से ज्यादा बच्चे उनकी स्कूल में एडमिशन के इंतजार में हैं लेकिन जगह नहीं है।

वीडियो जारी कर लोगों से की अपील

रहमानी ने टीओआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि मैंने पिछले 3 सालों में अलग-अलग लोगों के पास जाकर फंड के लिए मदद मांगी। लेकिन कोई घंटो बैठाकर रखता तो कोई हजार रुपए देकर कन्नी काट लेता। इसके बाद मैंने क्राउड फडिंग के लिए धन जुटाने का फैसला किया। पिछले 6 दिनों में 6 करोड़ रुपए का फंड आ गया है। जल्द ही 10 करोड़ रुपए आ जाएंगे।

क्राउड फंडिग के लिए रहमानी ने वीडियो रिकाॅर्ड कर देश के अल्पसंख्यक समुदाय से मार्मिक अपील की। उन्होंने कहा कि इस देश में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं इनमें से केवल 20 लाख लोग ही अगर 100-100 रुपए दान करते हैं तो मैं स्कूल के लिए 10 करोड़ रुपए जुटा लूंगा।

मुफलिसी में कटा बचपन

रहमानी ने बताया कि जब अकाउंट में 5 लाख से अधिक का फंड आया तो बैंक अधिकारियों ने मुझे स्कैम को लेकर सतर्क किया। इसके बाद मैंने बैंक अधिकारियों को साइट पर ले जाकर सारी चीजें वेरीफाई करवाई। गरीब बच्चों के लिए स्कूल बनाने का सपने देखने वाले रहमानी का जीवन मुफलिसी में कटा। पिता रिक्शा चलाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे बचपन में शिक्षा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इसलिए मैंने तय किया कि गरीब बच्चों के लिए ऐसा स्कूल होना चाहिए जिसमें बडे़ स्कूलों की तरह सारी सुविधाएं हो।

 

रिक्शा चालक के बेटे हैं रहमानी
गरीब बच्चों के लिए स्कूल बनाने की जद्दोजहद कर रहे रहमानी का बचपन भी मुफलिसी में बीता है. उनके पिता पहले रिक्शा चलाते थे. हालांकि, बाद में उन्होंने चमड़े का कारोबार शुरू किया. रहमानी कहते हैं, ”मैं गरीब बच्चों के लिए ऐसा स्कूल बनाना चाहता हूं, जहां बड़े स्कूलों की तरह सारी सुविधाएं होंगी.”

प्रयास की हो रही सराहना 
रहमानी के इस प्रयास की चौतरफा सराहना हो रही है. एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष मुंबई निवासी आमिर इदरीसी ने कहा, “इस लड़के ने जो कर दिखाया वह एक शानदार उदाहरण है. हमने इसके प्रयास को सपोर्ट करने के लिए अपने वेब प्लेटफार्म पर एक फंड रेजर क्रिएट किया है. साथ ही उसके प्रयास पर स्टोरी भी छापी है.”

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