पर्यटकों के लिए खुला अलवर का ‘कुंवारा किला’, जानें इस नाम का रहस्य और लंबे समय से बंद होने का कारण
Alwar Bala Kunwara Fort Open For Tourists: पहाड़ पर बना यह किला करीब 5 किमी की परिधि में फैला है। इस किले में आने-जाने के लिए 6 दरवाजे थे।

अलवर : राजस्थान में मौजूद कुंवारे किले को जनता के लिए खोल दिया गया है। लंबे समय से इस किले की मरम्मत का काम चल रहा था। कार्य पूरा होने के बाद पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉक्टर महेंद्र खड़गावत ने किले को एक बार फिर खोलने के आदेश जारी किए है। जिसके बाद से पर्यटक इस कुंवारे किले की खूबसूरती को एक बार फिर निहार सकेंगे।
इस किले को ‘बाला किला’ के नाम से जाना जाता है, जो राजस्थान के अलवर में है। इस वजह से इसे ‘अलवर फोर्ट’ भी कहा जाता है। पूरे अलवर में अगर देखें तो यह किला वहां की सबसे पुरानी इमारत है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण कार्य 1492 ईस्वी में हसन खान मेवाती ने शुरू करवाया था। यह अपने भव्य संरचनात्मक डिजाइन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।


5 किमी में फैला है किला
पहाड़ पर बना यह किला करीब 5 किमी की परिधि में फैला है। इस किले में आने-जाने के लिए 6 दरवाजे थे। आमेर के राजा काकिल के दूसरे पुत्र अलघुरायजी ने संवत 1108 में किले का निर्माण कराया था। खानवा युत्र के बाद अप्रैल 1927 में बाबर ने किले में एक रात विश्राम किया था। यहां सूरजकुंड है, जिसे 18वीं शताब्दी में भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने बनवाया था। इसके अलावा 1775 में बना सीताराम मंदिर भी है।
क्या है 446 छेद का राज?
किले की दीवारों में 446 छेद हैं। इन छेदों का इस्तेमाल बंदूकों के लिए किया जाता था। यदि कोई आक्रमणकारी इस किले पर हमला करता तो इन छेदों में लगाई गई 10 फुट की बंदूकों से उन पर हमला बोला जाता। फिलहाल कभी ऐसी नौबत नहीं आई। इसमें 15 बड़े और 51 छोटे टॉवर हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से बनाए गए थे।
किले में हथियारों का म्यूजियम
किले में हथियारों का जखीरा रखा है। पहले यह आम पर्यटकों के लिए बंद था। केवल उन्हें अंदर जाने की अनुमति थी, जो अधिकृत परमीशन लेकर आते थे। मगर, अब पर्यटक न सिर्फ देख पाएंगे बल्कि सेल्फी भी ले सकेंगे।