हॉकी में लगातार आठवीं बार बेटियों ने जीता खिताब, बोलीं- 12वीं तक स्कूल करवा दो 12 बार जीतेंगे खिताब






गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं होने के कारण खेल क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बेटियां आगे पढ़ नहीं पाती हैं। अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिये ग्रामीण कई साल से धरना प्रदर्शन कर विद्यालय क्रमोन्नत करवाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन तक भेज चुके हैं, परंतु उनको निराशा ही हाथ लगी है और विद्यालय अभी तक क्रमोन्नत नहीं हो पाया है, जिससे खेल व शिक्षा के क्षेत्र में होनहार बेटिया आगे पढ़ नहीं पाती हैं।
ग्रामीण पूनमाराम चौधरी ने बताया, हमारी बेटियां खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, परंतु विद्यालय 8वीं तक ही होने के कारण हमारी बेटियां न तो उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाती हैं और न ही वे खेल क्षेत्र में आगे बढ़ पाती हैं। उनकी प्रतिभा को प्रदर्शन का मौका नहीं मिल पाता है। मेरी दोनों बेटिया राज्य स्तर पर खेल चुकी हैं, परंतु गांव में 8वीं तक ही विद्यालय होने के कारण में उनको आगे पढ़ा नहीं पाया हूं।
प्रेम सिंह ने बताया, झाक विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होने के सारे मापदंड पूरा करता है। परंतु उच्च अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी के कारण अभी तक इस विद्यालय को क्रमोन्नति का इंतज़ार है। इस विद्यालय के पांच किलोमीटर दायरे में कोई उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं। विद्यालय का नामांकन 250 से अधिक हैं, कक्षा आठ का नामांकन 42 है और गांव भौगोलिक रूप से टापूनुमा गांव है। अतः राज्य सरकार से मांग करते हैं कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए झाक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में जल्द से जल्द क्रमोन्नत किया जाए।
जेठाराम मेघवाल ने बताया, गांव में 70 से अधिक बालिकाएं राज्य स्तर पर खेल चुकी हैं। परंतु वर्तमान में इन बालिकाओ में अधिकतर 8वीं कक्षा उत्तीर्ण कर घर बैठी हैं। अगर गांव के विद्यालय को क्रमोन्नत किया जाए तो गांव की बेटियां न केवल बालिका शिक्षा में बल्कि खेल क्षेत्र में भी गांव नाम रोशन करेगी।